Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ख़ुशी का पैमाना

ख़ुशी का पैमाना

4 mins
554


"कुछ बुखार वगेरह ही है ना डॉक्टर साहब ? कुछ दूसरा मत निकाल दीजियेगा.. डेंगू मलेरिया कुछ।"

"अरे मियां, आप तो ऐसे कह रहे जैसे हमारे हाथ में हैं।"

"अरे आपके हाथ में ही तो है, पर्चे पे जो लिख देंगे, कानून सा मानना पड़ेगा हमको।"

"हा हा हा.. चलो ऐसी बात है तो हम आपको खुश रहने की हिदायत लिख देते हैं पर्चे पे।"

"हमारी खुशी में आपका कुछ कमीशन है क्या डॉक्टर साहब ? क्या है कि हम सुने हैं कि आपकी बिरादरी वाले सिर्फ कमीशन वाली चीजें ही लिखते हैं पर्चे पर।"

"मियां तंज कसने मे ही रह जाओगे। कह रहे कि खुश रहो वरना ये ज़िन्दगी भी एक तंज ही बन जाएगी तुम्हारे लिए।"

"आप तो ऐसे कह रहें हैं कि हम तय कर सकते हैं कि हमे कब खुश रहना है और कब मायूस।"

"मियां बिल्कुल। यही तो कह रहे हैं, मर्ज़ी होनी चहिये बस। अच्छा दिक्कत क्या है, मतलब खुश रहने में ?"

"अरे डॉक्टर साहब ! ...चलिए सुनिए हमारा दुख दर्द..आज आप लपेटे गये हैं.. पूरी बात बताएंगे फिर ही जाने देंगें।"

"हा हा हा...आप तो डरा रहें हैं मियां। चलिए बताइये, हमारे सब्र का इम्तेहान हो ही जाए आज।"

"डॉक्टर साहब, हम सोचे थे कि नौकरी नहीं करेंगे, करेंगे तो अपना कुछ और हमारी अम्मी और वालिद साहब के साथ ही रहेंगे। और देखिए अब इस छोटे से शहर में अकेले पड़े हैं एक वाहियात नौकरी करते हुए और जरा जरा सी बात पे आपके मोहताज हुए जाते हैं।"

"और मियां वो बेवफाई जो हुई आपके साथ..उसका ज़िक्र.."

"डॉक्टर साहब, हमारा तो पता नहीं कि खुश कैसे रहेंगे, पर आप हमारी दुखती रग पकड़कर अपना खून बढ़ाते रहिये।"

"हा हा हा..अरे नहीं मियां..अच्छा नहीं करते बात आपकी बेवफ़...मतलब पुराने इश्क़ की। अच्छा एक बात बताइये, मतलब एक दफा मान लीजिए कि आज आपकी किसी छोटे से गांव में बदली कर दी जाए जहाँ आपके खाने पीने के भी वानदे हो जाएं और डॉक्टर तो दूर, कोई हकीम भी आस पास नज़र ना आये।"

"अरे डॉक्टर साहब कमसकम बद्दुआ तो मत ही दीजिये।"

"मियां अब सोचो कि वहाँ आपको ये ख़याल नहीं आएगा कि काश पुराना शहर ही मिल जाये। ये कहा फंस गए।"

"क्यों नहीं आएगा डॉक्टर साहब। और आखिर हम क्यों जाएंगे ऐसी जगह। हमें जाना ही नहीं।"

"आप खुद ही जवाब दे चुके मियां अपने सवाल का।"

"मतलब।"

"अरे मियां किसी को 4 दिन भूखा रखा जाए तो फिर उसे खुश करने के लिए रोटी काफी होगी या दूध जलेबी ही लानी पड़ेगी ?"

"ये कैसा सवाल हुआ ? डॉक्टर साहब भूखा तो सूखी रोटी से ही खुश हो जाएगा ना।"

"वही तो मियां। इतना ही आसान है खुश रहना और आप हैं कि खुश रहने के लिए भुखा होना ज़रूरी समझ रहेंं हैं।"

"समझे नहीं डॉक्टर साहब।"

"मतलब ये की खुशी का पैमाना इतना बड़ा किये हुए हैं आप मियां कि आप कुछ भी हासिल कर ले खुशी हासिल नहीं होगी। बचपन में जो पानी मे नाव चला कर खुश हो जाता था, वो आदमी समंदर में स्पीड बोट से भी खुश नही होता, सोचता है काश क्रूज में जा पाता।"

"तो क्या कुछ बड़ा हासिल करना या ख्वाब देखना गलत साहब ?"

"नहीं मियां, बिल्कुल भी नहीं। पर उन ख्वाबों को अपनी खुशी का पैमाना बनाना गलत है। हम सिर्फ ये कह रहें कि ये तय मत कीजिये कि खुश कब होना है। हँसी आती है तो रोकिये मत, नादान रहिये।"

"पैसा घर गाड़ी भी तो कुछ होता है ना डॉक्टर साहब ?"

"जैसे छोटे बच्चे चाहे वो ग़रीब का हो या अमीर का, जब खुश होते हैं तब चेहरे पे चमक बराबर होती है, कम ज्यादा नहीं। वैसे ही पैसा घर गाड़ी मायने नहीं रखती मियां। रखती है तो सिर्फ आपकी मर्जी।"

"मर्ज़ी ? मतलब मैं मेरी मर्ज़ी से खुशी हासिल कर सकता हूँ डॉक्टर साहब ?"

"फ़कत माजरा तो यही है ना कि हम सब तो ज़माने की मर्ज़ी के मुरीद हैं। जो टीवी फेसबुक ट्विटर पे सब दिखाया जाता है बताया जाता है वो ही सब हम हासिल करना चाहते हैं मियां। दूसरों की ज़िंदगी, दूसरों की गाड़ियां, दूसरों की खुशी। और आपके लिए कहूँ तो दूसरे की महबूबा.."

"आ गए ना अपनी पे आप डॉक्टर साहब। हम यही सोच रहे कि इतनी संजीदा बात आप कर कैसे सकते हैं। आपको तो बस हमारा ना-मुकम्मल इश्क़ ही नज़र आता है आखिर में।"

"अरे अरे मियां आप तो बिफर गए। वैसे आपका इश्क़ तो मुकम्मल हुआ था क्योंकि वो आपका खुद का था, हाँ ज़िद पूरी नहीं हुई क्योंकि उसमे किसी और कि भागीदारी की ज़रूरत थी। उम्मीद मार देती है मियां, उम्मीद।"

"डॉक्टर साहब, बख्श दीजिये। आपकी सारी फिलोसोफी हमारी मोहब्बत पे आके ही खत्म होती है।"

"हा हा हा..मियां क्या करें, आखिर सारी दुनिया की सारी फिलोसोफी मोहब्बत से ही तो शुरू होती है।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama