पहला प्यार
पहला प्यार
पहला प्यार इस शब्द को सुनते ही एक हल्की सी मुस्कान छा जाती है
गालों का रंग सुर्ख़ लाल हो जाता है, और यादें सरगोशी सी करने लगती हैं
मंज़िलें रास्तों की तरफ फिर से मुड़ ने लग जाती हैं।
जब मुझे मेरा पहला प्यार मिला तो मानो ऐसा लगा, जैसे जिस्म में खून की जगह भावनाएं बह रही हों
भावनाओं के तार कुछ इस क़दर उलझे थे की कोई महात्मा भी ना सुलझा सके|
वो सबके लिए एक आम सी लड़की सही पर मेरे लिये खासम खास थी।
उसका वजूद मेरे वजूद से इस तरह जुड़ा था की,कभी उसके देर से आने पर ऐसा लगता मानो जान से जाऊँगा एक रोज़ उसके इंतज़ार में|
वो लड़की जिस से मुझे प्यार हुआ वो क़िस्से कहानियों की पोटली थी जब भी यह पोटली खुलती तो एक दिलचस्प कहानी जन्म लेती,
और यह कहानी मेरे दिल के तारों को बेधड़क धड़का जाती थी|
उसका मन इतना चंचल मानो जैसे कोई पतंग
पर ये पतंग जिस डोर से बंधी थी उसकी लगाम उसने मेरे हाथों में सौंपी थी|
कहती थी दिल चुराना, किस्से कहानियां चुराना पर मेरा विश्वास कभी न चुराना
वरना ये पतंग ऐसी घायल होगी की कभी आसमान का रुख ना कर सकेगी।
पहला प्यार अविस्मरणीय है, ये जाड़े की उस नर्म धुप की तरह है जो बदन को जलाती नहीं
जिसका इंतज़ार होता है और जिसके आते ही छत पे जाने को मन तरसता है|
प्यार में होना, ये अनुभूति अपने आप में ही एक रोमांच पैदा करता है,
और प्यार में गिरफ्तार दो हंसों की ये जोड़ी , इस रोमांचक सफर के चश्मदीद गवाह होते हैं।
वो प्यार में धड़कनों का अचानक से बढ़ जाना,
वो भविष्य के ताने-बाने बुनना सब कुछ ही बेहद हसीन लगने लगता है।
पर प्यार सूरज की तरह नहीं जो आज डुबा ही इसलिए ताकि कल उभर सके
मेरे प्यार का सूरज भी डूब चूका है, और उस हमकदम के साथ का सफर भी अब ख़त्म हो चुका है
पर यकीन मानिये उस सफर का मक़ाम दिल में आज भी उसी तरह कायम है
और अब हर नयी दस्तक जो प्यार के वादों के साथ आती है वो पुरानी दस्तक की याद ज़रूर लाती है |
पर चाहे पहला प्यार कितना ही संछिप्त क्यों ना हो, उसे भूलने की अवधि हमेशा लम्बी ही होती है
क्योंकि शायद इसे भुलाने की कोशिश दिल से ज़्यादा दिमाग से होती है ||