तड़प
तड़प
मिसेज़ जोशी उठ कर खिड़की पर आईं। बाहर सड़क पर एक स्त्री अपने छोटे से बच्चे का हाथ पकड़ कर स्कूल ले जा रही थी।
मिसेज़ जोशी के मुंह से निकला पिंटू। उनकी सेवा करने वाली नर्स दीपा ने ना जाने कितने दिनों के बाद उनके मुंह से कुछ सुना था। पिछले कई सालों से वह अल्ज़ाईमर्स से पीड़ित थीं। जब उनके पति उनकी देखभाल करने में स्वयं को असमर्थ पाने लगे तो उन्होंने दीपा को उनकी देखभाल के लिए रख लिया।
दीपा ने मिस्टर जोशी से पूछा "सर आज मैम किसी पिंटू का नाम ले रही थीं। कौन है यह पिंटू ?"
"इतने सालों से मैं इसके साथ हूँ पर अब यह मुझे पहचानती भी नहीं है लेकिन जिसने पलट कर भी नहीं देखा उसकी अभी भी याद है इसे।"
दीपा कुछ समझ नहीं पा रही थी कि आखिर यह पिंटू कौन है जिसे इस हाल में भी मिसेज़ जोशी नहीं भूलीं।
"पिंटू मेरा भतीजा था। छह महीने की उम्र में भाई भाभी उसे छोड़ कर चले गए। तब नीलम ने उसे अपनी औलाद की तरह पाला। पर अपने पैरों पर खड़ा होने के बाद उसने पलट कर भी नहीं देखा। लेकिन नीलम आज भी उसके लिए तड़पती है। वरना जिसे अपना होश नहीं वह उसका नाम कैसे लेती।"