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Tanha Shayar Hu Yash

Fantasy Others Inspirational

2.2  

Tanha Shayar Hu Yash

Fantasy Others Inspirational

मिल गया

मिल गया

2 mins
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बहूँत दिनों से कुछ तलाश रहा था, कभी घर का सामान उथल-पुथल करता, कभी ऑफिस में सारी फाइल्स को इधर-उधर उठा कर रखता। ऑफिस से निकलता तो लगता की शायद यहाँ कुछ भूल गया हूँ। घर से निकलता तो लगता यार घर पर ही होगा। घर ही रखता था अपनी सारी ज़रुरी चीज़े।

फिर एक शाम छत पर टहलते हूँए सोचने लगा उस दिन कुछ हल्की बारिश थी। हाँ, बारिश ही थी, मैंने नया-नया ऑफिस ज्वाइन किया था। दोस्तों से मिलकर ऑफिस ही जा रहा था और मैंने उन्हें वो जोइनिंग लेटर भी दिखाया था। कितने खुश हुए थे सब, मैं भी बहूँत खुश था नई जॉब जो थी।

सब से मिलकर ऑफिस पहूँंचा हल्का भीगा हूँआ था। तब वो फोल्डर मैंने किचन में रख दिया था, फिर शाम को ऑफिस में नई जॉब की पार्टी दी और मैं ऑफिस से निकल कर, नहीं मैंने फोल्डर उठाया और घर की और निकल पड़ा। रास्ते में तो मैं कहीं रुका ही नही। अरे! हल्की बारिश जो थी, सीधा घर जाकर कपड़े चेंज किये जैसे मुझे बहुत जल्दी थी कुछ निकलना था फोल्डर से। मम्मी पापा के पास भी नहीं बैठा मैं उस दिन, कोई धुन-सी सवार थी।

तब मैंने वो गिफ्ट वाला पेन फोल्डर से निकाल कर चुम कर अपनी टेबल पर रखा था। अरे! वो पेन मेरी उसी अलमीरा की दराज़ के कोने में रख दिया था। मैं छत से भागा मुझे गिफ्ट में मिला पेन मिल गया था, ये वही पेन था जिसे मेरी दोस्त ने ये कहकर दिया था कि संभाल कर मत रखना उसे इतेमाल कर लेना।      


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