टीनेजर
टीनेजर
आज स्कूल से वापिस आते हुए नौ वर्षीय आदित्य अपनी मम्मी से लिपट गया और खुश होकर बोला,
"पता है मम्मी, कमिंग सन्डे को राहुल के बड़े भाई रोहन का थटीन बर्थडे है। राहुल के घर वाले रोहन का बर्थडे सिटी के सबसे बड़े रेसटोरेंट्स में सेलिब्रेट कर रहे है, सबसे अच्छी बात यह है मम्मी कि राहुल ने बर्थडे पार्टी में मुझे भी बुलाया है।"
"तो इसमें इतना खुश होने वाली कौन सी बात है बेटा।"
ओह हो मम्मी, तुम कुछ नहीं समझती। रोहन थटीन बर्थडे के बाद टीनेजर हो जायेगा।
यह कौन सी बड़ी बात है ?
अरे मम्मी जब बच्चे टिनेजर हो जाते है तो वो अपने मन की कर सकते है, कहीं भी आ जा सकते है और अपने दोस्तों के साथ ढेर सारा मज़ा कर सकते है। अब तो मैंने भी सोच लिया है, जब मेरा भी थटीन बर्थडे आयेगा तो हम लोग उसी रेसटोरेंट्स में बर्थडे सेलिब्रेट करेंगे जहाँ रोहन का हो रहा।
मम्मी ने आदित्य की बातों को ध्यान से सुना फिर अपने पास सोफे पर बैठा लिया और समझाते हुए बोली
"मेरा प्यारा बेटा, टीनएजर का मतलब मौज़ मस्ती नहीं होता। थटीन बर्थडे का मतलब अब आप थोड़े बड़े हो गए हो, थोड़े से और ज़िम्मेदार। अब आप पापा का हेल्प करा सकते, घर के बड़े फैसलों में अपनी राय दे सकते हो। मम्मी अपने बजट में पैसे कैसे बचा सकती है वो बता सकते हो।
जहाँ तक बात रही तुम्हारा बर्थडे सेलिब्रेट करने की तो इस साल से तुम्हारा बर्थडे उन बच्चों के साथ सेलिब्रेट होगा, जिनको यह भी नहीं पता कि उनका बर्थ डे किस दिन है, और ना ही उन्हें यह पता कि उनके मम्मी- पापा कौन है ?
कुछ समझे मेरे बच्चे, मम्मी ने मुस्कुराते हुए पूछा
"हाँ मम्मी, थोड़ा- थोड़ा समझ में आ रहा।"
जब तक तुम टीनेजर बनोगे तब तक, सब समझ आ जायेगा अभी तुम जा के हैंड वाश करो, मैं खाना लगाती हूं।
यह कहकर आदित्य की मम्मी किचन में चली गई।