माँ का बरसाती वाला कमरा
माँ का बरसाती वाला कमरा
केमिस्ट से माँ की दवाई लेने गई तो उसने मुझसे पूछा,
"किसका है ये पर्चा ?"
"मेरी माँ का ।"
"क्या बीमारी है माँ को ?"
"दिल की बीमारी है।"
क्या उम्र है उनकी ?"
"उन्हें अपनी उम्र ठीक से पता नहीं । लेकिन जिस तरह वे अपने जन्म का जिक्र करती हैं उस हिसाब से वे पेंसठ साल के करीब की हो गई हैं ।"
उसने कुछ दवाइयाँ निकाल कर मेरे सामने रखी और बोला,
"ठीक से देखकर बताओ, यही दवाई खाती हैं तुम्हारी माँ ?"
मैंने देखा बाकी सब दवाइयाँ तो ठीक थी लेकिन एक दवाई मुझे अलग सी लगी । मैंने उसको बताया कि,
"ऐसी तो कोई दवाई मैंने उनके पास कभी नही देखी ।"
उसने एक दूसरी दवाई निकाली और मुझसे फिर से पूछा,
"ये वाली ?"
"हाँ, हाँ ये वाली ।"
बस नाम ही अलग है इनका, वरना सॉल्ट तो वही है ।"
दवाइयाँ लिफाफे में रखते हुए उसने कहा- "इस पर्ची पर लिखा स्पष्ट नहीं दिख रहा, ये भीग कैसे गई ?"
"भैया, माँ बरसाती वाले कमरे में रहती है । ये पेपर उनके ही कमरे में खूंटी पर टँके रहते हैं । किसी दिन बौछार आई होगी तो भीग गए होंगे ।"
उसने ने दवाइयाँ और बिल मेरी तरफ बढ़ा दिये तो मैंने पर्स से रुपये निकाल कर उसकी तरफ।
अपनी रकम काटकर बाकी के रुपये मुझे लौटाते हुए उसने मेरी आँखों मे झांकते हुए पूछा -
"अपने स्कूल के सर्टिफिकेट तो तुमने अलमारी में सम्भाल कर रखे हुए होंगे ना ? ....और बच्चो की रिपोर्ट कार्ड भी सम्भाल कर रखती हो ना !