भीड़ का हिस्सा
भीड़ का हिस्सा
क्या आप सब भीड़ का हिस्सा हैं? क्या आप एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं ?तो चलो शुरू करते हैं। आप एक ताला हैं और चाबी मेरे पास है तो आप मेरे गुलाम हुए ।चाबी और ताला दोनों आपके पास है तो आप राजा हुए ।
भीड़ में तो सब मिल जाएंगे लेकिन उस भीड़ से निकल कर अलग पहचान बनाना आपका काम है।पैसा है तो वो भीड़ भी पूछेगी ना हो तो कौन आप कौन मैं।
भीड़ तब नहीं पूछती जब आप अकेले होते हो, भीड़ तब पूछती है जब आप अकेले भी खुश होते हो ।अगर आपके अंदर कला है तो जीत पाने के लिए किसी की जरूरत नहीं पड़ती ।भीड़ में या
गुम हो जाना या अपनी एक अलग पहचान बनाना निर्भर आप पर करता है।जो सपने देखता
है वो गिरना पसंद नहीं करता ।जो किस्मत में लिखा होगा वो तुम्हारा होगा ना मिले उसको भुलाना होगा। दिल को पत्थर बनाओ तब आगे बढ़ पाओगो नहीं तो किसी के हाथ काट खाओगे ।