पैसो का खेल
पैसो का खेल
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जितना भी कमा लो कम पड़ ही जाएगा या तो इंसान थक जाएगा या जब जवानी का जोश निकल जाएगा तब बुढ़ापे मे काम आएगा पैसाे की कीमत नहीं खरीदी गई वस्तु की कीमत हैं। उसी प्रकार इंसान की कीमत नहीं उसके द्वारा बनाई रचना की हैं। पैसा कमाने के लिए कोई असान तरीका अपना रहा हैं या तो कोई मुश्किल बना रहा हैं। पैसाे का सब खेल हैं इसकी भागदौड़ मे भागा जा रहा हैं। यह कोई साधारण कागज का टुकड़ा नहीं यह एक अनमोल हीरे के समान हैं। पैसा ही रिश्ते को जोड़ सकता हैं पैसा ही रिश्ते को तोड़ सकता हैं।