गतिपथ का मानचित्र
गतिपथ का मानचित्र
आज दीपू की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा ! आज उसे पिछले बीस वर्ष की सेवा का फल मिल गया था ! आज ही उसे एक बड़े होटल के मालिक ने बहुत अच्छे वेतन पर उसे हेड कूक की नौकरी की पेशकश की ! आज उसे अपने बीस साल का सफर जेहन में उभर आया ! एक पैर पोलियो से खराब होने के कारण वो गाँव में किसी भी काम में हाथ नहीं बटा पाता था ! ऐसे में माँ ने उसे पड़ोस में रहने वाले चाचा का बेटा जो शहर में डॉक्टर था, के यहाँ कितनी मिन्नतें करके भेज दिया था, जहाँ उसने अपनी लगन और मेहनत से धीरे-धीरे सभी काम सीख लिया और खाना तो बहुत ही स्वादिष्ट बनाने लगा था !
जो आता ऊँगली चाट कर ही रह जाता ! ऐसे में उन्ही के यहाँ से एक ठेकेदार ने उसे काम दिया जहाँ उसे २०० लोगों के खाने का काम मिला जिसे उसने बतौर हेड कूक बहुत अच्छे से निभाया और कम्पनी के लोग खूब खुश रहते स्वादिष्ट भोजन खाकर ! उसे वेतन भी अच्छा मिलता ! फिर क्या था उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी ! और आज उसी का परिणाम ये ऑफर ! पर दीपू को एक मलाल रहा !
जब वो अच्छा कमाने भी लगा और उसकी उम्र भी अब ३० वर्ष की हो गयी ! उसके सभी भाई बहनों के विवाह में उसने जी भर कर खर्च भी किया और खुशियाँ भी मनाई ! माँ को पूरा का पूरा वेतन भी भेज देता है ! बाकी दोनों भाई तो अलग घर बसा रहने लगे और माँ पिता का हालचाल भी नहीं लेते ! ऐसे में माँ आखिर उसके विषय में क्यों नहीं सोचतीं ! उसका भी बहुत मन है विवाह करने और घर बसाने।