जो बोयेगा वही तो पायेगा
जो बोयेगा वही तो पायेगा
पायल बहुत उत्सुकता से अपनी सासु माँ के पास आयी और कहा "मम्मी ये लीजिए पौधे का बीज, मैं आपके लिये लायी हूँ, आपको बाग़वानी का बहुत शौक है न।" सासु माँ ने बीज लेते हुए कहा कि "तुझे कब से बाग़वानी का शौक चढ़ गया?" पायल ने हँसते हुए कहा अपने लिये आपकी खुशी के लिये लायी हूँ।आपको देखा है मैंने आप कितनी लगन से बाग़वानी करती है। अपने पौधे का कितना ख्याल रखती है।
सासू माँ ने बड़े प्यार से उस बीज को एक गमले में लगा दिया। और मन से उसका ख्याल रखने लगी । समय पर पानी देना, खाद डालना, धूप बारिश से बचाना, सब बहुत प्यार और लगन से पायल की सासू माँ करती थी।सासु माँ के साथ पायल भी उस पौधे का विशेष ख्याल रखती। सासू माँ को थोड़ा आश्चर्य भी होता लेकिन साथ में खुशी भी होती थी।
एक दिन सासु माँ ने पायल को आवाज़ देकर कहा "देख पायल तेरे पौधे में कली निकल आयी है।" पायल खुशी- खुशी दौड़ के उस कली को देखने गयी लेकिन कली को देखते ही रोने लगी, और रोते रोते कहा ये तो गेंदा की कली है मुझे तो गुलाब चाहिए था। सासू माँ ने कहा कि बीज गेंदा के होंगे तो गेंदा के फूल ही न निकलेंगे, गुलाब कैसे आएंगे।
लेकिन पायल ने अपनी सासु माँ की एक भी सुनी और रो रो कर सारा घर सर पे उठा लिया। सास-ससुर ,पति किसी के भी कहने पर चुप ही नहीं हो रही थी और रोते ही जा रही थी। एक ही रट लगा रखा था उसने की "मुझे गुलाब के फूल चाहिए था।" बात इतनी बढ़ गयी कि पड़ोसी, ननद,चाची सास सबको आना पड़ा। सबने मिल कर समझाया कि तुमने जो बीज लाया था वे गेंदा के फूल के थे, तुमने अपनी सासु माँ को दिया उस बेचारी ने रोप दिया,अब उन्हें क्या पता था कौन से फूल खिलेंगे-गेंदा के या गुलाब के।
पायल ने अपने आँसू पोछते हुए कहा यही बात तो मैं भी समझाना चाहती हूँ अपनी सासु माँ को की मुझे भी तो नहीं पता था कि मेरे अंदर कौन सा बीज था-बेटा का या बेटी का। अगर मैंने बेटी को जन्म दिया है तो इसमें मेरी क्या ग़लती है। क्यों सासु माँ ने मेरी इस छोटी सी कली को इतना कोसा, क्यों इसके जन्म पर वे इतना रोई। इसे प्यार भी नहीं किया। अपने पड़ोसियों, ननद और चाची सास की तरफ देख के कहा "उस समय क्यों आप लोगों ने मेरी सासु माँ को नहीं समझाया, क्यों उस वक्त आपलोग चुप थे, जब वो मेरी नन्ही कली का तिरस्कार कर रही थी, जब वो मेरी नन्ही कली के जन्म पर फुट फुट कर रो रही थी।