भविष्य
भविष्य
आज हम लोग 2035 में प्रवेश कर चुके हैं। मेरा पुत्र 10 वर्ष का हो गया हैं, वो अब बहुत सी बातों पर तर्क करता हैं। अब पानी और पेट्रोल दोनों के दाम एक समान हो गए हैं। दोनों ही 100 रूपये प्रति लीटर हैं। एक बार मैं अपने बेटे को उसके विद्यालय की पाठ्यक्रम में से एक अध्याय पढ़ा रहा था कि बताते बताते मैं अपने बचपन की बातें उसे बताने लग गया।जब मैंने उसे ये बताया की बचपन में हम लोग कभी कभी नदी, तालाब इत्यादि में नहाने चले जाते थे।पीने की लिए पहले कुएं का जल प्रयोग होता था। फिर बाद में हैंडपंप वगैरह से पीने वाला पानी मिलने लगा।तो ये सुनकर उसने कहा कि,"डैड, आप कहानी बहुत अच्छी सुनाते हो।योर इमेजिनेशन पावर इज सो स्ट्रांग, आपकी इन बातों की आगे तो साइंस कि फिक्शन मूवीज भी फेल हैं।" अब मैं अपने बचाव में कुछ कह भी नहीं सकता था।क्योंकि आज कि स्थिति की हिसाब से वो शायद सही सोच रहा था।
अब लोगो को सूखा पड़ने का ताज़्जुब नहीं, बल्कि अगर कही बारिश होती है तो ताज़्जुब होता है।अब तो नहाने की लिए जो पानी आता है, उसे पुनः भाप बनाकर कल की नहाने के लिए रखा जाता है। मैं अपने बेटे को वापस गांव ले गया।मैं हतप्रभ था जो नदी कभी बाढ़ आने पर लोगों के घर तक पहुंच जाती थी, आज सिमटकर सिर्फ एक मीटर चौड़ी नाली की जैसी हो गयी है।और उसका पानी तो अत्यंत प्रदूषित।मेरे बेटे ने मुझपर व्यंग्य कसते हुए कहा ," तो डैड , आप इस नदी में नहाने आते थे , इसमें तो मेरे पैर भी कायदे से नहीं डूब रहे, नहाएंगे कैसे, और ऊपर से इतने गंदे पानी में कैसे नहाते थे आप लोग।" मैं चुपचाप उसे लेके घर चला आया, उसे कैसे बताता कि बेटे ये पिछले 15 -20 वर्षों में हुआ है, वो भी हमारी पीढ़ी के लोगों ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया सिर्फ इसलिए।