Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

बचे हुए चने

बचे हुए चने

2 mins
1.9K


एक बड़ा सूटकेस पहियों पर घसीटते हुए शहरी लड़की प्रतीक्षालय में प्रवेश की, साथ में उसकी आधुनिक मॉम और सामान्य पिता थे, पिता ने दूसरा सूटकेस उठा रखा था। बैठने की व्यवस्था बनाने के बाद पुरुष ने कानाफूसी की और कुछ लेने के उद्देश्य से बाहर गए और थोड़ी देर में एक बड़ी कोल्ड ड्रिंक की बोतल और कुछ गिलास लेकर हाजिर हुए। भुने चने कुटकते हुए मेरी नजर अनायास ही उधर अटक गई।

आधुनिक मॉम ने साधिकार बोतल पर कब्जा किया, फिर दोनों को पेय परोसने के साथ ही स्वयं गटकना शुरू किया। फिर दूसरा दौर चला। मैडम ने तीसरी बार पति की ओर बोतल बढ़ाई तो उन्होंने हाथ हिला दिया, फिर बेटी ने भी सिर हिलाकर न का संकेत दिया। महिला ने अभी तक भी आधी भरी बोतल को कुटिलता से देखा, फिर कुछ भिन्न प्रकार की भाव भंगिमा से दोनों के गिलास भर दिए, बाप-बेटी ने बेवशी में गिलास गले से उतारे। अतिरिक्त पारी का प्रदर्शन करते हुए मैडम ने उसे खाली करने के बाद ही दम लिया। कुछ पलों में ही वे लोग अपनी डगर पर निकल पड़े। अब मुझे महसूस हुआ कि कई मिनटों से, चने नहीं खा रहा था।

मेरे दाहिनी ओर की संयुक्त कुर्सियों पर एक अति साधारण व्यक्ति जो अपनी पुत्री के साथ पहले से ही बैठा था, कुछ विमर्श कर अनमना बाहर गया और एक लीटर की ऑरेंज रंग की कोल्ड ड्रिंक ले आया। उन दोनों ने अपनी इच्छानुसार उसका सेवन किया, फिर आपस में विचार विमर्श कर एक तिहाई भरी बोतल को ढक्कन बंद करके पीठ के पीछे अलमारी में सरका दिया, जैसे बाद में यहाँ कोई जान पहचान वाला आयेगा, उसके काम आ जायेगी। इस बार जैसे ही मैंने कागज के खोके से चने के दाने लेकर मुँह की ओर हाथ बढ़ाया, मन बेमन सा हो गया।

लगभग आधे चने बचे थे, मेरी रेल आने की उद्घोषणा होने लगी। दाहिने हाथ से चने की पुड़िया को बैग में रखने लगा कि बाँये हाथ ने झटक कर पास खुली अलमारी के खाने में रख दिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama