रुक हुआ प्यार
रुक हुआ प्यार
वरुण आँफिस जा रहा था। अचानक उसका मोबाइल बजने लगा। आवाज़ आई, वरुण मैं आशा। याद नही आ रहा था वरुण को। उसने याद दिलाया। अचानक पुरानी बातें याद आने लगी। बचपन से लेकर 10 वीं क्लास तक साथ पढ़े थे दोनों। खेल ,खुद , मार पीट साथ साथ किये। कब बचपन जवानी की दहलीज़ पे आ पहुंचा, पता ही ना चला।
फिर वो पढ़ने निकल पड़ा शहर। आशा की शादी हो गयी। बहुत कुछ कहने को था, कह नहीं पाया। आज उसने वो बात कह ही दिया कि आशा को प्यार करता है। आशा ने फ़ोन काट दिया। 10 मिनट बाद फ़ोन आया, मैंने तुम्हें उस तरह से कभी नहीं देखा।
इश्क का सारा नशा उड़न छू हो गया। घर पे जाते ही बीबी को कहा जरा चाय देना। हमेशा की तरह अदरक वाली चाय मिली। आज उसकी बीबी बड़ी प्यारी लग रही थी। एक प्यार जो रुका हुआ था वर्षों से, आज बहने लगा।