Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ख़ूनी गुड़िया भाग 4

ख़ूनी गुड़िया भाग 4

2 mins
7.7K


ख़ूनी गुड़िया
भाग 4


स्नेहा ने गुड़िया की तलाश में इधर-उधर देखा लेकिन उसे वह कहीं दिखाई नहीं पड़ी। यह क्या हो रहा है? क्या मैं पागल हो रही हूँ? स्नेहा बुदबुदाई। ऑफिस जाने के लिए देरी हो रही थी। स्नेहा ने सिर झटक कर टॉवेल उठाया और लपक कर बाथरूम की ओर बढ़ गई। बाथरूम का दरवाज़ा खोलते ही उसे मानो बिजली का दस हजार बोल्ट का झटका लग गया। शैतानी गुड़िया वाशबेसिन में बैठी भीतर पैर लटकाए स्नेहा के टूथब्रश से दांत घिस रही थी। उसकी आँखें कटोरियों में जोर-जोर से घूम रही थी। स्नेहा को देखते ही उसने एक भयानक अट्टहास किया फिर चिंचियाती-सी आवाज़ में बोली, आओ आओ! ब्रश करोगी? स्नेहा घबराकर वहाँ से भाग निकली। यह गुड़िया ज़रूर प्रेतबाधित है। स्नेहा का गला सूख गया। वह जोर-जोर से हांफती हुई फ्रिज के पास पहुंची और पानी की बोतल के लिए फ्रिज खोला तो भीतर पड़ी दूध की प्लास्टिक की थैली पर उसकी नजर पड़ी। यह थैली यहाँ कैसे आ गई? दूधवाला रोज़ दरवाज़े के बाहर एक डोलची में दूध की थैली रख जाता था जो स्नेहा बाद में उठा लेती, लेकिन आज तो अभी उसने दरवाज़ा खोला ही नहीं तो यह थैली फ्रिज में कैसे आ गई? एक आहट पर उसने बाएं देखा तो गुड़िया अपनी गोल-गोल आँखें मटकाती खड़ी थी। मैंने बाहर से दूध लाकर फ्रिज में रख दिया, दूधवाला अभी भी बाहर खड़ा है, बोलकर गुड़िया जोर से हंस पड़ी।
स्नेहा की समझ में नहीं आया कि शैतान गुड़िया क्या कह रही है उसने दौड़ कर दरवाज़ा खोला तो ऐसा लगा मानो भूचाल आ गया हो। उसके पांवों के नीचे की ज़मीन कांपने-सी लगी। मेन दरवाजे के आगे एक सेफ्टी डोर लगा हुआ था जिसमें लोहे की ग्रिल लगी थी। उस ग्रिल को एक हाथ से पकड़े दूधवाला रमेश यादव टिका हुआ बैठा था उसके सीने पर ठीक दिल पर एक लंबे फल का चाक़ू मूठ तक घुसा हुआ था जिसमें से रक्त की एक धार अभी भी धीमे-धीमे बह रही थी। स्नेहा ने बिजली की तेजी से उस चाक़ू को पहचान लिया क्यों कि अभी हफ्ते भर पहले ही वह बड़े शौक से यह कोरिया का बना चाक़ू मॉल से खरीद कर लाई थी। रमेश की आँखें बंद थीं शायद वह मर चुका था। स्नेहा के मुंह से भयानक चीख निकली उसके घुटने मुड़ने लगे, मानो उन्होंने शरीर का वज़न उठाने से इनकार कर दिया हो। वह अचेत होकर गिर पड़ी। उसकी चेतना लुप्त होने से पहले उसे इतना आभास जरूर हुआ कि अगल-बगल के फ्लैट्स के दरवाज़े खुलने लगे हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action