मेरा प्यार
मेरा प्यार
मेरे प्यारे गुलाबजामुन,
आई लव यू, तुम तो मेरे बचपन का प्यार हो। जब भी तुम को देखती हूँ तो मुँह में पानी आ जाता है। तुम्हारा चमकता खुशबूदार बदन देखकर आंखों को जो संतुष्टि मिलती है वह तो पूर्णिमा के चाँद को देखकर भी नहीं मिलती।
हाँ, माना तुम्हारे मित्र कलाकंद, बालूशाही, सोनपापड़ी और गाजर के हलवे के साथ- साथ लड्डू पर भी मेरी नजर रहती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं दिल फेंक हूँ। दरसल वही मुझे इशारे कर- कर के अपने पास बुला लेते हैं और तुम तो जानते हो कि मैं किसी का दिल नहीं दुखा पाती इसलिए उनसे हँस कर बात कर लेती हूँ पर देखो, तुम ऐसे गुस्सा मत हुआ करो....मेरा प्यार तो तुम ही हो न!
अब झूठ मत कहना कि तुम्हें गुस्सा नहीं आता। मुझे याद है जब मैं परसों गाजर के हलवे की मनमोहक महक की तारीफ कर रही थी तो तुम जल कर कैसे कोयला हो गए थे! याद आया? ...लेकिन तुम्हारे जलने पर भी हलवाई को कोई फर्क नही पड़ा। उसने तुम्हें " काला जाम" का नाम देकर तुम्हारा रूप सँवार दिया था।
देखो, एक बात हमेशा याद रखना ....मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, तुम चाहे गुलाबजामुन कहलाओ या काला जाम.....रहोगे तो मेरी मुहब्बत बनकर।
मैंने तुमसे प्यार किया है, तुम्हारे नाम से थोड़े ही। अच्छा एक बात बताओ ... कभी - कभी तुमको क्या हो जाता है....? तुम जानते हो न मुझे तुम हल्की मिठास में ही लुभाते हो तो फिर ज्यादा मीठे बनकर मेरे सामने क्यों आ जाते हो ? तुम्हारी हर अदा पसन्द है पर ये जो ज्यादा शक्कर वाली तुम्हारी ड्रेस है न ,यह मुझे बिल्कुल नही पसंद और हाँ... जब हम दोनों साथ हुआ करें न तो अपने उस अकड़ू दोस्त केवड़े को बीच में लाने की जरूरत नहीं। मुझे उसकी गंध और स्वाद दोनो ही नापसंद हैं।
मेरे गोलूमोलू गुलाबजामुन, तुम ऐसे ही गोलू रहो डाइटिंग करके पतला होने की जरूरत नहीं। बता देना अपने हलवाई को कि तुम्हारी जानू यानि मुझे तुम गोलू मोलू ही पसंद हो। वह जबरन तुमको पतला करने पर आमादा हो जाता है। पता है पतले होकर तुम उस चमची चमचम के सगे भाई लगने लगते हो।
अच्छा छोड़ो ये सब, अभी तो ये बताओ घर कब आ रहे हो? देखो न तुम्हारे बिना इस घर की और मेरी क्या हालत हो रही है। जल्दी आओ न! तुम्हारे दर्शन स्वाद की प्यासी-
तुम्हारी
मेघा