हम सब परिवार है।
हम सब परिवार है।
चारो भाई आपस मे हमेशा लड़ते रहते थे।उनको लड़ता देख धनिया (उनकी माँ) हमेशा परेशान रहती ना जाने कब समझ आयेगी इन सब को। इतने बड़े हो गये है पर लड़ते ही रहते है।
अरे बिरजू तुम बड़े हो तुम ही मान जाओ। तुम्हारा छोटा भाई है अगर तुम्हारी शर्ट पहन ली तो क्या हुआ ?
अम्मा बात शर्ट की ना है, इसने पहन कर गंदे ही रख दिया। जब भी भाईयो मे झगड़ा होता बिरजू, श्यामू एक तरफ और राजू, छोटू एक तरफ।
अम्मा बोलती रहती पर किसी के कान मे जू नही रेगता जब तक अम्मा अपनी लाठी लेकर ना आती।
अम्मा को एक बात परेशान करती कि कही यह आगे जाके झगड़ा बड़ा ना करदे आज तो छोटी छोटी बातों के लिए अभी लड़ रहे हैं कहीं बाद में जाकर ये लड़ाई जमीन जायदाद का रूप ना ले ले।
अम्मा बार बार अपने बच्चो को सिखाती रहती कि "हम सब परिवार है" अभी चाहे जितना झगड़ा करो पर अपने परिवार का साथ नही छोड़ना वैसे ही जैसे हम धरती के परिवार है और धरती हमारा साथ कभी ना छोड़ती।
जब चारो की शादी हो गई,घर मे चार बहुऐ आ गई अम्मा को लगा ये बहुऐ भी आपस मे झगड़ा करेगी पर ऐसा नही था वो तो " वसुदेव कुटुंबकम" का साक्षात उदाहरण थी।उनमे आपस मे ऐसा प्यार था अलग अलग परिवार के होते हुऐ।
अम्मा आज बहुत खुश थी आज चारो भाईयो ने मिलकर एक साथ व्यापार किया था। चारो आये अम्मा के पैर छुऐ और कहा हम सब परिवार है।