Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सिर्फ मैं

सिर्फ मैं

1 min
7.7K


आज फिर वो तैश मे था पता नही क्यों ,वो घर पर आते ही तैश मे आ जाता था।

सम्भवतः वो किसी चीज को दबाने के लिये ही ऐसा करता था ये सुनने में भी आया था हर वक्त अपने आप पर गूरूर

"बस मैं ही सही ।"

धीरे धीरे उससे सब दूर होते गये उसके केन्द्रीय बर्ताव के कारण पर उसका स्वभाव न बदला ।

एक दिन ऐसा भी आया कि उसके बेटे ही पिता से नफरत करने लगे और अपनी अपनी पत्नियों के साथ घर छोड़ कर चले गये अब वो एक दम अकेला था ये नफ़रत ही थी जो पत्नी को भी लील गई ।

एक शाम उसका आलीशान मकान, (हाँ मकान ही था अब तो घर वालों ने उसको छोड़ ही दिया था उसके "मैं" के चलते )में अकेला बैठा था लगा जैसे कमरें की दिवारें उसे चिढ़ा रही थी। "अब मर अकेला "

    धीरे धीरे उसकी मानसिक हालत खराब हो गई अब दीवारें नहीं वो खुद ही बोलता रहता "मर अकेला "

कुछ लोगों ने उसे पागल करार दे पागल खाने भिजवा दिया पर अब भी उसकी आवाजें गुंजती थी "मर अकेला " पर उस घर मे नहीं, जिसके लिये उसने सबको छोड़ दिया बल्कि पागल खाने में। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy