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पानी बचाएँ जीवन बचाएँ

पानी बचाएँ जीवन बचाएँ

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जरा सोचिए,आप सुबह अपने दैनिक कार्य के लिए बाथरूम गए हों,पर फ्लश करने के लिए,ब्रश के लिए और स्नान आदि कार्यों के लिए पानी न हो,नल सनसनाकर चुप हो जाए|पानी की एक बूँद भी न हो,तो आप क्या करेंगे;जाकर मोटर ऑन करेंगे|पर,एक-डेढ़ घंटे चलने के बावजूद भी आपका समरसेबल,पानी की एक बूँद भी न दे,नल खामोश रहे|तब..एक पल ठहरकर सोचिए|इसकी कल्पना मात्र से हीं रूह कांप जाती है|

हमारी सभ्यता जल से शुरू हुई है और जल हमारे जीने का एक स्रोत भी है|पर आज पानी का स्रोत बहुत सीमित हो गया है|बढ़ती आबादी,प्रदुषण,भवन निर्माण,खेती के लिए आतिक्रमण,मानवीय लालसा ने हीं इस जल संकट को आमंत्रित किया है|नदियाँ सुख रही है|तलाब और झील अपना अस्तित्व खो रहे है|जल संपदा को भी मानवीय कृत्य ने लील लिया है|

आज कई जगहों पर पानी के लिए मारामारी होती है|लंबी-लंबी कतारें मिलती है|लोग नालों में ताला लगा देते ही|अभी हाल में हीं टीवी पर एक खबर आई थी|पानी के अभाव में ऑपरेशन रुका|बताइए...हम कहाँ जा रहे है,अपनी तरक्की और स्वार्थ के लिए|

वक़्त रहते चेत जाना अच्छा है|इसके लिए जल संरक्षण अतिआवश्यक है|मैंने कई जगहों के बारे में पढ़ा है जहाँ पानी के संग्रहण के लिए लोग खुद कार्य करते हैं|बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं और उसे अपने काम में लाते हैं|ईटों की चादर बिछ जाने से भी पानी अंदर तक नहीं रिस पाता|फलत: भूजल का स्तर गिर जाता है|अपने घर के आसपास पेड़-पोधें लगाकर,हम भूजल का स्तर ठीक रख सकते हैं|रात को सोने से पहले फ्लश,नल को एक बार देख लेन चाहिए|नल के ख़राब होने पर उसे तुरंत ठीक कराएं ताकि पानी बर्बाद न हो|

जब अंबर अपना कोस लुटाये तब हमें उसे अपने पास संजोकर रख लेना चाहिए|पानी का विवेकपूर्ण प्रयोग करें|इसकी हर बूँद जीवनदायिनी है|बिना जल के जीवन संभव नहीं है|और इसलिए हमारी धरती पर जीवन है क्योंकि यहाँ पानी है|

रहिमन पानी राखिये,बिं पानी सब सून|

पानी गये न ऊबरे मोती,मानुष,चून||


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