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अब आया ऊॅट पहाड़ के नीचे

अब आया ऊॅट पहाड़ के नीचे

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सुजीत जी और रीना दोनो अपने बेटो के साथ खुशी खुशी रहते थे ।दोनो बेटे अपनी पत्नी भूमि और रागिनी के साथ ही रहते थे।बड़ी बहू भूमि को ससुराल बिल्कुल नही सुहाता था।जब देखो सास ससुर की कमी निकालती ।रोनित बड़ा बेटा था,वह भूमि को समझा समझा कर थक गया ,पर वो जानता था वो नही सुधरेगी।

बडी पोस्ट पर था ।पैसै की कोई कमी नही थी पर घर में। पर अशान्ती रहती भूमि की वजह से, छोटा बेटा भी सरकारी सेवा मे ऊँचे पद पर था ,उसकी पत्नी रागिनी के मन मे बहुत इज्जत थी।वो हमेशा भूमि को समझाती ..भाभी वो हमारे मम्मी पापा जैसे है ,थोड़ी बातें तो हम अपने मम्मी पापा की भी नजर अंदाज करते है आप भी महसूस मत किया किजिये।

वो दोनो हमको बेटी जैसा प्यार करते है।पर भूमि को कोई अपनापन नही था। सब रिश्तेदारो को भी आदत का पता था।सबसे बुराई निकालती रहती ।जब की आदत उसकी ही खराब थी सब जानते थे।

सब परेशान थे कभी कभी दुखी होकर रोनित भी तलाक को कह देता पर घर को टूटने से बचाने के लिये रूक जाता। एक दिन रागिनी ने भूमि से कहा दीदी आपके घर से फोन आया था बहुत अर्जेंट ही बुलाया है ।

आपकी भाभी अपने साथ मम्मी ,पापा को रखना नहीं चाहती इस बात पर उनका आपस में झगड़ा हुआ है यह सुनकर भूमि का गुस्सा सातवें आसमान पर था

ऐसा कैसे कर सकती है भाभी.. माँ , बाबा की जिम्मेदारी है ।कितना प्यार से रखते हैं वो भाभी को। कपड़े पैक करने लग गई और रोनित से भी चलने को कहा मुझे अभी जाना है।

घर पास में था तो रोनित भी मान गया और उसके साथ चलने को तैयार हो गया घर जाकर देखा ! भाभी कह रही थी मुझसे अब नहीं होगा ... मैं नहीं रख सकती मुझे अलग रहना है यह सुनकर भूमि बिना किसी से बोले भाभी की ओर जा कर जोर से कहने लगी भाभी तुम ऐसा कैसे कर सकती हो ?

यह गलत है और ना जाने क्या क्या !उसी सुना दी और रोने लगी तभी भूमि की भाभी ने कहा दीदी आप भी तो अपने ससुराल के साथ ऐसा ही कर रही हैं तो मैंने क्या गलत किया। यह सुनकर भूमि पसीना पसीना हो गई और शर्म से आंखें झुक गयी। नज़रें नीचे झुकाये रॉनित भी चुप था । वहाँ सब घर वाले भूमि की ओर देख रहे थे ।क्या हुआ ?भूमि जोर से बोलो.. भूमि तू भी ससुराल में यही करती है ।

तो अगर इसने ऐसा कह दिया तो क्या गलत कह दिया । माँ ने कहा ...भूमि को बहुत पछतावा हुआ और वह तुरंत ससुराल लौट आई और आकर सास ससुर को माफी मांगने के लिए पैरों में गिर गई और रोने लगी ।

आज मेरी मम्मी ,पापा के साथ जो हुआ उससे मुझे समझ आया कि मैं भी गलत कर रही थी तब उसके पीहर वाले भी ससुराल पहुंच गए और सब ने बताया कि एक नाटक था ,केवल भूमि को यह अहसास कराने के लिए कि वह ससुराल वालों के साथ क्या कर रही है उसकी भाभी ,भैय्या भूमि के पास आए ।

भूमि ... यह मुझे कहा गया था करने के लिए इसलिए मैंने यह किया ।ये सब ससुराल ,पीहरवालो ने मिलकर प्लान बनाया था। मन में सोच रहे थे...

अब आया ऊँट पहाड के नीचे...


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