लालची भाई
लालची भाई
भाई देखे थे पर ऐसे भाई ना देखे थे जो जायदात की खातिर अपने भाई का ही परिवार उजाड दें।
पड़ोस में रहने वाले रामदीन के साथ ऐसा ही हुआ, उसकी बीवी को जहर की सुई लगवा कर मरवा दिया गया। छोटे छोटे बाल गोपालो का मुँह भी ना देखा कसाइयों ने। रामदीन पाँचवे नमबर पर था, सात भाइयों के बीच में हर समय जी भैया कहते कहते जबान ना थकती, उन भाइयों ने जरा भी रहम नहीं किया और साजिश करके रामदीन की बीबी को ही मरवा डाला।
रामदीन जैसे पथरा गया था पर अब रामदीन बदल गया। अपने बाल गोपालों के डट कर वहीं रहता है और मुकाबला करता है। एक दिन हमने समझाया कि सी बी आई की जाँच करवा दें, उसकी आँखें छलछल गयीं और बोला- नहीं मैमजी, हमारे बाल गोपाल ही है, यह लोग उन सब को भी मार सकते हैं, हम उसकी पीड़ा को समझते हैं पर उसके इस नये रूप को सलाम करते हैं।