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ये इश्क़ नही आसान

ये इश्क़ नही आसान

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हेलो रोहित, कंपनी के एम. डी. मिस्टर भल्ला आवाज लगाते हैं।

हेलो सर। कैसे है आप, रोहित मिस्टर भल्ला की ओर देखकर बोलता है।

मैं अच्छा हूं, तुम कैसे हो, मिस्टर भल्ला रोहित से पूछते हैं।

मैं भी अच्छा हूं सर, रोहित मिस्टर भल्ला को जवाब देता है।

रोहित वो तुम्हारे लिए कल से एक नया टास्क है, मिस्टर भल्ला अपने फ़ोन से नज़रें उठाकर रोहित की ओर देखकर बोलते हैं।

कौन सा टास्क सर, रोहित मिस्टर भल्ला से पूछता है।

वो कल मेरी बेटी निकिता कंपनी जॉइन कर रही है और मैं चाहता हूं के वो तुम्हें असिस्ट करे, क्योंकि तुमसे अच्छा और सख्त गुरु उसे भला ओर कौन मिलेगा यहां, मिस्टर भल्ला रोहित के कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए बोलते हैं।

ओके सर, रोहित हाँ में सर हिलाते हुए बोलता है।

उसके बाद रोहित अपने घर चला जाता है।

दूसरे दिन सुबह 9 बजे रोहित ऑफिस पहुँचता है और सीधे अपने केबिन में चला जाता है।

गुड मॉर्निंग मिस्टर रोहित, बोलते हुए एक लड़की जिसकी उम्र 24 साल होगी वो रोहित के केबिन में प्रवेश करती है।

गुड मॉर्निंग, आप कौन ? रोहित उस लड़की से पूछता है

तभी पीछे से मिस्टर भल्ला बोलते हैं-

रोहित ये ही है मेरी बेटी ,निकिता भल्ला। जिसके बारे में मैंने तुम्हें कल शाम बताया था।

ओह, हाय मिस निकिता, रोहित निकिता से हाथ मिलाते हुए कहता है।

निक्की बेटा, ये है हमारी कंपनी के सीनियर मैनेजर रोहित,

मैं चाहता हूं कि वो तुम्हें असिस्ट करे, क्योंकि तुमसे अच्छा ओर सख्त गुरु उसे भला ओर कौन मिलेगा यहां, मिस्टर भल्ला रोहित के कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए बोलते हैं।

ओके सर, रोहित हाँ में सर हिलाते हुए बोलता है।

उसके बाद रोहित अपने घर चला जाता है।

दूसरे दिन सुबह 9 बजे रोहित ऑफिस पहुँचता है और सीधे अपने केबिन में चला जाता है।

वह निकिता को बुलाता है और कहता है-

निकिता ,सबसे पहले आपकी योग्यता पर बात करते हैं, चेयर पर बैठते हुये रोहित निकिता से बोलता है।

ओर निकिता को कुर्सी पर बैठने को बोलता है।

थैंक्यू मिस्टर रोहित, निकिता कुर्सी पर बैठते हुए बोलती है।

नॉट रोहित, मैं आपसे सीनियर हूं ओर उम्र में भी बड़ा तो सिर्फ सर, गॉट इट, रोहित, निकिता से सख्त लहजे में कहता है।

ओके सर, निकिता सर हिलाते हुए बोली।

गुड, तो आपने क्या शिक्षा ले रखी है ? रोहित, निकिता से पूछता है। मैंने बिज़नेस मैनेजमेंट से एम.बी.ए, किया है, ट्रिनिटी यूनिवर्सिटी से, निकिता अपनी फ़ाइल रोहित को देते हुए बताती है।

वेरी गुड, रोहित निकिता की फ़ाइल को देखते हुए बोलता है।

थैंक्यू रोहित...मेरा मतलब सर, निकिता आंखे झुकाकर बोलती है।

इट्स ओके,रोहित बोलता है।

अभी आप जाकर नवीन से सूरत वाले क्लाइंट की फ़ाइल ले लो और उसे अच्छे से पढ़ो ओर समझो कल मीटिंग है तो तुमको भी साथ मे अटेंड करनी है, रोहित, निकिता से कहता है।

ओके सर, निकिता सर हिलाते हुए बोलती है।

अब आप जा सकती हो, रोहित, निकिता को जाने के लिए बोलता है।

निकिता उठकर बाय बोलकर जाने लगती है।तभी पीछे से रोहित बोलता है, आप आज फ़ाइल लेकर घर जा सकती हो, आज आपका पहला दिन है तो आप घर जाकर फ़ाइल को अच्छे से पढ़ ओर समझ सकती हो।

निकिता सर हिलाते हुए रोहित के केबिन से चली जाती है।निकिता, नवीन से फ़ाइल लेकर घर निकल जाती है।

कितना खड़ूस है ये रोहित का बच्चा, पहले दिन ही मूड ऑफ कर दिया, कॉल मी सर ओनली, मतलब मेरे पापा की कंपनी ओर मुझे ही अकड़ दिखाता है। बच्चू तुम्हारा पाला भी निकिता भल्ला से पड़ा है। हुह , निकिता ये सब अपने मन में सोचती है।

दूसरे दिन सुबह के 11 बजे हैं, निकिता आफिस पहुँचती है और सीधे रोहित के केबिन में जाती है।

निकिता देखती है के रोहित अपने केबिन में मीटिंग में बिजी था।

क्या मैं अंदर आ सकती हूं, निकिता केबिन के गेट पर से बोलती है।

सर मैंने फ़ाइल को बहुत अच्छे से पढ़ ओर समझ लिया है, निकिता हाँफते हुए रोहित को बोलती है।

शायद जल्दबाजी में दौड़ कर आई थी वर्किंग से आफिस तक।

फ़ाइल मेज़ ओर रख दो और आप बाहर जाओ, रोहित, निकिता से बोलता है।

पर सर आपने तो कहा था के ये मीटिंग मैं भी अटेंड करूंगी, निकिता, रोहित को बताती है।

रोहित गुस्से में कहता है, हाँ कहा था अभी कह रहा हूं के जाओ, आउट।

निकिता का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है और वह रोहित के केबिन से बाहर चली जाती है।

तकरीबन 1 घंटे जे बाद मीटिंग खत्म होती है और रोहित, निकिता को केबिन में आने को कहता है।निकिता केबिन में आती है, उसकी सुर्ख लाल नाक बता रही थी के वो अभी भी बहुत नाराज है। वो आकर रोहित के सामने खड़ी हो जाती है।

बैठ जाओ निकिता, रोहित, निकिता को बैठने के लिए बोलता है।

देखो निकिता अगर आपको मेरे साथ काम करना है तो सबसे पहले आपको टाइम से आना होगा आफिस ओर आज जैसे इतने इम्पोर्टेन्ट डे पर आप 2 घंटे लेट आएंगी तो नहीं चलेगा, समझ आया ना, रोहित, निकिता को समझाते हुए कहता है।

निकिता अपना सर हिलाकर हाँमी भर्ती है।

ओके अभी आप जा सकती है, ओर कल आप घर रहकर इस डील पर काम करो और मुझे फ़ाइल रेडी करके परसो आफिस में मिलो, ये लो मेरा कार्ड इसमें मेरा मोबाइल नंबर है कोई मदद चाहिए तो कॉल कर लेना, रोहित, निकिता को अपना कार्ड देते हुए बोलता है।

सर मैं आफिस आकर भी इस पर काम कर सकती हूं,ओर यहां करूंगी तो कोई हेल्प चाहिए होगी तो आपसे पूछ लूंगी निकिता कार्ड को अपने पर्स में रखते हुए रोहित से बोली।

हां कर सकती हो,पर कल मैं आफिस नही आ रहा, तो आप कल घर से ही कर सकती हो बाकी आपकी मर्जी, रोहित निकिता को बताता है।

तभी रोहित के केबिन में मिस्टर भल्ला आते हैं।

रोहित आज ऑफिस अभी बन्द करना है, मिस्टर भल्ला रोहित को बताते हैं।

क्यो सर, आज कुछ है क्या ? रोहित हैरान होकर मिस्टर भल्ला से पूछता है।

हां आज हमने पार्टी रखी है निकिता के कॉलेज पूरे ओर आफिस जॉइन करने की खुशी में।

ओके सर, रोहित मिस्टर भल्ला को बोलता है।

और हाँ तुम्हें भी आना है आज शाम को पार्टी में, मिस्टर भल्ला रोहित को शाम की पार्टी के लिए इनवाइट करते हैं।

सॉरी सर,आप तो जानते हैं मुझे पार्टी वार्टी पसंद नहीं और मैं ड्रिंक भी नही करता, पर हाँ मेरी तरफ से निकिता को उनके उज्जवल भविष्य के लिए बहुत शुभकामनाएँ, रोहित मिस्टर भल्ला से कहता है।

सर आप आएंगे तो हम सबको बहुत अच्छा लगेगा, निकिता, रोहित से कहती है।

हाँ रोहित अब तो आना ही पड़ेगा तुम्हें, निक्की को ना नहीं कह सकते तुम 😊, मिस्टर भल्ला रोहित को बोलते है।

ओके सर, हम शाम को पार्टी में मिलते हैं, रोहित मिस्टर भल्ला से कहता है।

शाम का वक्त है, रोहित हाथ में फूलों का गुलदस्ता लेकर पार्टी में आता है।

काँग्रेजुलेसन्स निकिता, रोहित, निकिता को गुलदस्ता देते हुए बोलता है उसके पीछे से।

निकिता पीछे मुड़कर देखती है और मुस्कुरा कर बोलती है, थैंक्यू सर।

आज आप ब्लैक सूट में काफी हैंडसम लग रहे हैं सर, निकिता मुस्कुराते हुए कहती है।

थैंक्यू निकिता, और आप हमेशा की तरह बहुत ही खूबसूरत दिख रही हो, रोहित, निकिता से कहता है।

थैंक्यू सो मच सर, निकिता शरमाते हुए बोलती है।

निकिता, आई एम सॉरी, रोहित निकिता से बोलता है।

सॉरी किसलिए सर, निकिता हैरान होते हुए पूछती है।

मैने आज ऑफिस में जिस तरह आपसे बात की उसके लिए मैं आपसे माफी माँगता हूं। मुझे ऐसे बात नहीं करनी चाहिए थी, रोहित नज़रें झुकाकर निकिता से कहता है।

इट्स टोटली ओके सर, मैं तो कबका भूल गयी वो बात, निकिता हँसते हुए रोहित से कहती है।

अच्छा निकिता मैं अब निकलता हूं, रोहित निकिता से कहता है।

इतनी जल्दी सर, खाना खाकर जाइयेगा, निकिता रोहित को बोलती है।

फिर कभी निकिता, अभी मेरी ट्रेन है मैंने बताया था न के मुझे बाहर जाना है कुछ जरूरी काम से, तो मुझे अभी निकलना होगा, रोहित, निकिता को बताता है और वहां से निकल जाता है।

इतने अकड़ू भी नही है सर, जितना मैं सोच रही थी। दिल के बहुत अच्छे हैं। फिर इतना सख्त क्यों बनते हैं, निकिता मन ही मन मे सोचती है।

दूसरे दिन सुबह निकिता आफिस जाती है और सीधे रोहित के केबिन में जाती है।

आज मैं सर के केबिन में बैठ कर काम करूंगी , वाह क्या फीलिंग है, निकिता खुद से कहती है।

निकिता, रोहित की कुर्सी पर बैठती है के तभी उसकी नज़र

मेज़ पर रखी एक डायरी पर पड़ती है।

यह डायरी, बहुत ही पुरानी लगती है और यहाँ क्यों रखी है। देखने से तो ऐसा लगता है के ये किसी की पर्सनल डायरी है, निकिता मन ही मन कहती है।

निकिता उस डायरी को उठाकर देखती है।

ओह् तो ये डायरी मिस्टर अकड़ू की है, पर कोई अपनी पर्सनल डायरी ऐसे खुले में मेज़ पर छोड़कर कौन जाता है, लगता है के जल्दबाज़ी में यहीं भूल गए, चलो मैं इसे दराज में रख देती हूं।

एक बार देख लेती हूं के इस डायरी में क्या लिखा है मिस्टर अकड़ू ने, नहीं निकिता किसी की पर्सनल डायरी पढ़ना गलत बात है, चलो एक बार देखती तो हूं ,उन्हें कैसे पता चलेगा के किसी ने उनकी डायरी पढ़ी है। ज़्यादा नहीं बस शुरुआत में ही पढूंगी, निकिता सोचती है।

निकिता, रोहित की डायरी पढ़ती है, डायरी में रोहित की पुरानी ज़िन्दगी ओर उसके प्यार के बारे में लिखा हुआ था।

आज ये डायरी घर ले जाती हूँ और पूरी पढ़ती हूं, काफी मजेदार लग रही है, मिस्टर अकड़ू की गर्लफ्रैंड भी थी, निकिता मुँह बनाते हुए खुद से कहती है।

ऑफिस के बाद शाम को निकिता रोहित की डायरी लेकर घर चली जाती है।

रात का वक्त है, निकिता, रोहित की डायरी पढ़ रही है, जिसमे रोहित की पुरानी ज़िन्दगी के बारे में लिखा हुआ था।

रोहित कितना खुशमिज़ाज़ लड़का हुआ करता था, उसका ह्यूमर बहुत ही कमाल ओर रोहित का लुक और फिजिक ऐसा के हर लड़की उस पर मर मिटने को तैयार ही जाए।

उसकी एक गर्लफ्रैंड थी, अवनी मेहरा। दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और दोनों की शादी भी होने वाली होती है और शादी की रात अवनी किसी और के साथ भाग जाती है। जिससे रोहित पूरी तरह टूट जाता है, और वही से एक नया रोहित जन्म लेता है, जो कि पुराने रोहित से अलग है।

ओह्ह मिस्टर अकड़ू इतने रोमांटिक और हँसमुख थे, देखने से तो नहीं लगता, निकिता सोचती है।

हर समय नाक पर गुस्सा लिए फिरते हैं अब तो, एक लड़की की बेवफाई की सज़ा वो खुद को क्यों दे रहे हैं, लड़की छोड़ गई इसका मतलब ये तो नहीं कि आगे की ज़िंदगी खराब कर लो खुद की, निकिता लेटे हुए रोहित के बारे में ही सोचती रही।

निकिता उठकर पानी पीने के लिए जाती है और अपनी आदत के अनुसार आईने में खुद को निहारती है, पर अब भी उसके दिमाग मे रोहित ही घूम रहा था।

ये क्या हो गया है तुम्हें निक्की, ये रोहित के बारे में इतना क्यों सोच रही है तू, निकिता आईने के सामने खड़े होकर खुद से बोलती है।

सामने से मुस्कुराता हुआ चेहरा बोला, बेटा कहीं तू रोहित को पसन्द तो नहीं करने लगी, कहीं तेरे दिल में उसके लिए प्यार वाली फीलिंग्स तो नहीं आ गयी।

अब तो निकिता की आँखों से नींद कोसों दूर थी। वो बस रोहित की डायरी को खोलती फिर बन्द करती फिर खोलती और फिर बन्द करके मुस्कुराने लगती।

सच तो ये था के वो रोहित को पसंद करने लगी थी, उसका दिल ये बात उसे बार-बार समझा रहा था और दिमाग ये सब मानने को तैयार न था।

ऐसा करते करते पता ही नही चला के निकिता की आँख कब लग गयी।

सुबह उठी तो देखा के रोहित की 5 मिस कॉल उसके फ़ोन में पड़ी थी।

यह देख कर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है ओर वो वापस कॉल करती है रोहित को।

हैलो सर, निकिता रोहित को बोलती है।

हेलो निकिता, कैसी हो आप, रोहित दूसरी तरफ से बोलता है।

मैं अच्छी हूं सर, आप कैसे हो और कब आ रहे हो, निकिता रोहित से पूछती है।

मैं भी अच्छा हूं, मैं कल आ जाऊंगा और काम कैसा चल रहा ? रोहित, निकिता से कहता है।

काम अच्छा चल रहा सर, निकिता, रोहित को बताती है।

ओके मैं आपसे कल ऑफिस में मिलता हूं, बाय, रोहित इतना कहकर फोन काट देता है।

दूसरे दिन निकिता ऑफिस जाती है आज उसने सफेद रंग का सलवार सूट पहन रखा है जिसमे वो बला की खूबसूरत लग रही है।

ऑफिस पहुँचते ही निकिता सबसे पहले रोहित के केबिन में जाती है।

गुड मॉर्निंग सर, निकिता, रोहित से बोलती है।

गुड मॉर्निंग निकिता, बैठो, रोहित फ़ाइल में देखते हुए निकिता से बैठने को बोलता है।

निकिता सामने वाली कुर्सी पर बैठ जाती है।

निकिता आपकी फ़ाइल रेडी है, रोहित, निकिता से पूछता है।

रोहित ने निकिता की और अभी भी नहीं देखा।

यस सर, फ़ाइल रेडी है, निकिता, रोहित को फ़ाइल देते हुए कहती है।एक्ससिलेंट निकिता, फ़ाइल को यहां मेज़ पर रख दो और ये दूसरी फ़ाइल लो इसमें कुछ कम्प्लेंट्स है कस्टमर्स की उसे पढ़ो और इनको हल करने की कोशिश करो, रोहित, निकिता को दूसरी फ़ाइल देते हुए उससे कहता है।

निकिता सोच रही थी के रोहित उसके इस अवतार की तारीफ करेगा, पर तारीफ तो दूर की बात रोहित ने तो उसकी तरफ ढंग से देखा भी नहीं, निकिता का मुँह उतर गया था रोहित के ऐसे व्यवहार से।

निकिता उठकर जाने लगती है कि तभी पीछे से रोहित बोलता है।

सलवार सूट आप पर काफी फबता है।

निकिता खुशी से झूम उठती है। जिन सब के लिए उसने ये किया आखिरकार उसने कुछ बोला, अपनी खुशी को काबू करते हुए निकिता बोली,

सच में सर।

हाँ, रोहित सर हिलाते हुए बोलता है।

थैंक्यू सो मच सर, निकिता मुस्कुराते हुए कहती हुई केबिन से निकल जाती है।

शाम को रोहित ऑफिस से अपने घर के लिए निकल रहा था के तभी निकिता पीछे से बोलती है।

सर आज मेरी कार खराब हो गयी है क्या आप मुझे मेरे घर तक छोड़ देंगे।

हाँ, क्यों नहीं। चलो मैं आपको घर तक छोड़ देता हूँ, रोहित निकिता से कहता है।

दोनो रोहित की कार में बैठकर घर की तरफ निकल पड़ते हैं।

सर मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं, पर वादा करो आप गुस्सा नहीं करोगे, निकिता, रोहित की तरफ देखकर उससे बोलती है।

हाँ बोलो, भला गुस्सा क्यो करूँगा मैं ? मैं कोई खड़ूस इंसान दिखता हूं जो हर समय गुस्सा करता रहता है, रोहित, निकिता से बोलता है।

निकिता अपनी पर्स से रोहित की डायरी निकालती है और रोहित को देते हुए कहती है,

सर ये आपकी डायरी, उस दिन आफिस के मेज़ पर रखी थी तो मैं इसे ले गयी थी अपने साथ, निकिता डरते हुए रोहित को बोली।

ओह्, उसे मेरे बैग में डाल दो , पर किसी की पर्सनल डायरी पढ़ना गलत बात है निकिता, रोहित, निकिता से कहता है।

हाँ सर मैं जानती हूं, पर पता नहीं मैं खुद को इसे पढ़ने से रोक नहीं पाई, आप जो सज़ा देना चाहो इस गलती के लिए दे सकते हो, निकिता, रोहित से कहती है।

नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है निकिता पर किसी की डायरी पढ़ना गलत बात है आगे से ध्यान रखना, रोहित, निकिता से कहता है।

सर आप अवनी से अब भी बहुत प्यार करते हो ना, निकिता, रोहित से डरते हुए पूछती है।

पता नहीं, रोहित बोलता है।

सर एक लड़की की वजह से आप अपनी पूरी ज़िन्दगी तो नहीं खराब कर सकते, वो तो खुश होगी जहां भी होगी पर उसकी गलती की सज़ा आप खुद को क्यों दे रहे हो, निकिता रोहित से कहती है।

रोहित, निकिता की ओर घूर कर देखता है और कहता है,

वो सिर्फ एक आम लड़की नहीं थी, जान थी वो मेरी, और बिना जान के ज़िन्दगी नहीं रहती। बस ये ही बहुत है कि मैं अभी भी जिंदा हूं, ये कहते रोहित की आँखों में आँसू उमड़ आते हैं।

सर, वो आपको छोड़ कर किसी और के साथ जा चुकी है, आप कब तक उसकी उन यादों के सहारे ज़िन्दगी काटोगे, आपको आपकी ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहिए, हाँ जानती हूं मुझे ये सब कहने का हक़ नहीं है और एक अच्छा दोस्त समझ कर कह रही हूं, निकिता, रोहित का हाथ पकड़ कर कहती है।

घर आ गया आपका, रोहित, निकिता से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहता है।

थैंक्यू सर मुझे ड्रॉप करने के लिए, निकिता रोहित से कहती है।

निकिता अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहती है,

सर, क्या हम दोस्त नही बन सकते हैं, निकिता रोहित की आँखों में आँख डालकर कहती है।

रोहित बिना कोई जवाब देकर, वहाँ से निकल गया।

इतना आसान नही है बेटा निक्की, लेकिन तू हमेशा की तरह जीतेगी, बस सच्चे दिल से मेहनत कर, वो कहते हैं ना-

" ये इश्क़ नही है आसां...

एक आग का दरिया है और डूब कर जाना है"

निकिता मन ही मन सोचती है।

उधर रोहित अपने घर में टीवी देख रहा था और शायद आज उसे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था, वो बार-बार टीवी ऑन ऑफ करता, इधर-उधर घूमता।

नहीं रोहित इस बार नहीं, निकिता की आँखों में जो मैंने देखा क्या वो सच मे प्यार था या सिर्फ दोस्ती, रोहित मन ही मन कहता है।

रोहित शीशे में खुद को देखकर कहता है,

इतना मत सोच बेटा रोहित , खुद को बहुत मुश्किल से सम्भाला है तूने, अब खुद को ऐसे ही रख और कल से निकिता से दूरी बना के रख।

सामने शीशे में मुस्कुराता हुआ चेहरा कहता है, बेटा तू कितना भी अपने दिल की मत सुन ओर सच यही है के तू भी निकिता को पसंद करने लगा है।ऐसे ही दिन फिर महीने बीतते गए ओर हल्की-फुल्की नोक-झोंक के साथ निकिता का प्यार रोहित के लिए बढ़ता रहा समय के साथ। वहीं दूसरी ओर रोहित अपनी भावनाओं को छिपाते हुए बहुत ही कशमकश में था।

एक दिन निकिता ऑफिस पहुँचती है तो पता चलता है कि रोहित आज ऑफिस नहीं आया।

पूछने पर पता चला कि रोहित को बुखार है।

निकिता तुरंत ऑफिस से निकल कर रोहित के घर जाती है।

निकिता, रोहित के घर पहुँचकर उसके घर की घण्टी बजाती है।

अंदर से आवाज आती है,

कौन है ? रोहित ये कहता हुआ गेट खोलता है।

अरे निकिता आप और यहां, रोहित हैरान होकर पूछता है।

हाँ ऑफिस गयी थी तो पता चला आपकी तबियत ठीक नहीं है तो बस देखने चली आयी आपको, निकिता, रोहित को बताती है।

कैसी है अब आपकी तबियत, निकिता, रोहित से पूछती है।

अब पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं, रोहित, निकिता को बताता है।

सारी बातें यहीं कर लेंगे या घर के अंदर भी बुलाएंगे, निकिता रोहित से हँसती हुई कहती है।

हाँ हाँ आओ अंदर आकर बैठो फिर बात करते हैं, रोहित, निकिता को घर के अंदर ले आता है।

नाइस हाउस, निकिता घर के चारों और देखकर बोलती है।

थैंक्यू पर आपके घर से छोटा है, रोहित, निकिता से कहता है।

आपकी फैमिली नहीं दिख रही, निकिता, रोहित से पूछती है।

मेरी फैमिली में सिर्फ मैं ओर मेरे पापा हैं, आप बैठो मैं अभी पापा को बुलाता हूं, रोहित, निकिता से कहता है।

निकिता बैठकर वहाँ मेज़ पर पड़ी एक मैगज़ीन उठाकर पढ़ने लगती है और रोहित अपने पापा को बुलाता है।

रोहित के पापा, जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष होगी बाहर के कमरे में प्रवेश करते हैं।

रोहित क्यों इतना तेज चिल्ला रहा है, रोहित के पापा रोहित से कहते हैं।

पापा आपको किसी से मिलवाना है, रोहित अपने पापा से कहता है ।

रोहित के पापा निकिता को देखकर रोहित से कहते हैं, तूने कभी बताया नहीं कि तेरी कोई गर्लफ्रैंड भी है।

पापा ये मेरी गर्लफ्रैंड नही मेरे बॉस की बेटी है, निकिता भल्ला, रोहित अपने पापा को बताता है।

ओह सॉरी बेटा, रोहित के पापा रोहित से बोलते हैं।

नमस्ते अंकल, निकिता, रोहित के पापा को बोलती है।

नमस्ते बेटा, वो क्या है ना हम दोनों बाप-बेटा कम, दोस्त ज्यादा है तो हमारे बीच अक्सर ऐसी बातें होती रहती है, रोहित के पापा निकिता को बताते हैं।

बैठिये ना अंकल, निकिता, रोहित के पापा से कहती है।

नहीं बेटा आप लोग बैठकर बात करो, मेरे भजन करने का समय आ गया है, रोहित के पापा निकिता से बोलकर वहां से चले जाते हैं।

निकिता आप क्या लोगी, चाय, कॉफ़ी या कोल्ड ड्रिंक ? रोहित, निकिता से पूछता है।

मैं कोल्ड ड्रिंक ले लूंगी, निकिता रोहित को कहती है।

रोहित कोल्ड ड्रिंक की बोतल ओर 2 ग्लास लेकर आता है।

सर आप कोल्ड ड्रिंक नहीं लेंगे। आपको बुखार है ना, तो आप अदरक वाली चाय लो, फायदा करेगी वो, निकिता, रोहित से कहती है।

ओके मैम, जैसा आप कहे, रोहित मज़ाकिया अंदाज़ में कहता है।

रोहित का ऐसा व्यवहार देखकर निकिता चौंक जाती है ओर मुस्कुराने लगती है।

और हाँ सर मैं आपका सिर्फ ऑफिस में हूं, उसके बाद आप मुझे रोहित बुला सकती है, रोहित, निकिता से कहता है।

ओके मिस्टर रोहित, निकिता कोल्ड ड्रिंक पीते हुए बोलती है।

रोहित मुझे आपसे कुछ कहना है, निकिता, रोहित की और देखकर कहती है।

हाँ हाँ कहो, क्या कहना है आपको, रोहित, निकिता से कहता है।

देखो रोहित मुझे ज्यादा घूमा फिरा कर बात करनी नहीं आती इसलिए सीधे सीधे बोल रही हूं।, निकिता, रोहित से कहती है।

बोलोगी कुछ, इतना सस्पेंस क्यों बना रही हो, रोहित, निकिता से पूछता है।

वो रोहित.....वो... निकिता इतना बोलकर रुक जाती है।

वो क्या ? निकिता, रोहित, निकिता की आँखों में आँखें डालकर पूछता है।

वो मैं आपको पसंद करने लगी हूं, आई लव यू रोहित, निकिता एक साँस में बोलती है।

रोहित भौचक्का रह जाता है और कुछ पल के लिए कमरे में सन्नाटा छा जाता है।

क्या कह रही हो तुम निकिता, हमारे बीच ऐसा कुछ भी नहीं है और ना ही कभी ऐसा हो सकता है, रोहित निकिता से नज़रें चुराते हुए कहता है।

क्यों नहीं हो सकता, क्या मैं इंसान नहीं हूं, क्या मेरे पास दिल नहीं है ,क्या मैं किसी से प्यार नहीं कर सकती या मैं ख़ूबसूरत नहीं हूं या फिर तुम मुझे अपने लायक नहीं समझते, निकिता ने सवालों की झड़ी लगा दी।

ऐसा कुछ नहीं है निकिता, मैंने तुम्हारे बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा, रोहित, निकिता से कहता है।

तो फिर कैसा है रोहित, और ये जो तुमने इस डायरी में मेरी हर पसन्द नापसंद की लिस्ट बना रखी है और हर बार तुमने हर घड़ी तुमने मेरा साथ दिया क्या वो सब ऐसे ही था, मेरी आँखों मे देखकर कहो एक बार कि तुम्हारे दिल मे मेरे लिए कोई फीलिंग्स नहीं है, निकिता अपनी आँसुओं से भरी आँखों के साथ रोहित से पूछती है।

निकिता हमारे बीच ऐसा नहीं हो सकता, हम एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। मैं एक आम आदमी हूं जो तुम्हारे यहा 40,000 रुपये की सिर्फ नौकरी करता है। और तुम कंपनी के मालिक की इकलौती लड़की हो, हमारा स्टेटस बहुत अलग है। तुम एक मॉडर्न ख्यालात वाली इंडिपेंडेंट लड़की हो और मैं आज भी पुराने ख्यालात वाला एक आम लड़का, और हमारे बीच उम्र का भी बहुत फासला है, पूरे 8 साल। और ये फासला बढ़ता ही रहेगा, शायद मैं तुम्हारे हर सपने को हर ख्वाहिस को पूरा ना कर सकूँ। तुम कोई और अपने स्टेटस का लड़का देख लो, अपनी उम्र का, जो तुमको अच्छे से समझ सके, तुम्हारे हर सपने और हर एक ख्वाहिश को पूरा कर सके, रोहित, निकिता के चेहरे को अपने हाथ मे लेते हुए बोला।

निकिता के लाख रोकने के बावजूद उसके आँसू छलक ही पड़े।

क्या तुम्हारे लिए प्यार का मतलब सिर्फ स्टेटस , पैसा और हमउम्र ही होना जरूरी है। प्यार ये सब देखकर नहीं होता रोहित, प्यार तो एक एहसास है, एक भावना है जो बिना किसी स्टेटस और उम्र को देखकर आ ही जाता है, निकिता सुबकते हुए बोली।

मेरा सपना मेरी ख़्वाहिशें सिर्फ इतनी है कि मैं तुम्हारे साथ रहूँ, तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करूँ, इसके सिवा मुझे कुछ नहीं चाहिए रोहित, तुम मुझे एक कमरे के मकान में एक जोड़ी कपड़े के साथ रखोगे ,मैं राजी हूं, मुझे बस तुम्हारा साथ और तुम्हारा प्यार चाहिए रोहित, निकिता, रोहित से कहती है।

निकिता, प्लीज समझने की कोशिश करो, ये सब इतना आसान नहीं होता , रोहित, निकिता को समझाने की नाकाम कोशिश करता है।

मुझे कुछ समझाने की जरूरत नहीं रोहित, मुझे अगर तुम नहीं मिले तो मुझे किसी और की भी जरूरत नहीं, निकिता ये कहते हुए रोहित के घर से चली जाती है।रोहित वहीं खड़ा-खड़ा उसे जाते हुए देखता है।

बेटा क्या मैंने तुम्हें यही सिखाया है, पीछे से रोहित के पापा रोहित से कहते हैं।

क्या पापा, रोहित अपने पापा से पूछता है।

मैंने सब सुन लिया है रोहित, रोहित के पापा रोहित से कहते हैं।

रोहित मैं तुम्हारा पापा हूं, तुमसे ज्यादा दुनिया देखी है,और दुनिया मे किसी भी रिश्ते की कोई गारन्टी नहीं है, हर तरह से परफेक्ट जोड़ियां भी टूट जाती है। कुछ देर रुकते हुए बोले, तेरी माँ भी मुझसे 9 साल छोटी थी और मुझसे बड़े खानदान की लड़की थी, पर हमने हमेशा एक दूसरे का सम्मान किया क्योंकि हमारा सच्चा प्यार ही हमें जोड़े रखा था। आज तुम्हारी माँ को गुज़रे हुए भी 16 साल हो गए हैं ना, लाइफ की गारन्टी है और ना रिश्तों की।

तुम समझ रहे हो न मैं क्या कह रहा हूँ।

जी, रोहित उनकी तरफ देख रहा था।

वो बोले, प्यार जिस उम्र में जिस शक्ल में आ रहा है उसे आने दो , प्यार में कोई शर्त या सीमाएँ न रखो। दिल के फैसले में सिर्फ दिमाग से फैसला नहीं करना चाहिए, तुम समझ रहे हो न मैं क्या कह रहा हूं।

जी, रोहित ने जवाब दिया।

इतना समझाकर रोहित के पापा वहाँ से चले गए।

उनके जाने के बाद रोहित बाहुत देर सोचता रहा, अपने पापा की बातों से रोहित के कई सवालों के जवाब तो उसे मिल गए थे पर रोहित शायद अब भी इस प्यार को यहीं खत्म करने की सोच लेता है।

बीते कुछ महीनों की बातें याद करके रोहित ये तो समझ गया था, कि निकिता के बिना उसकी जिंदगी बेमानी है।

शायद जिस प्यार को वो अपने दिल मे दबाए बैठा था अब वो जज्बात उभर रहे थे।

पर रोहित अपने जज्बातों को काबू करता है और इस बेमेल प्यार को यहीं खत्म करना चाह रहा था, उसके लिए मुश्किल था पर उसे यह सही लग रहा था।

रोहित, निकिता से बात करने के लिए उसे फोन करता है।

फ़ोन बन्द था, ये सुनकर रोहित के माथे पर शिकन आ जाती है और वो उसी समय रात को निकिता से मिलने निकल पड़ता है।

रोहित जब निकिता के घर पहुँचता है तो उसे पता चलता है के निकिता तो सो गई है और उसने किसी से भी मिलने लो मना किया है।

रोहित मायूस होकर वहाँ से वापस निकलता है तो देखता है के निकिता बालकनी में खड़ी होकर उसे ही देख रही थी।

दोनों की नज़रें जैसे ही मिली, निकिता कमरे के अंदर चली गयी।

अब तो जैसे रोहित की दिल पर किसी ने खंजर से वार कर दिया।

रोहित की आँखों से आँसू निकल रहे थे।

रोहित अपने घर आ जाता है और सीधे अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेता है।

रोहित एक खत लिखता है।

दूसरे दिन सुबह रोहित ऑफिस बहुत जल्द पहुँच जाता है।

अरे मैनेजर सर, आज आप इतनी जल्दी कैसे ऑफिस, अभी तो 8 बजे है सिर्फ, ऑफिस का चपरासी नवीन रोहित से कहता है।

हाँ नवीन, आज कुछ बहुत जरूरी काम था इसलिए आया, और उस काम के लिए मुझे तुम्हारा साथ चाहिए नवीन, रोहित नवीन से बोलता है।

मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं सर, नवीन रोहित से पूछता है।

रोहित, नवीन को वो खत देते हुए कहता है, नवीन ये चिट्ठी निकिता मैडम को दे देना।

जी सर, आप कहीं जा रहे हो क्या, नवीन, रोहित से पूछता है।

हाँ नवीन अब मैं इस कंपनी को छोड़ कर जा रहा हूं, रोहित, नवीन की बात का जवाब देता है।

रोहित वहाँ से निकल जाता है।

निकिता ऑफिस आती है तो नवीन वो खत निकिता को देता है और उसे लेकर निकिता अपने केबिन में चली जाती है।

निकिता उस खत को पढ़ती है,

डिअर निकिता,

मैं जानता हूं कि मैंने तुम्हारा दिल बहुत दुखाया है, मैं तुम्हारे प्यार को समझ ही नहीं पाया या कहूँ तो जानकर भी अनजान रहा क्योंकि मुझे लगता है बेमेल जोड़ियां सिर्फ किस्से कहानियों में ही ठीक लगती है और ये लाइफ है। अभी फर्क नहीं लगेगा पर यही फर्क 10 साल बाद बहुत ज्यादा लगने लगेगा। लाइफ पार्टनर्स में फासला हो तो दूरी कम नही होती बल्की बढ़ जाती है। मैं चाहकर भी इस फासले को नहीं मिटा पाऊँगा और ये एक हकीकत है इस बात को तुम जितना जल्दी समझ जाओ आपके और आपकी लाइफ के लिए बेहतर होगा।

मैंने अपना रेजिग्नेशन लेटर सर को मेल कर दिया है और कल मैं ये शहर हमेशा के लिए छोड़ कर जा रहा हूँ।

मैं हमेशा यही चाहूँगा कि तुम हमेशा खुश रहो और मुस्कुराती रहो।"

- रोहित

खत पढ़ते हुए निकिता की आँखों से आँसू निकल पड़ते हैं।

निकिता, रोहित को फोन करती है,

हेलो रोहित,

निकिता की अवाज सुनते ही रोहित भावुक हो जाता है।

हेलो निकिता।

कहा हो तुम अभी, निकिता रोहित से पूछती है।

मैं रेलवे स्टेशन के लिए निकल रहा हूं, रोहित निकिता को बताता है।मझे तुमसे मिलना है अभी, वहीं स्टेशन पर रुकना मैं आ रही हूं, निकिता, रोहित को बोलकर फ़ोन काट देती है।

निकिता रेलवे स्टेशन पहुँचती है और देखती है कि रोहित वहीं एक दुकान के पास खड़ा है।

तुम जा रहे हो, इतना बड़ा फैसला तुमने अचानक ले लिया और एक चिट्ठी भेज दी कि मैं जा रहा हूं वो भी खुद देने नहीं आये, निकिता रोहित का कॉलर पकड़ कर रोते हुए बोलती है।

रोहित समझ चुका था के अब समय आ गया है निकिता को सच बताने के लिए।

मैं भी तुमसे प्यार करने लगा हूँ, इसीलिए तुमसे दूर जा रहा हूँ। हम कभी एक परफेक्ट कपल नहीं बन सकते, हमारी उम्र में भी बहुत गैप है इस बात को तुम्हें समझना होगा निकिता कि ये सब किस्से कहानियों में अच्छा लगता है रियल लाइफ में नही।

तो आप उम्र की वजह से मुझसे प्यार नहीं कर सकते ? निकिता, रोहित की बात काटते हुए बोली।

प्यार तो बस ही जाता है ,प्यार उम्र, स्टेटस या चेहरा देखकर नहीं किया जाता, प्यार तो बस हो जाता है, निकिता रोहित के गाल पर हाथ लगा कर सुबकते हुए कहती है।

माहौल में एक अजीब सा सन्नाटा छा जाता है। निकिता रोहित के गले लग जाती है और रोहित कुछ सोच रहा था।

रोहित, आई लव यू सो मच, निकिता रोहित के गले लगे हुए बोलती है।

आई लव यू टू निकिता, रोहित निकिता को अपनी बाँहों में कस लेता है।

2 मिनट के लिए वहाँ एकदम सन्नाटा छा जाता है और सभी लोग उन दोनों की ओर देख कर मुस्कुरा रहे थे और तालियां बजा रहे थे, कुछ युवा जोड़े उनके साथ फोटो ले रहे थे, कुछ तो यह भी कह रहे थे कि आज तक लव स्टोरी सिर्फ फिल्मो में देखी थी, असली लव स्टोरी तो ये है। तो कुछ बुजुर्ग उन्हें आशीर्वाद भी दे रहे थे।

निकिता तुम्हारे प्यार के आगे मैं हार गया, मैं सभी को एक जैसा समझ बैठा था या शायद असली प्यार मैं कभी समझा ही नहीं था, आज तुमने मुझे प्यार क्या होता है ये समझ दिया के प्यार में कभी शर्त या सीमाएँ नहीं होती, रोहित निकिता को गले लगे हुए ही बोलता है।

शादी के बाद भी मेरी सारी ज़िद आपको पूरी करनी होंगी और सभी गेम में मुझसे हारना होगा, निकिता रोहित से कहती है।

रोहित हँसते हुए कहता है, जी मैडम जैसा आपका आदेश।

दोनो एक साथ हँसते हुए एक-दूसरे की बाँहों में बाँहें डालकर स्टेशन से चले जाते हैं।

आज रोहित के दिल का सारा दर्द उस हँसी और खुशी के आँसुओं में निकल गया।

उसके बाद रोहित अपने पापा को और निकिता अपने पापा को कॉल करके चौराहे वाले श्री राधाकृष्ण मंदिर में बुलाता है।

सभी मंदिर पहुँचते हैं।

हम दोनों को आप दोनों को कुछ जरूरी बात बतानी थी, निकिता कहती है।

तो वो बात तुम हमे घर पर भी बता सकती थी, फिर मंदिर में क्यो बुलवाया और श्रीवास्तव जी को भी बुला लिया, आखिर बात क्या है, मिस्टर भल्ला उन दोनों की ओर देखकर बोलते हैं।

हां भल्ला जी बिल्कुल सही कह रहे हैं, मिस्टर श्रीवास्तव ने भल्ला जी का समर्थन करते हैं।

पापा एक्चुअली बात ही कुछ ऐसी है कि मंदिर से पवित्र और सही जगह नहीं हो सकती, निकिता मिस्टर भल्ला से बोलती है।

बात क्या है ये बताओगी, मिस्टर श्रीवास्तव निकिता से कहते हैं।

पापा, जी वो मैं और रोहित एक-दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं, उसके लिए आप दोनों की परमिशन चाहिए थी, निकिता एक साँस में बताती है।

मिस्टर भल्ला भौ चढ़ाते हुए दोनों की ओर देखते हैं और गुस्से में बोलते हैं, तुमने ये सोच भी कैसे लिया कि मैं इस रिश्ते के लिए इज़ाज़त दे दूंगा। कभी नहीं, इस लड़के की हैसियत क्या है, रोहित, तुमको इसका गुरु बनाया था कि तुम इसे काम सीखा सको तुमने इसे ये सिखाया है।

तभी श्रीवास्तव जी बीच मे बोल पड़ते हैं, भल्ला जी हैसियत की बात मत कीजिये, हाँ पैसों और रुतबे में हम आपसे कमतर जरूर है, पर हमने अपने बेटे को संस्कार दिए हैं।

और भल्ला साहब बच्चों की खुशियों से ज्यादा तो नहीं है हमारी हैसियत।

पापा हम आपकी इज़ाज़त के बिना शादी नहीं करेंगे, रोहित मिस्टर भल्ला से हाथ जोड़कर कहता है।

पर ये भी सच है पापा कि हम दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं जी सकते, रोहित अवनी बात को पूरा करता है।

श्रीवास्तव जी रोहित के माथे पर चूम कर कहते हैं, बेटा मुझे गर्व है तुम पर।

पापा हमारी खुशियाँ एक साथ में ही है, प्लीज मान जाइये और हमें इज़ाज़त व अपना आशीर्वाद दे, निकिता मिस्टर भल्ला से कहती है।

प्यार करने से पहले क्या तुमने मेरी इज़ाज़त ली थी ? मिस्टर भल्ला भौ चढ़ाते हुए बोलते हैं।

एक पल के लिए वहाँ सन्नाटा छा जाता है के तभी मिस्टर भल्ला अचानक जोर-जोर से हँसने लगते हैं।

सभी भौचक्के रह जाते हैं।

मैं तो मज़ाक कर रहा था मेरे बच्चों, मिस्टर भल्ला रोहित ओर निकिता को गले लगाते हुए कहते हैं।

पापा आई हेट यू, आपने तो हमें डरा ही दिया था, निकिता गुस्से से मुँह बना कर भल्ला जी से कहती है।

सॉरी मेरा बच्चा, मिस्टर भल्ला निकिता से कहते हैं।

रोहित से अच्छा लड़का कोई और नहीं हो सकता तेरे लिए बेटा, भल्ला जी अपनी बात को पूरा करते हैं।

रोहित ओर निकिता बारी-बारी से भल्ला जी और श्रीवास्तव जी के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं।

समधी जी किसी पंडित से मिलकर अगले महीने एक कोई मुहूर्त निकलवा लीजिये, श्रीवास्तव जी भल्ला जी से हँसते हुए कहते हैं।

जी बिल्कुल समधी जी, भल्ला जी जवाब देते हैं।

दोनों समधी एक-दूसरे के गले लगते हैं। उसके 1 महीने बाद मुहूर्त के अनुसार रोहित ओर निकिता की बड़ी धूम धाम से शादी हो जाती है।


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