दादी का भजन
दादी का भजन
दादी का शुगर लेवल बढ़ा हुआ था। उम्र हो गई थी, सो कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ गया था। नमक बंद, चीनी बंद,चावल बंद, आलू बंद, मिठाई बंद, अचार बंद, पकौड़े बन्द, समोसे बंद, मक्खन बंद, दही बंद। उबली हुई सब्जियों और फलों को खाकर कहीं भजन हो सकता है भला ?
लगभग भूखे पेट रहती थी दादी।
ईश्वर को भी भय लगने लगा, कहीं दादी टपक न जाये। फिर कैसे हो पूजा, भक्ति। जब भक्त नहीं, काहे की भक्ति ?
भगवान ने उपाय सुझाया। राहत तब मिली। ब्राउन राइस के लिए डॉक्टर ने हामी भरी।
अब निर्बाध रूप से दादी का भजन चल रहा था। ब्राउन राइस के भीतर छुपा के दादी पकोड़े खाती जा रही थी। भजन भी चल रहा था। ईश्वर भी खुश, भक्त भी तुष्ट। डॉक्टर भी खुश।