दिल ढूँढता है
दिल ढूँढता है
दिल ढूंँढता है किधर और कहाँ ये मालूम नहीं दिल की बात अब हर जगह जा कर बता थोड़ी सकते है दिल है कोई खेल का मैदान नहीं दिल सोने का था तो हर कोई खेल रहा था आज पत्थर बन गया है तो हर कोई तोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है . दिल ढूँढता है अपने बिखरे सपने को दुबारा समेटने को. दिल की बात ही अलग है ये तो हर किसी पर आ जाता है लेकिन ये तो नादान है . दिल पर चोट खाकर गिर तो जायोगे लेकिन समझदार जरूर बन जाओगे इसलिए एक बार दिल टूटवा कर देख लो आंनद और ठंडक शायद आपको मिल जाए. दिल उसी से लगाओ जो दिल रखता हो पत्थर से दिल लगा लिया बिखरते हुए नजर आ
जाओगे .
दिमाग आपका कितना भी बुद्धिमान को न हो लेकिन ये दिल बहुत नादान होता है . दिल देने वाले कितने मिल जाएँगे लेकिन सच्चा दिल किसी एक में ही मिलेगा .
पसंद और दिल दोनों ही हम सबको आकर्षित करते है दिल जब किसी पर आ जाता है तो वह पसंद बन जाती है और जब वह दिल टूट जाता है तो पत्थर बन जाता है .
जब आपके पास दिल लगाने वाला हो तब ही दिल की बाते करना वरना बेवजह ही अपना समय नष्ट मत करना, दिल लगाने के लिए साथी और प्रेम की जरूरत होती है बाकी सब तो बेवजह की बाते होती है . दिल ने खुद को ही बदनाम कर रखा है बिना कुछ सोचे समझे कुछ भी बोल देता है .
पत्थर दिल इंसान कब बनता है?
जब इंसान का दिल चारो तरफ से टूट जाता है और वह पत्थर दिल बन जाता है नाटक की दुनिया में दिल की बात किसी को न बताना मूर्ख की परिभाषा बनते जाओगे. दिल के जज़्बात हमेशा कवि और लेखक ही रखते है क्योंकि प्रेमभाव को वह बखूबी जानते है . माँ - बाप और गरीबों के पास सच्चा दिल होता है बाकि लोगो के पास पत्थर दिल होता है .
दो तरफा प्रेम सच्चा होता है एक तरफा में इंसान अंधा होता है . दिल शर्मीला होता है वह बातो को छुपाकर रखता है या दफ़न कर देता है . दिल लगाना सीखो दिल देना सीखो पहले सच्चा इंसान
खोजो .आज भी हर कोई दिल खोज रहा है लेकिन ठोकरों के अलावा कुछ प्राप्त नहीं होता. दिल वालों के पास दिमाग नहीं होता . दिमाग वालो के पास दिल नहीं होता.
पैसा दिल की जगह नहीं ले सकता.दिल पैसों से खरीदा नहीं जा सकता. अमीरों और गरीबों कभी दिल लगाते हुए देखा है हमेशा बिकता हुआ देखा है. सच्चा दिल और नकली दिल कभी दिल नहीं लगा सकते वह केवल मूर्ख बना सकते . शादी के रिश्तों में भी दिल जुड़ते और टूटते हुए दिखे है ।