किस्मत
किस्मत
आज मेरी दोस्ती इनती अच्छी सिख दे गई ।मैं कुछ दिनों से अपने बिजनेस में घाटे में चल रहा था ।मैंने बहुत सा कर्ज भी ले रखा था ।बड़ा परेशान था ,पर एक दिन मेरा बचपन का दोस्त सुधीर आया इधर -उधर की बातों के बाद वह मेरी मन स्थिति समझ गया दो दिन बाद आया तो एक बंडल मेरे हाथ में थमा कर बोला ये रख ले असगर । और चला गया उसकी मदद से मेरा बिजनेस चल निकला धीरे-धीरे कर्ज भी उतर गया मैं फिर से पटरी पर आ गया .अब मुझे फिक्र थी तो उसकी रक़म लोटने की मैं गया तो उसके बेटे से मुलाकात हुई ।पापा तो घर पर नहीं है ..में दो -तीन बार गया ।
अब मुझे शक हुआ मैंने पूछा बेटा सच बताओ सुधीर कहां है कई दिनों से मेरी तरफ नहीं आया मैं अपनी मसरुफ़ियत में लगा रहा ...।लड़के ने बताया कुछ दिन पहले बड़ी बहन की शादी के लिए पापा ने अपने जी.पी.एफ से पैसे निकलाए थे मगर वो पैसे वो बताते है बैंक से आते टाइम कुछ लोगों ने मुझसे छीन लिए ।अब कुछ दिनों बाद लड़की के सुसराल वालों ने मांग पूरी नहीं होने पर रिश्ता तोड़ दिया ...बस वही सदमा बर्दाश्त नही कर पाए पापा एक दिन अटैक आया और हमें छोड़कर चले गए ।
मैं ज़ारोक़तार रोने लगा मैं भी कैसा स्वार्थी था मैंने पलटकर नहीं खबर ली अब असगर मियां ने बताया वो पैसों का बंडल मुझे दे गया था मेरा यार मैं बिजनेस में नुकसान ओर कर्जदार था उसे कैसे भनक लगी वो मेरी मदद करने आ खड़ा हुआ मैं आज वो पैसे लोटाने आया था मगर देखो ....क़िस्मत से मिल ते हैं ऐसे दोस्त फिर असगर मियां ने ही अपने दोस्त सुधीर की बेटी की शादी बड़े धूमधाम से की और दोस्ती फेमिली का हर ख़र्च उठाया....।