रिश्ते का अंत
रिश्ते का अंत
रिश्तों का क्षेत्रफल तो सब देखते हैं, ऊँचाई, लम्बाई पर उस रिश्ते की गहराई कोई नहीं देखता।
रिश्ते को बिखरने के बहाने तो बहुत मिल जाएंगे, आओ रिश्ते से जुड़ने का वक़्त निकालें, जब हम रिश्तों के लिए वक़्त नहीं निकालते तो, वक़्त हमारे बीच से ही रिश्ता निकाल देता है।
अभी कुछ दिनों पहले मेरी कॉलेज की पुरानी सखी रीना से मुलाकात हुई। कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म कर सब अपनी लाइफ में बिजी हो गए, कुछ की शादी हो गई हमारे साथ विनय और रीना भी पढ़ते थे उनका कॉलेज टाइम में अफेयर्स होगा लेकिन कभी किसी को नहीं जाहिर हुआ, विनय आई .एस. की तैयारी करने लगा, रीना मल्टीनेशनल कम्पनी में जॉब में भी उसी कम्पनी में जॉब में शहर अलग -अलग थे।
फिर भी बातचीत हो जाती, एक दिन रीना का फोन आया, मैंने विनय से शादी कर ली उसने बताया हमने "लव मैरिज की है।
आज मैंने विनय की बर्थडे पर फोन किया विश करने, रीना से बात करवाने का कहा तो उसने बताया तुम्हें नहीं मालूम, हम दोनों ने तलाक हो गया है। विनय भी मेरा अच्छा फ्रेंड है, उसने कहा- हम दोनों ने अपने रिश्ते को बचाने की बहुत कोशिश की, असल बात रीना ने अपने रिश्ते को वक़्त नहीं दिया, वो "दिल्ली" से विनय के पास 'हैदराबाद' नहीं आना चाहती।
विनय ने बताया की वो अपना केरियर एंबिशियस थी वो बार-बार जो अपने साथियों के बारे मैं कहती- "अमेरिका, लंदन" अलग -अलग जगह कितना कमा रहे हैं। हम यही सबसे पीछे रह जाएंगे तुम भी आई .एस की जॉब छोड़ो बाहर जाने की सोचो .....बस वहीं से हम दोनों में और भी बातों पर दूरियाँ बढ़ती गई।
वो अपनी फेमिली भी बढ़ाना नहीं चाहती थी। सिर्फ अपने केरियर पर पूरा फोक्स, मेरे पास आकर रहने को तैयार नहीं थी।
आज लगा दोनों की "लव स्टोरी" का अंत ऐसा तो नहीं होना था।
"भूख" रिश्तों को भी लगती है, प्यार परोस कर तो देखिए प्यार से क्या नहीं हो सकता...।
प्यार में वह ताक़त है, टूटे हुए दिल को जोड़ देता है।