लॉक डाउन का पहला दिन
लॉक डाउन का पहला दिन
लॉक डाउन का ऐलान हो गया था रात 12 बजे से ,और रात बारह बजे यानी 25 मार्च मेरी छोटी बिटिया का जन्मदिन शुरू हो गया । मन मे उसके घोर निराशा थी पर मैंने उसे बताया कि संकट का यह समय आगे आने वाले दिनों को अच्छा बनाने वाला है कुछ मित्रों ,रिश्तेदारों ने रात 12 बजे से उसे बधाई देनी शुरू कर दी और बाकियों का आज सुबह से सिलसिला चालू हो गया था मोबाइल पर लगातार बधाइयों का ।
उसका मन खुश करने के लिए आज मैंने चॉकलेट केक बनाया ,मनपसंद व्यंजन बनाये उसके । दिन का समय काम में कैसे बीता पता नहीं चला ।
सुबह से सड़कें सूनी और उदास थी ,कोई राहगीर नहीं ,सब अपने घरों में सिमट गए थे ।कॉलोनी में सबेरे से बच्चों को स्कूल ले जाने वाली गाड़ियों के पहिये थम चुके थे एक हफ्ते पूर्व ही । पास के घरों की महिलाएं जो सुबह से अपने घरों से निकल आपस मे पहले घण्टों बतियाती थीं फिर अपना सुबह का काम शुरू करती थीं ,आज उनकी गुफ्तगू में विराम लग चुका था । बड़ा अजीब माहौल था । हमारे घर के बगीचे में चिड़ियों ने अपना घोंसला बनाया है बस उन्ही का चहचहाना जारी था जो मन को सुकून दे रहा था ।अपने जीवन में हमने कभी ऐसा माहौल नहीं देखा तो थोड़ा अजीब ही महसूस हो रहा था ।
कहीं कुछ अच्छा लग रहा था तो वो अपनों का साथ । साथ मिलकर हम काम कर रहे ,टीवी देख रहे ।
और आज हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हुई साथ ही नवरात्रि का प्रथम दिवस , सो घर के सम्मुख पांच दीपक प्रज्वलित कर मां भगवती से कामना की ,कि सम्पूर्ण विश्व जिस महामारी से जूझ रहा है ,उससे निकलने की हम सबको ताकत दे ,हमारी रक्षा करें । इस प्रार्थना के साथ मन में वह आत्मशक्ति भी जाग्रत हुई है की हम तैयार हैं ,भले ही घर में रहना पड़े कुछ दिन पर अपनों के लिए और अपनों का साथ सबको चाहिए ,यही हमारी प्रेरणा भी है ।
डे -1 बीत गया है , आगे हमारी संकल्प शक्ति के साथ बाकी दिन भी निकल जाएंगे । ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें सभी अच्छा महसूस करेंगे ,मैं तो कर रही हूँ और ज्यादा ऊर्जा इकठ्ठा कर रही हूँ अपने आप में ,हो सके तो आप भी अवश्य करें ।