जंगल में चुनाव
जंगल में चुनाव
जंगल मे चुनाव का मौसम आया। हर जानवर की तरह एक बंदर भी बहुत उत्साहित था। उसने सोचा वो एक बुद्विमान जानवर है। इस बार वो भी किसी अच्छे पद के लिये चुनाव लडेगा। सो उसने भी तयारी करना शुरू कर दी। उसने सोचा क्यों ना कुछ दोस्तों से सलाह मशवरा किया जाए।
सबसे पहले वो अपने दोस्त लंगूर के पास गया ओर उसे अपना प्लान बताया। पर वो लंगूर बहुत हँसा ओर उसको ऐसा करने से मना कर दिया। पर उसने लंगूर की बात को गंभीरता से ना लिया ओर अपने दूसरे दोस्तो के पास गया।
इसके बाद वो हिरण के पास गया। हिरण ने भी उसको समझया की ये सब उसके बस की बात नहीं वो अगर चुनाव लड़ा तो हार जाएगा। इसी तरह वो गधे, जिराफ और अन्य कुछ जानवरों के पास गया। पर वो जिस के पास जाता सब एक ही जैसा प्रतिक्रिया देते। शाम आते आते वो काफी उदास ओर निराश हो गया ।
वो उदास होकर चुप चाप बैठा था। तभी उस जंगल का सबसे बूढ़ा ओर बुद्धिमान ऊल्लू उसके पास आकर बैठ गया। उसने बंदर के उदास होने का कारण पूछा । पहले तो बंदर ने संकोच किया पर फिर सब कुछ बता दिया।
उलू ने बोला में जानता हूँ कि तुम एक योग्य उमीदवार हो पर लोगों की नज़र में तुम्हारी सालों की छवि ही है ।तुम हमेशा सिर्फ उछल कूद करते रहते हो इधर उधर आंतक मचाते हो, दूसरे जानवरो को परेशान करते हो। तो लोग तुम्हे कभी भी गंभीरता से नहीं लेंगे । इसलिये पहले अपना व्यव्हार सज्जन करो, दूसरों का सुख दुख जानो , उनकी बात समझो फिर देखना सब तुमको पसन्द करेंगे।
ये सुनकर बंदर ने पहले कुछ हामी भरी ओर फिर वहाँ से दूसरी टहनी पर उछाला ओर बोला तुम ठहरे ऊल्लू तुम क्या जानो । मैं तो चुनाव लड़ूंगा ।