रिश्ते
रिश्ते
अमन और अनीता की शादी को 4 वर्ष हो गए थे, दोनों ने प्रेम विवाह किया था। लम्बे समय तक लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने के बाद दोनों ने विवाह करने का निर्णय लिया, अंततः दोनों के परिवार वालों को उनकी हठधर्मिता के आगे झुकना पड़ा।
अमन एमबीए करने के बाद दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में बतौर प्रबंधक कार्यरत था, वहीं अनीता भी एक पढ़ी-लिखी अत्याधुनिक लड़की थी। अमन को उसके पदनुरूप मोटी तनख्वाह मिलती थी, जो उनकी अच्छी आर्थिक स्थिति का प्रतीक था। एक दिन अमन के भैया ने उसे फोन किया और शहर आने की बात कही, अमन भी भैया के आने की बात सुनकर उस दिन दफ्तर से जल्दी घर लौट आया। घर आने के बाद अमन ने अनीता को भैया के आने की बात बताई और खाना बनाने को कहा, तो अनीता ने अपने सिरदर्द के बारे में बताकर यह सलाह दी कि भैया को बाहर किसी होटल में खाना खिलाया जाए। बड़े भैया गांव से अनेकानेक ग्राम्य सुलभ वस्तुओं की पोटली लेकर अमन के साथ आए और हाथ - मुंह धोकर अमन के साथ खाना खाने के लिए होटल चले गए। जब दोनों भाई घर लौटे तो दोनों का मुंह आश्चर्य से खुला रह गया। दरअसल, अनीता के भ्राता श्री का भी आगमन हुआ था और वह अपनी बहन के साथ बैठकर पांच प्रकार की सब्ज़ियों , पनीर , आलू के पराठे व तीन प्रकार की मिठाइयों पर हाथ साफ कर रहे थे।