Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

समस्या में ही समाधान

समस्या में ही समाधान

2 mins
2.5K


एक गांव में जहां एक लडका रहता है जिसका नाम है घनष्याम जो अपनी रोजमर्रा कि परेषानियों से परेषान हैं खास तौर पे पिछले एक हफ्ते से उसे चारों ओर से परेषानियों ने घेर रखा है। एक समस्या खत्म नहीं होती कि दूसरी षुरू हो जाती । वह अपनी इस जिंदगी से इतना तंग आ चुका है कि उसने आत्महत्या तक करने की सोची उसके इस हाल को देख गांव के एक व्यक्ति ने उसे एक सलाह देते हुए कहां कि यहां से 15 कि.मी. दूर एक जंगल है । वहां एक तपस्वी बाबा रहते हैं। उनके पास हर समस्या का समाधान है । तुम्हें उनसे एक बार तो जरूर मिलना चाहिए। यह सुन घनष्याम थोडा खुष हुआ और अगले ही दिन अपनी साईकिल उठा कर निकल पडा । चूंकि जून का माह था। गर्मी अपनी चर्म सीमा पर थी। खैर जैसे तैसे पता लगाते हुए उस बाबा के पास पहुंच गया। बाबा को नमन करते हुए उसने अपनी जिंदगी के सारे हालात बया किये और बताया कि किस तरह से परेषानियां से घिरा है। बाबा ने सारी बाते ध्यान से सुनी और एक पेड की ओर इषारा करते हुए कहां:- उस पेड को देख रहे हो जो आज सूखा है उसमें पत्ते नहीं । चाह कर भी उसमें आज और कल में ये पत्ते लगना संभव नहीं । वो तो जब पानी गिरेगा और एक सही समय आयेगा तो अपने आप हरियाली आ जायेगी।

ऐसी ही ये जिंदगी कि समस्याएं हैं जो आज या कल मैं खत्म नहीं होगी। सही वक्त आने पर इनका समाधान होगा। बस तुम अपना कार्य पूरी ईमानदारी और निश्ठा के साथ करते रहो।

घनष्याम ने बाबा कि बात को ध्यान से सुना और एक अगला प्रष्न किया कि:- बाबा क्या ऐसा कोई दिन आयेगा जब सारी परेषानियों का अंत हो जायेगा। और मैं चिंता मुक्त हो जाऊंगा। बाबा ने अपने पास रखे एक जलते दीपक की ओर ईषारा करते हुए कहा इस दीपक को देख रहे हो, यदि इसमें से तेल खत्म हो जायेगा तो ये दीपक बुझ जायेगा। ऐसी ही यदि मानव जीवन से समसया खत्म हो जायेगी तो यह स्थिर हो जायेगा। और उसका इस दीपक की भांति अंत हो जायेगा। समस्या उस तेल कि तरह से जो इंसान को आगे बढाती है। और सतत् गतिषील रखती है ।

ये दोनों बाते सुन घनष्याम खुष हुआ और बाबा के चरणों में गिर आर्षीवाद लेते कहां:- बाबा इन दोनेां बातों को अपनी जिंदगी से उतारने कि प्रतिज्ञा लेता हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama