३ बी.एच.के. फ़्लैट वाला पेन
३ बी.एच.के. फ़्लैट वाला पेन
शॉप मेनेजर चकित था। उन्होंने कमेंट में लिखा था, ऐसा लग रहा है, मैं ३ बी.एच.के. फ़्लैट वाला पेन से लिख रहा हूँ।
सौरभ जी दिल्ली हाई कोर्ट में अधिवक्ता थे। ट्रेड मार्क के केस देखा करते थे। पिछले ७ सालों से एक लॉ फर्म में काम कर रहे थे। उनकी लगन, मेहनत और प्रतिभा से प्रभावित होकर उनको क्लाइंट से डील करने के लिए अमेरिका भेजा। काफी गंभीरता से अपने काम को निपटा कर वो लौट रहे थे।
एयरपोर्ट पे मोंट ब्लांक पेन की दुकान थी। वो रुक के पेन देखने लगे। उन पेनों के दाम ४५, ५५ लाख के पेन थे। उन्होंने देखा फिर लौटकर चलने लगे।
अंग्रेज ने देखा विदेशी इंडियन है। लपक के बोला सर प्लीज आइये यहाँ। हमारे पास बहुत तरह के पेन हैं। सौरभ जी ने कहा, क्षमा कीजिए, ये मेरी क्षमता के बाहर है।
शॉप मेनेजर ने कहा कोई बात नहीं, कुछ कमेंट ही लिख दीजिये। पेन के दाम ४५, ५५, ६५ लाख थे। सौरभ जी ने सोचा, इतने में तो ३ बी.एच.के. फ़्लैट आ जाएगा। कमेंट लिखते वक्त उन्हें ऐसा लग रहा था वो ३ बी.एच.के. वाले फ़्लैट से लिख रहें हैं।