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Chandresh Chhatlani

Abstract

5.0  

Chandresh Chhatlani

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इन खोपड़ियोंसे दिमाग नहीं लें

इन खोपड़ियोंसे दिमाग नहीं लें

3 mins
347


उस आदमी ने अपनी बाएँ हाथ की खुली हथेली में चमक रहे पाम-गेजेट में दाहिने हाथ की अंगुली से ‘प्रतीक चिन्हों के द्वारा तीव्र लेखन’ और फिर ‘भ्रमण रिव्यू’ का विकल्प चुना। गेजेट में सबसे ऊपर तारीख और स्थान अपने आप ही दिखाई देने लगे:


15 दिसंबर 2121

स्थान: प्राचीन संग्रहालय, भारत।


अब उसने अपनी दाहिने हाथ ही की अंगुली से पाम-गेजेट पर नीचे की तरफ उभर रहे कुछ बटन दबाए। गेजेट में ऊपर शब्द स्वतः ही बन रहे थे। वे थे,


"मैं अपने परिवार के साथ प्राचीन संग्रहालय में 45 मिनट के लिए गया। इन 45 मिनटों में हमें संग्रहालय की सिर्फ 5 वस्तुएं देखनी और समझनी थीं। लेकिन मैं पाँच वस्तुएँ देख नहीं पाया। दूसरी वस्तु देखते समय ही मेरा बेटा एहतिशाम मुझे एक अन्य टेबल के पास ले गया। वहाँ सौ साल पुरानी छह खोपड़ियाँ एक साथ रखीं हुई थीं। उसने पूछा, “इन सभी खोपड़ियों में क्या फर्क है?” मैंने ध्यान से देखा लेकिन मुझे कुछ समझ में नहीं आया।


मैंने मेरी पत्नी ब्रोनी को बुलाया और उससे इशारे में पू्छा, उसने भी उन खोपड़ियों को कुछ देर देखा और अपना सिर ना की मुद्रा में हिला दिया। अब मैंने चारों तरफ नज़रें घुमाईं तो वहीं पास में लगे हुए इन्क़्वायरी टूल पर ध्यान गया। मैं प्रसन्न हो गया कि अपने बेटे की जिज्ञासा का उत्तर दे पाऊंगा। वहाँ रखी ऑटो-रिकोग्नाइज़-चेयर्स पर हम तीनों बैठ गए और टूल में लगी ईयरसाउंड वाली छोटी स्क्रीन पर अपने-अपने अंगूठे रख कर अपने कानों की दूरी और सुनने की फ्रिक्वेन्सी सेट कर ली। अगले दो सेकंड ही में हमारी आँखों के सामने लगी बड़ी स्क्रीन में हलचल हुई और सौ साल पुरानी सभ्यता के लोग सामने आ गए।


और आश्चर्य था! आश्चर्य वीडियो बनाने वाले पर था। वे सभी खोपड़ियाँ थीं तो इन्सानों की ही। लेकिन उनमें से एक खुद को हिन्दू कहता था, दूसरा मुसलमान, तीसरा सिक्ख और चौथा ईसाई। पाँचवी खोपड़ी दलित की और छठी खोपड़ी एक किन्नर की थी। उस समय इन सभी को अलग-अलग माना जाता था।


मेरे मुंह से शब्द निकलते-निकलते बचे। बिना समय गँवाए मैंने पहले डिस्प्ले स्क्रीन ऑफ कर एहतिशाम की ईयर फ्रिक्वेन्सी को अनसेट किया और बाद में हम दोनों की। ब्रोनी को मैंने इशारा किया कि पुराने पेड़ों को आज के पर्यावरण में उगाने के बारे में रोबोट्स से जानकारी ले रही हमारी बेटी कीरत को इस तरफ मत लाना।


आप सभी को यह रिव्यू ब्रोडकास्ट करने से पहले मैंने संग्रहालय मैनेजर को भी इस डिस्प्ले के फ्युचर इफैक्ट का मेरे पर्सनालाइज़्ड ऑटो थॉट अण्डरस्टैंडिंग रोबो द्वारा इंस्टेंट वीडियो बनवा कर भेजा है जिसमें यह स्पष्ट है कि संग्रहालय से इन खोपड़ियों और उनके इन्क़्वायरी टूल को फौरन हटा दें अन्यथा यह हमारे बच्चों के ब्रेन्स में विध्वंसक प्रदूषण पैदा करेगा।


ब्रॉडकास्ट ह्यूमन

- स्वर


यह लिखकर उसने अपनी बाएँ हाथ की हथेली बंद की और उसी हाथ की अपनी छोटी अंगुली को दो बार दबा कर पाम-गेजेट को ऑफ किया फिर मेज की दराज से स्माइल-सप्लीमेंट की एक गोली निकाल कर मुंह में रख दी।


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