नन्हा शुभ और दीपावली के पटाखे
नन्हा शुभ और दीपावली के पटाखे
नन्हा शुभ जब भी नानी के पास जाता मामा मौसी के साथ मस्ती करने मे वापस जाने का उसका मन ही नहीं करता ।दीपावली पर जब वह अपने माँ पापा के साथ आया तो फिर वही बात वापस जाने का उसका मन ही नहीं था उसके पापा ने एक तरकीब भिड़ाई कि उससे कहा कि “चलो बाहर पटाखे छुड़ाते है “और बाहर आने पर कहा कि सब खत्म हो गये है चलो बाजार से ले आतें हैं और फिर उसे बुद्धू बना कर कार में बैठा कर अपने घर की ओर फुर्र हो गये ।