हसीन बला (अंतिम भाग)
हसीन बला (अंतिम भाग)
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तेज़ बारिश के दौरान एक बेहद सुंदर लड़की कबीर से लिफ्ट मांगती है, जिसे वह इनकार नहीं कर पाता वह रास्ते में कार से उतर जाती यह कह कर उसकी मंज़िल यही है, बारिश भी रूक चुकी थी।
अगले दिन पुलिस कबीर के घर से उसे गिरफ्तार कर लेती है क्योंकि उन्हे जानकारी मिली थी वह ड्रग्स सप्लाई करता है जिस वह उसकी गाड़ी से बरामद करते हैं ...कबीर भौचक्का रह जाता है, वह समझ गया यह काम उसी हसीन लड़की का है जिसे उसने कल रात लिफ्ट दी थी कबीर की पत्नी रीमा परेशान हो जाती है ….
अब आगे ...
“कबीर को पुलिस पकड़ कर ले गयी भैया ”…रीमा फोन पर रो रही थी, उसे कुछ समझ में ही नही आ रहा क्या करे! तभी उसे दूर के रिश्ते के भाई का ध्यान आया जो एक क्राईम रिपोर्टर था उसने आनन फानन में अपनी डायरी से नम्बर खोज कर फोन किया शुक्र था कि उस वक्त वो घर ही था वह रीमा को आश्वासन देता है, वह रोये नहीं वह अभी थानेे जाकर बात करता है व कबीर की जमानत का इन्तज़ाम करता है।
रोहन जो एक क्राईम रिर्पोटर था उसने कबीर की जमानत तो करवा ली लेकिन उसे यह लगा कि आखिर कबीर को कौन फंसवा सकता है उसे पता था वह सीधा शरीफ इन्सान था जो उसकी बहन रीमा को बहुत चाहता था, उसका स्वभाव थोड़ा खिलंदडा व लापरवाह है, लेकिन वह गलत काम नही कर सकता था।
कबीर, रीमा व रोहन आपस में बातचीत करते है, रोहन कबीर से पूछता है उसकी किसी से दुश्मनी तो नहीं, तुम्हें कौन फंसा सकता है हो सकता है किसी ने उस लड़की को मोहरा बनाया हो। कबीर सोच में पड़ जाता है वह तो बस यही सोच रहा था उसने उस लड़की को लिफ्ट दी ही क्यों न वो उसकी मदद करता न वो फंसता।
“मुझे कुछ याद नहीं रोहन ऐसा कौन है जो मुझसे रंजिश रखता है, ऑफ़िस में सभी उसे अच्छा मानते हैं, लेकिन अब उसकी इमेज खराब हो गयी है ”, कबीर की बातों में गुस्सा व दुख दोनो सम्मिलित था।
“ठीक है मैं चलता हूं ” रोहन वहां से चला तो गया लेकिन उसने रीमा को आश्वासन दिया वह चिन्ता न करे वह पता लगा कर ही रहेगा इन सब के पीछे किसका हाथ था।
काफी दिनों के बाद रोहन रीमा के घर पहुंचा ,“आप इतने दिनों से कहां थे भैया ! “ कहीं नहीं कबीर के केस की वजह से ही भटक रहा था। वह कहां है वह एक दूसरी जगह जॉब के लिए गये हैं "
क्यो वहां से हटा दिया क्या ?
“ हटाया तो नही क्योंकि वहां सबको पता है कबीर ऐसे काम नहीं करता लेकिन दबे स्वरों में ही लोग ऊंटपंटाग बातें कर रहे थे।”
“अच्छा मेरे हाथ कुछ ऐसे पुख्ता सबूत लगे है जिससे पता चल जायेगा कि कबीर निर्दोष है ,"सच भैया ”
“हां बहन तू परेशान न हो जीजा जी पर कोई आंच नहीं आयेगीे बल्कि गुनहगार खुद अपना जुर्म कबूलेगा |
कबीर घर वापस आ चुका था। “ क्या हुआ दूसरी जगह जॉब मिली”? रीमा ने कबीर से पूछा , “नही पर मिल जायेगी एक दो जगह अप्लाई किया है। “
रोहन को देख कबीर मुस्कुराया, रोहन सारी बातों का खुलासा करना शुरू कर दिया …!
रोहन ने कबीर को बताया कि बरसों पहले जब वह दूसरी जगह काम करता था वहां शिखा नाम की एक लड़की भी काम करती थी कबीर ने दिमाग पर ज़ोर दिया, “ हाँ , यह बहुत पुरानी बात है जब मेरी शादी भी नही हुई थी वहां बहुत सी लड़कियाँ आँफिस में थी शिखा ब्रांच ऑफिस के बॉस की सक्रेट्री थी, वो बहुत मेहनती थी सुंदर थी लेकिन उसका इस केस से क्या लेना देना। ” कबीर चहक उठा।
रोहन के चेहरे पर विचित्र सी हंसी आ गयी लेना देना है पहले पूरी बात सुन लो फिर कहना कुछ
वो तुम्हें चाहती थी ! क्या ? कबीर आश्चर्य चकित !!
“ अगर वह मुझे चाहती थी तो उसने कभी कहा क्यों नही मै तो उसी ऑफिस में था उससे हंसी मज़ाक करता रहता था उसने तो कभी जाहिर नही किया। ”
“ वह तुम्हें बताने ही वाली थी कि तुम्हारा प्रमोशन हो गया और तुम इस शहर में आ गये प्रमोशन होते ही तुम्हारी शादी तुम्हारे घरवालों ने रीमा से कर दी यह सब इतनी जल्दी में हुआ कि उसे मौका ही नही मिली उस पर उसके घर के हालात कुछ ठीक नही थे उसके छोटे भाई बहन थे जिसकी जिम्मेदारी उस पर थी इसलिए वह तुम्हें भी कुछ नही बता पायी।
पिता शराबी था घर कर्जे में डूबा ! उसकी नौकरी से घर की दाल रोटी तो चल जाती थी लेकिन बाकी ज़रूरतें कहां से पूरी होती, कर्ज़दार कर्ज़ का तकाजा करते, छोटी बहन ने ड्रग्स सप्लाई शुरू कर दी वह बेहद खुबसुरत, बिंदास और चालाक किस्म की थी वह अपनी ज़रूरतों के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी।
शिखा अपनी काबलियत से अपनी नौकरी में ध्यान दे रही थी जल्द ही उसका प्रमोशन होने वाला था फिर वह अपने घर की जिम्मेदारियों को और भी अच्छी तरह संभाल सकती थी।
लेकिन ?
लेकिन क्या रोहन ?
बताता हूं तब तक रीमा चाय नाश्ता ले आयी , कबीर पूरी तरह खामोश था रीमा चुप चुप लग रही थी उसे भविष्य की अपने व अपने बच्चों के भविष्य की चिन्ता हो चली थी।
शिखा की वो फाईल तुमने गायब कर दी थी जिसमें ऑफिस के जरूरी कागजात थे सबने उसे बुरा भला कहा। तुमने जरूरी काम चलाऊ दूसरी फाइल बना कर दी… जिससे बॉस की नज़रों में हीरों बन गये , उन्होने तुम्हारा प्रमोशन कर दिया | तुम्हारी लाईफ तो सेट हो गयी पर तुमने उसके बारे में एक बार भी न सोचा वह किस मजबूरी में नौकरी कर रही थी, उसे पता चल गया था, किन्तु वह तुम्हें चाहती थी इसलिए वह चुप रही, तुम इतने स्वार्थी निकले कबीर!! अपनी तरक्की के लिए उस मजबूर लड़की का इस्तेमाल किया “
कबीर चुप्पी लगाये था, रीमा कबीर को घुर रही थी।
कबीर की खामोशी साफ बता रही थी उसने ऐसा किया था। तुम्हारी गाड़ी में ड्रग्स उसकी छोटी बहन ने ही रखी थी, वो सब एक प्लान था, वह काफी दिनों से तुम्हारा पीछा कर रही थी। शराब व जुए की लत से उसके बाप ने बच्चों का भविष्य चौपट कर दिया था एक शिखा ही थी जैसे तैसे अपने दूसरे छोटे भाई बहनों को पढ़ा लिखा रही थी। वह बीमार हो गयी बेचारी ने दूसरी नौकरी ढूंढी लेकिन उसमें पहले वाली बात न रही वह जिंदगी को ढो रही थी।
शराबी बाप चल बसा एक बहन की शादी करवा दी उसने भाई पढ़ रहा है अभी तो पार्ट टाईम काम भी करता है।
वह हसीन बला उसी की छोटी बहन है खुबसुरती उसे माँ से विरासत में मिली पर शराबी व जुआरी बाप से संस्कार न मिले वह उसी के नक्शे कदम पर चलती उसके बाप के ही आवारा दोस्तों ने उसे मादक पदार्थों की सप्लाई के काम में लगा दिया पुलिस को उसकी तलाश भी थी , उसने ही पुलिस को अपने साथियों को फोन करवाया और तुम्हें फंसाया।
…..जब मैंने तुम्हारे बारे में सारी जानकारी इकट्ठी की तो सारी कड़ियां जोड़ी तुम्हारे पुराने अॉफिस गया था तो पता चला था उड़ते उड़ते लोगो को पता चल ही गया था की शिखा की कोई ग़लती न थी फाइल तुमने ही ग़ायब की थी। शिखा दूसरी जगह काम करने लगी थी जहां उसे बहुत कम तनख्वाह मिलती थी और उसकी तकलीफ़ बढ़ गयी थीं। फ़िर भी टूटने के बावजूद उसकी हिम्मत बरकरार थी ,बेचारी अपने अजीजों को समेट रही थी एक बहन तो हाथ से निकल ही चुकी थी फिर पिता की भी मृत्यु हो थी, एक भाई व बहन रह गये है, जो उसकी परवाह करते है।
रोहन कहता जा रहा था, उसकी वह बहन जिसने तुमसे लिफ्ट ली थी वह शिखा की हालत का जिम्मेदार तुम्हें मानती है और तुमसे बदले की भावना ने उससे यह सब करवाया।
कबीर की आँखों में आंसु थे, “उसने पूछा अब वह कहां है ?? तुम्हें मेरी वजह से कितना परेशान होना पड़ रहा है रोहन, मैं शर्मिंदा हूं मैने सिर्फ अपनी तरक्की के बारे में सोचा, यह न सोचा इससे शिखा का क्या उसका तो कैरियर ही चौपट कर दिया, एक फाइल ही थी, खैर अब क्या रोहन क्या तुम उससे मिले हो ? मैं उससे माफ़ी मांगुगा और कभी ऐसा किसी के साथ नही करूंगा, मुझसे जो भी होगा मैं उसकी मदद करुंगा ”
“हाँ मिला हूं, उसे सब सच्चाई पता है वह पुलिस को सच बता चुकी है उसकी बहन जो उसके लिए भी एक बुरी बला है, अब वह पुलिस की गिरफ़्त में है। वह मेरे साथ आयी है यही नज़दीक ही रूकी हुई है, चलो मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूं ...चलो, ! ” कबीर व रोहन चले जाते है।
रीमा खुश हो जाती है चलो यह हसीन बला तो टली, वरना केस व कोर्ट कचहरी के चक्करों में कितना समय बर्बाद होता, रोहन की शुक्र गुजार थी, वह सोच रही थी वह उसका सगा भाई भी नहीं है रिश्ते का ही है फिर जो उन्होने अपनी इस बहन के लिए किया उसका एहसान तो वह शायद ही चुका पाये …. रीमा की आँखें नम थी ….कबीर ने काश चालाकी न की होती भले ही उसे प्रमोशन मिला पर चालाकी से काबलियत से नहीं , यह तो होना ही था ! उसने गहरी सांस ली फिर भी चुप ही रही।
बच्चे स्कूल से वापस आये और उन्होने पूछा मम्मा पापा और मामा कहाँ है रीमा मुस्कुरायी पापा ने कुछ ग़लती की थी उसे सही करने गये है, उनको बोलो हमारे लिए आइसक्रीम लेकर आयें बहुत गर्मी है। ” ….ठीक है ! रीमा हंस रही थी।