Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Geeta Tiwari

Romance Tragedy

4.1  

Geeta Tiwari

Romance Tragedy

फेसबुक -एक प्रेम कथा

फेसबुक -एक प्रेम कथा

8 mins
1.6K


"हाय, मै तुषार, मरीन इंजीनियर, आप मुझे जानती नहीं इसलिए आपको अपना परिचय दे रहा हूं शीतल जी। क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगी? "शीतल ने फेसबुक पर इस अपरिचित के मैसेज को पढ़ा। तभी तुषार की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई । शीतल ने उसकी प्रोफाइल को देखा । शिप और उस पर बैठे लोग , यूनिफॉर्म पहने काम करते लोगों की तस्वीरें थीं । वह अनुमान लगाती रही कि कौन हो सकता है , ये तुषार ? दूसरे दिन वह जब ऑनलाइन आई तो उसने देखा कि तुषार का मैसेज था। आप ने मेरी रिक्वेस्ट एसेप्ट क्यों नहीं की क्या इतना बुरा इंसान लगा आपको , शीतू जी? फिर इसके साथ ही यूनिफॉर्म में एक युवक की तस्वीर थी । शीतल ने सोचा कल प्रोफाइल पिक्चर में यह व्यक्ति दूसरों से थोड़ा हटकर बैठा कॉफी पी रहा था शायद। पता नहीं, उसकी तस्वीर या उसकी बातों का असर था शीतल ने उसकी रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली ।

इसके बाद उनमें बातों का सिलसिला चल पड़ा । जब भी फ्री होते बातें करते । अब उनके बीच कुछ भी अंजाना नहीं था। दोनों एक दूसरे से अपनी दिनचर्या से लेकर अपने परिवार के हर सदस्यों की बातें भी शेयर करने लगे थे। जबकि शीतल अपनी रियल लाइफ में एक शांत और अंतर्मुखी लड़की मानी जाती थी लेकिन वह तुषार से बहुत सारी बातें करती थी। शायद तुषार की भाषा शैली , उसके अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान की जानकारी का असर था कि वह धीरे-धीरे उससे प्रभावित होती जा रही थी । इसी दौरान तुषार का फुफेरा भाई संतोष शीतल का फेसबुक फ्रेंड बन गया । तुषार ऑनलाइन नहीं होता तो प्रायः संतोष ऑनलाइन मिल जाता था जो शीतल कभी इंटरनेट की दुनिया को धोखेबाज और क्राइम करने वालों की मानती थी , वह अब जैसे इसमें डूबती जा रही थी । वह संतोष से तुषार के बारे में छोटी-छोटी बातें भी पूछा करती थी । शायद वह तुषार की तरफ आकर्षित होने लगी थी ।

एक दिन बातों में संतोष ने उसे बताया कि तुषार अनाथ है। संतोष की मामी घर लाकर उसे अपना बेटा बना ली। शीतल ने आश्चर्य से कहा - तुषार ने कभी नहीं बताया कि वह अनाथ है । संतोष ने कहा यह सब परिवार के लोग ही जानते हैं । उसके मामा- मामी ने अपने बेटों की तरह ही उसकी भी परवरिश की है। आज उनके बच्चे अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं और तुषार ही उन लोगों की देखभाल करता है।उसने बताया कि अधिक उम्र हो जाने के कारण अब मामी से घर की देखभाल नहीं हो पा रही है इसलिए अब सब तुषार पर दबाव डाल रहे हैं कि वह शादी कर ले। तुषार चाहता है कि ऐसी लड़की से शादी करें जो हमेशा उसके माता-पिता की सेवा करे। पता नहीं क्यों तुषार की शादी की बात शीतल को अच्छी नहीं लगी।उस दिन शाम को जब तुषार ऑनलाइन आया, शीतल ने पूछा -कांग्रेच्युलेशन!!शादी कब कर रहे हो? तुषार ने कहा- यह किसने कहा तुमसे? शीतल ने कोई जवाब नहीं दिया तुषार ने फिर पूछा -यह किसने कहा कि मैं शादी कर रहा हूं क्या संतोष भैया ने कहा है? शीतल फिर खामोश रही।शीतू ,प्लीज आज मेरी एक रिक्वेस्ट मान लो। मुझे तुमसे बहुत कुछ कहना है जो यहां लिखकर मैं तुम्हें नहीं बता सकता। मुझे अपना कांटेक्ट नंबर दे दो प्लीज प्लीज प्लीज...। रोज मना करने वाले शीतल ने आज उसे अपना नंबर मैसेज कर दिया। तुषार ने पूछा कि अभी कॉल कर सकता हूं। शीतल घर में अकेली थी। उसने हां कर दी। तुषार की कॉल आई। थोड़ा हिचकिचाते हुए शीतल ने "हेलो" बोला। उसके बाद तुषार ने कहा - मैंने अपने बारे में इस बात को छोड़ कर सब कुछ सच बताया है।वैसे भी मैं अनाथ हूँ ऐसा मैंने कभी महसूस नहीं किया क्योंकि आज मैं जो कुछ भी हूँ अपने इन्हीं माता पिता की वजह से हूँ । मेरे मरीन से वापस लौटने का हमेशा इंतजार करते माता पिता हैं तो बताओ क्या मैं अनाथ हूँ ?

तुषार की बातों में जाने क्या आकर्षण था, शीतल उससे प्रभावित होती जा रही थी। उसके बात करने का तरीका, विचारों की परिपक्वता शीतल को उसके और निकट लिए जा रही थी। जब भी समय मिलता है वे आपस में बातें करते। समय कम पड़ जाता, बातें खत्म ना होती। वह उसके आवाज के आकर्षण से निकलना भी चाहती थी परंतु खुद को जैसे रोक ही नहीं पा रही थी। अचानक तुषार का फोन आना बन्द हो गया था। शीतल बेचैन थी। वह जानती थी कि तुषार आजकल घर आया हुआ है। पूरे टाइम फ्री है। दिन भर बातें कर सकता है। फिर कॉल क्यों नहीं कर रहा? कैसे पता करें ? कभी खुद को समझाती वो परेशान क्यों है? वह आखिरी दोस्त ही तो है।

तीन दिन बीतते उसका धैर्य टूट गया। उसने फेसबुक पर संतोष को मैसेज किया। सब कुछ ठीक तो है? तुषार कैसे हैं? उनकी कोई खबर नहीं मिल रही । दूसरे दिन संतोष ने जवाब दिया । तुषार हॉस्पिटल में भर्ती है। दो दिन पहले शायद उसने कुछ खा लिया है। सभी बहुत परेशान है मामा मामी का तो रो-रो कर बुरा हाल है।मुझे भी फोन से ही सब पता चला है। भाभी बता रही थी कि शायद वह किसी लड़की से प्यार करता है लेकिन संकोच में बता नहीं पा रहा था और मामी शादी की जबरदस्ती कर रही थी। इसी दबाव में उसने ऐसा कर लिया। पता नहीं क्यों, शीतल मुझे ऐसा लगता है कि वह लड़की तुम हो जिससे तुषार प्यार करता है। क्या मैं सही सोच रहा हू?शीतल यह सब पढ़कर स्तब्ध रह गई। अजीब से भय और दुख से मन भर आया। पूरा दिन बेचैनी में बीता। उसने संतोष को मैसेज किया "भैया तुषार मुझे भी अच्छे लगते हैं लेकिन शादी मैं अपने माता-पिता की मर्जी से ही करूंगी। मुझे नहीं लगता कि मेरे घरवाले अंतरजातीय विवाह के लिए तैयार होंगे।"

अगली सुबह उसे तुषार का मैसेज मिला। मैं कल तुमसे मिलने तुम्हारे शहर आ रहा हूं। तुम जहां कहो, वही मिल लेंगे पर मुझे एक बार तुमसे मिलना है। तुम्हें कम से कम एक बार सामने मिल कर देखना चाहता हूं। शीतल के मन में अंतर्द्वंद चलने लग। क्या यह ठीक होगा कि मैं मम्मी पापा को बिना बताए किसी अनजान से अकेले में मिलूं? न्यूज़ में देखे, अखबार में पढ़ी अनेकों फेसबुक की दोस्ती से संबंधित घटनाएं उसे याद आने लगी। अगर वैसा कुछ हुआ तो सभी उसके बारे में क्या सोचेंगे उसके स्टूडेंट जिनकी आइडियल टीचर है ? वह सिर पकड़ कर बैठ गई । बुदबुदाई नहीं ,नहीं मैं नहीं जाऊंगी।फैसला करके उसने तुषार को मैसेज किया । देखो तुषार, इतनी जल्दी मैं नहीं आ सकती। मुझे कुछ समय चाहिए। मैं अपने पेरेंट्स से तुम्हारे बारे में बात करूंगी। अगर वो इजाजत देंगे तभी मैं तुमसे मिल पाऊंगी । थोड़ी देर बाद ही तुषार का जवाब आया। तुमने मेरा दिल तोड़ दिया है। मैंने फ्लाइट की टिकट भी ले ली है। मुझे लगता है कि तुम मुझ पर भरोसा नहीं करती या तुम खुद फेक इसलिए मिलना नहीं चाहती। उसके बाद वो ऑफलाइन हो गया।

व्हाट !!मैं फेक हूँ? वह बुदबुदाई । जैसे कुछ चुभ सा गया। दुखी मन से वह पुराने मैसेज को पढ़ती रही। शायद इसी बहाने वह उसके वापस आने का इंतजार कर रही थी। उसकी बात करने का अंदाज, पोस्ट उसके कमैंट्स सब उसे बार-बार याद आ रहे थे। जैसे उनके आकर्षण से निकल ही नहीं पा रही थी। तभी उसे संतोष ऑनलाइन दिखाई दिए। उसने मैसेज किया "भैया, तुषार मुझसे नाराज हो गए हैं" मैसेज सेंट होने पर उसने देखा संतोष ऑफलाइन हो चुका था। उसका मन नहीं लग रहा था उसने संतोष भैया की प्रोफाइल देखना शुरू किया। उफ , कितनी घटिया पोस्ट करते हैं। यह तुषार के भाई हैं, सोच भी नहीं सकती। पूरा टाइमलाइन गंदी तस्वीरों से भरा पड़ा था। आज तक मैंने मैसेज से बात की थी ।पहले इनका टाइमलाइन देखी होती तो ये मेरी फ्रेंड लिस्ट में ना होते। अचानक उसकी नजर एक कमेंट पर पड़ी। वह पढने लगी । उसे सब जाना पहचाना सा लग रहा था। मन में विचार आया कि क्या लहजा तुषार सा नहीं? भाई है दोनों इसलिए समानता लग रही है। थोड़ी देर में बंद किए बैठी रही।

  अजीब सा सन्नाटा दिमाग में पसरा हुआ था। तभी एक प्रोफाइल पर उसकी नजर ठहरी।गहनों से सजी धजी एक अधेड़ उम्र की महिला की फोटो थी। वह यूं ही उसकी प्रोफाइल चेक करने लगी। अरे यह क्या ? यहां भी तो इसी तरह से कमेंट्स है । वह हंस पड़ी।सच कहते हैं सब मुझे टीचर नहीं जासूस होना चाहिए था। शक करने की बीमारी है मुझे । मुस्कुराते हुए वह कमेंट करने वाले का नाम पढ़ी- "सतीश कुमार" यह सब "कुमार" एक ही तरीके से अपनी बात कहते हैं क्या? उसने मोहन कुमार की प्रोफाइल को देखा इंजीनियर मर्चेंट नेवी कंपनी जो तुषार और संतोष की थी। कई फोटोज भी वही थे जो उसने तुषार की टाइमलाइन पर देखे थे। यह 50 वर्ष के व्यक्ति की प्रोफाइल थी जो इस महिला का पति था । इनके एक 18 वर्षीय बेटी भी थी। शीतल जाने क्यों असहज हो गई । अब मन और दिमाग पूरी तरह सजग हो बारीकी से हर बात को देखने लगे थे। तभी अचानक उसने कुछ फैसला लिया और मोहन कुमार के टाइमलाइन से कुछ फोटोज डाउनलोड कर उसने तुषार को मैसेज किया और लिखा- "मिस्टर मोहन कुमार आप मेरी भावनाओं को बहका खेलते रहे। अपनी बेटी की उम्र की लडकी को बरगलाने की कोशिश करते रहे। आपको शर्म आनी चाहिए। अब आप को समझ में आ गया होगा कि फेक कौन है?    अपनी बेटी को हमारी फेसबुक प्रेम-कथा जरुर सुनाएं जिससे आप जैसा कोई बहुरूपिया उसकी भावनाओं के साथ न खेल सके।"कुछ देर शांत बैठने के बाद उसने ईश्वर को धन्यवाद दिया। मन में फैले सन्नाटे को दूर करने के लिए वह कमरे में से निकल गई ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance