Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Pawanesh Thakurathi

Children Stories Drama Inspirational

4.9  

Pawanesh Thakurathi

Children Stories Drama Inspirational

वीर सिपाही

वीर सिपाही

1 min
2.5K


 रघुवर गाँव के इंटर कॉलेज में कक्षा बारह में पढ़ता था। वह पढ़ाई-लिखाई में औसत दर्जे का था, लेकिन लड़ने-झगड़ने में माहिर था। उसे फौज में भर्ती होने का शौक था। एक दिन की बात है, रघुवर ने अपने सहपाठी किशन को किसी बात पर भचाभच दो लात जमा दिए। साथ ही उसके ऊपर मुक्कों की बरसात भी कर दी। शिक्षक को जब इस बात का पता चला तो, उन्होंने रघुवर को बुलाकर कहा, "शाबाश रघुवा! पढ़ना-लिखना मत। ऐसे ही बन जायेगा तू वीर सिपाही।"   

रघुवर पर शिक्षक के इस व्यंग्य का गहरा प्रभाव पड़ा। चार साल बाद रघुवर फौज में भर्ती होकर सिपाही बन गया था। उसकी पहली तैनाती कश्मीर बार्डर में हुई। वह वाकई में अब देश का वीर सिपाही बन चुका था। 


Rate this content
Log in