Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Savita Singh

Others Tragedy

5.0  

Savita Singh

Others Tragedy

शहीद (भाग १)

शहीद (भाग १)

3 mins
743


जम्मू कश्मीर की घाटियाँ जिसको धरती का स्वर्ग कहा जाता है आजकल आतंकवादियों और पत्थर बाजों की वज़ह से एक मिलिट्री की छावनी बना हुआ सैलानियों का आना भी ना के बराबर, जगह जगह फ़ौज की गाड़ियाँ और फ़ौजी !

अभी बर्फ़ नहीं पड़ी थी ,घाटी के जंगलों में एक आतंकवादियों की गोलियों का शिकार फ़ौजी नौजवान लेटा हुआ शायद अंतिम साँस लेता हुआ साथ में एक और जवान जो उसे आँखें बंद करने से रोक रहा था, ओ यारा आँखें मत बंद कर मेरे भाई अभी मेडिकल सहायता आती होगी खबर गई है ,ये लांस नायक नावेद थे जो आँखें खुली रखने की कोशिश कर रहे थे,अच्छा यारा थोड़ा पानी पीला दे ....नावेद के आँखों के सामने उसका अतीत एक फ़िल्म की तरह चल रहा था ......एक प्यारी सी आठ नौ साल की बच्ची कश्मीरी ड्रेस फिरन शलवार और सिर पर बँधा हुआ स्कार्फ़ दौड़ती जा रही थी और साथ में गुस्से में बोलती भी जा रही थी नावेद के बच्चे तूने मुझे अपने दोस्तों में खेलने नहीं दिया मैं तुमसे कभी बात नहीं करुँगी ......अरे सुन तो ज़ेबा ग़लती हो गई अब नहीं मना करूँगा रुक जा,उसके पीछे वो भी भाग रहा था लेकिन वो रुकी नहीं एक बँगले के गेट में अंदर चली गई नावेद वहीं रुक गया अंदर जाने से डरता था क्योंकि ज़ेबा के पापा एक ऑफिसर थे उन्हें नहीं पसंद था ज़ेबा का उसके साथ खेलना, वो एक शॉल वग़ैरह बुनने वाले का बेटा था दोनों साथ पढ़ते थे तो ज़ेबा को वो सबसे अच्छा दोस्त लगता था, नावेद की आँखें फ़िर बंद होने लगी ......उठ मेरे यार आँखें मत बंद कर झंझोड़ कर फिर ऑंखें खोलवाता है उसके और अतीत की गहराइयों में डूब जाता है .......चारों तरफ बर्फ़ की चादर बिछी हुई है,एक प्यारी से बच्ची ऊपर से नीचे तक पूरा लाल गर्म कपड़ों में ढकी हुई हाथों में भी चमड़े के दस्ताने सिर्फ़ टोपी से उसका प्यारा सा चेहरा झाँक रहा था बड़ी तन्मयता से स्नो मैन बना रही थी नावेद उसके पीछे पहुँच के अचानक जोर से हो !!!बोला उसने वो डर कर मुड़ी उसका स्नोमैन बिगड़ गया नावेद से झगड़ने लगी वो बड़ी मुश्किल से मनाया उसको नावेद ने और दूसरा स्नो मैन बनाया तो ख़ुश हो गई वो, फ़िर से गहरी नींद में जाने लगा वो झंझोड़ने से उसे होश आ गया ....उसके सामने बैठी छोटी सी ज़ेबा पूछ रही थी अच्छा बोलो मैं जा रही हूँ तुम मुझे याद रखोगे?,दरअसल ज़ेबा के पापा का ट्रांसफर हो गया था दूसरी जगह उसने उदास आँखों से देखा और बोला भला तुझे मैं कैसे भूल जाऊंगा ज़ेबा की बच्ची जल्दी आना तू ,पापा आएंगे तभी तो आउंगी !धीरे-धीरे सालों गुज़र गए ,फ़िर नावेद चेतना शून्य होने लगा लेकिन उसने खुद को झटका दिया नहीं अभी नहीं सोना मुझे ..!


Rate this content
Log in