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mona kapoor

Inspirational

5.0  

mona kapoor

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माँ की शान बनती बेटियां

माँ की शान बनती बेटियां

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“वाह! कमाल कर दिया हमारे भारत की बेटियों ने दिखा दिया कि लड़कियां भी लड़कों से कम नहीं है, इसी का मिसाल बनती यह तीन बेटियां ,जिनकी माँ ने उन्हें अकेले अपने दम पर पाला और अपनी मेहनत से आज एयर फोर्स में फाइटर पायलट बन कर अपनी माँ का नाम रौशन कर रही है,गर्व है ऐसी माँ पर”।टेलीविजन पर आ रही इस खबर को सुन कर शांति जी के आज खुशी के आंसू नही थम रहे थे,उनका सपना जो पूरा हो गया था।कैसे अपनी बेटियों को अकेले रहकर, काम करके पाला था यह वही जानती थी।जब सब यहां तक की उनके खुद के पति ने तीसरी बेटी होने के बाद उन्हें घर से निकाल दिया था और उनके खुद के माता पिता ने भी उनके प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने में आनाकानी दिखाई थी तब कुछ समय के लिए वो टूट तो गयी थी परंतु अपनी हिम्मत न हारते हुए उन्होंने अपनी तीनों बेटियों को ही अपनी शक्ति बनाने की ठान ली थी और आज वो खुद को बेहद खुश किस्मत समझ रही थी कि उन्होंने अपनी कोख से इन्हें जन्म दिया।

शांति जी अपनी बेटियों के मनपसंद का खाना बनाने के लिए रसोईघर में गयी ही थी कि अचानक से बजी डोरबेल को सुनकर बाहर आकर दरवाजा खोला तो सामने आज से बीस साल पहले उनको छोड़ कर गए उनके पति को हाथ में फूल और मिठाई का डिब्बा लिए हुए खड़ा पाया।

आप! शांति जी ने खुद को संभालते हुए बोला।

हाँ, शांति..कैसी हो? और हमारी बेटियां कैसी है? आज टेलीविजन पर देखा तो सोचा....उनके आगे बोलने से पहले ही शांति जी बोल पड़ी।

“हमारी नही,सिर्फ मेरी बेटियां है वो क्योंकि आप तो उनके बाप होने का हक उसी दिन खो चुके थे जब तीसरी बेटी को जन्म देने के बाद अपने मुझे दोषी ठहराते हुए घर से और अपने जीवन से निकाल दिया था।शायद आप भूल गए थे कि संतान पुरूष के भाग्य से होती हैं फिर भी आपने मुझ तिरस्कृत किया।और आज जब वो मेहनत, लगन और संघर्ष से ऊचाइयों पर पहुँच गयी हैं तो आप आ गए खुद का नाम जोड़ने”।

खुद को मजबूत करते हुए शांति जी कटाक्ष रूपी स्वर में बोली “बेहतर होगा कि आप उनके आने से पहले चले जाए क्योंकि जिस पिता को वो मरा हुआ समझ कर उनकी पूजा करती है जब उसकी सच्चाई पता चलेगी तो वो टूट जाएगी”।

शांति जी की बातें सुनकर उनके पति निःशब्द से होकर दरवाजे से ही लौट गए और शांति जी ने चैन की सांस ली।


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