ये तो बस हालात
ये तो बस हालात
ये तो बस हालात थे ,जो तुम और मैं साथ हैं। ना जाने कितने अरमानो और आरज़ुओं को तुमने कुचला होगा..!
शायद कुछ ठीक ही होगा, इसलिए हम आज भी साथ हैं। शायद ज़रूरत प्यार से ज्यादा एक साथ की है, जो तुम्हे और मुझे दोनो को चाहिए...
कभी पिछले दिनों को देखता हूँ तो सोचता हूँ, कहीं तुम मुझसे परेशान तो नही, कहीं कुछ ऐसा हो जो तुम मुझसे कहना चाहती हो मगर कह नही पाती। यूँ तो लड़ाइयां बहुत हुई हैं हमारे बीच, मगर एक दूसरे को खोने का डर है जो शायद हम बंधे हुए है, ये भी हो सकता हैं शायद तुम जाना चाहती हो कहीं दूर, मुझसे या मेरे दिए गये बुरे हालातों से, मगर तुम साथ हो मेरे हाथों में खींची हुई लकीरों की तरह और मेरे अनुभव की तरह, जो समय के साथ और पक्का, और मज़बूत होता जा रहा है...!