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Aarti Ayachit

Others

5.0  

Aarti Ayachit

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अनमोल संस्कार

अनमोल संस्कार

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"थैक्यू माँ" ज़िंदगी के हर सुख-दुख के पलों में तेरी ही दी हुई सीख व संस्कार को सार्थक रूप देते हुए ही जीवन में आगे बढ़ रही हूँ।

मुझे आज भी वो दिन याद है, तू अलमारी में कपड़ों के नीचे नकद राशि बचाती थी माँ, अपरिहार्य स्थिति में पापा को वही काम आते।

बेटी के जन्म के समय मेरी हिम्मत बनकर तुम ही साथ थी मेरे। तुम्हारे सानिध्य में रहकर ही मैं आत्मनिर्भर बन पाई। माँ मेरी लेखनी

को तुझसे ही मिला प्रेरणारूपी उपहार, इन्ही अनमोल संस्कारों को बच्चों के जीवन में करना है साकार।


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