✍ देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान कितना बदल गया इंसान ...कितना बदल गया इंसान...!!
✍ देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान कितना बदल गया इंसान ...कितना बदल गया इंसान...!!
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान कितना बदल गया इंसान .... कितना बदल गया इंसान.... इंसान लाख कोशिश क्यू न कर ले लाखो तीरथ धाम क्यू न कर ले या फिर वो चाहे जितने जतनं क्यू न कर ले खुश रहने की सुखी जीवन जीने की अगर इंसान हमारे भगवान समान या में तो कहता हु उनसे भी बढ़कर बढ़कर हमारे जो माँ बाप है अगर उन्हें ही इंसान ख़ुशी नहीं दे सकता उन्हें प्यार नहीं दे सकता तो कोई मतलब नहीं उसके इस तीरथ धाम या भक्ति भाव का ....अरे माँ बाप जब हमें जन्म देते है तबसे ही वे हमारे लिए हमारी सुखी और समृद्ध जीवन की खातिर न जाने कितने ही जतन करते है अपनी खुशियों का गला घोट के वे हमारे मंगलमय जीवन की कामना करते है हमेशा हमें ख़ुशी देने के लिए निरंतर अविरत जतन करते रहते है प्रयास करते रहते है और यहाँ आज इंसान माँ बाप की खातिर कुछ त्याग नहीं कर सकता अपनी खुशियो का बलिदान नहीं दे सकता अब क्या कहे अरे जो माँ बाप हमारी ख़ुशी की खातिर न जाने कितने ही खुशियों से मुह मोड़ा हो तो क्या हम इन्सान उनकी ख़ुशी की खातिर अपनी खुशियों को नहीं त्याग सकते हा सोचिये ज़रा..?
* और हां एक बात और यहाँ भी सत्य है और इस बात को कोई नकार भी नहीं सकता की हम चाहे जितना धन दौलत क्यू न कमा ले चाहे जितना तरक्की क्यू न करले पर माँ बाप की खुशियो के सामने यह सब धन दौलत व्यर्थ है उसका कोई मतलब नहीं कोई मोल नहीं और इंसान चाहे जितना भी तीरथ धाम भक्ति भाव कर ले पर माँ बाप की भक्ति बिना सेवा बिना उनकी ख़ुशी के बिना ये सब व्यर्थ है..!!