तुझे भूलने को दिल चाहता है अब
तुझे भूलने को दिल चाहता है अब
हर लम्हा तुझे भूलने को दिल चाहता है अब
पर तुझे भूलने की हर दुआ में तेरा नाम आता है अब
तुझे भूलने को दिल चाहता है अब
आँखें सुर्ख हैं, तेरे लिए आंसू न बहाने को मन चाहता है अब
पर रो रो कर, तेरी तस्वीर अश्कों में बहाने को दिल चाहता है अब
तुझे भूलने को दिल चाहता है अब
तेरी मासूमियत से नफरत करना चाहता हूँ अब
पर तेरी हंसी में खुद को भुलाना चाहता हूँ अब
तुझे भूलने को दिल चाहता है अब
तुझे नज़रंदाज़ करने को दिल चाहता है अब
पर तेरी दुनिया में अपना घर बसाने को दिल चाहता है अब ...
हर लम्हा तुझे भूलने को दिल चाहता है अब