Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

पंछी पतझड़ के...

पंछी पतझड़ के...

2 mins
1.5K


मुझे आज भी याद हैं वो हसीं वादिया, प्यारा समां बैठे थे हम झील के किनारे। कितने बुने सपने साथ - साथ चलने के! जनम - जनम साथ निभाने के! क्या तुम्हें याद हैं वो झील किनारे वो डाली पर बैठे पंछी... मेरा देर से आना, तेरा रूठना, रोना रुलाना! जाने कहां गये वो दिन? मुझे आज भी याद है तेरी झील सी नीली बड़ी-बड़ी आँखें, घुंघराले बाल लहराते हुए आना! होंठों पे मुस्कुराहट... दिल को छूने वाली मीठी मीठी सी बातें... मैने कहा था कितनी फुरसत से बनाया होगा तुम्हें बनाने वाले ने तुम शरमाकर गले लगी थीं!

 मैं सोचूँ अपने भविष्य के बारे में, तो तुम खामोश होती थी! कल का कल देखा जायेगा, आज का दिन खराब क्यूं करना, कहती थी तुम! मैं रोऊं तो तेरी आंखें भर आती थी! मेरी खुशी तेरे चेहरे से ही झलकती थी! जो भी करती थी दिलो जान से करती थी! मेरे चेहरे के भाव से सब कुछ पहचान लेती थी! तुम साथ थी मेरे, तो यह दुनिया गोकुलाधाम लगती थी! तुम नहीं हो तो पतझड़ का मौसम खतम होने का नाम ही नहीं लेता ऐसा लगता है! तेरी यादें मेरी नस - नस में समाई हैं! आखरी सांस तक मैं तुझे भूल नहीं पाऊंगा! क्या क्या भूलूं क्या क्या याद रखूं? मै आज भी अक्सर यहाँ आता हूं तो सोचता हूं कहां गये होंगे वो पंछी जो उस डाल पर बैठा करते थे? क्या उस डाल को आज भी इंतजार होगा उनका? सदियों तक रहेगा? या तेरी तरह वो भी सब कुछ भूल गये होंगे? उस बेचारी डाली को क्या मालूम की जाने वाले कभी वापस नहीं आया करते! कौन समझायेगा उस पगली डाली को? कैसा यकीन करेगा उसका पगला मन? उन्हें क्या पता पंछी तो घोंसला बदलते रहते हैं! हवा का रुख बदलना पहचान लेते हैं! मौसम बदलते ही ठिकाना बदलते है! ऊंचे गगन में उड़ान भरते हैं! मौसम कि तरह बदल जाते हैं!  यह तो हर साल होता है पतझड़ के पंछी तो अक्सर उड़ ही जाते हैं!

 

 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational