मेरी मुलाकात फरिश्तों से
मेरी मुलाकात फरिश्तों से
फरिश्तों से हमने पूछा जन्नत क्या है ?
सर उठा के फ़रिश्ते ने फ़रमाया
जहाँ इश्क हो प्यार हो मोहब्ब्त हो
उसे जन्नत कहते हैं।
फिर हमने पुछा जहन्नुम क्या है ?
फ़रिश्ते ने फ़रमाया
जहाँ मोहब्बत ना हो प्यार ना हो
उसे जहन्नुम कहते हैं।
हमने पूछा महफिल क्या है ?
फ़रिश्ते ने फरमाया
जहाँ एक हाथ मे चाय
एक हाथ मे कलम और लबों से
शायरियों की बारिश हो
उसे महफिल कहते हैं।
फिर हमने पूछा शायरी क्या है ?
फ़रिश्ते ने कहा
दिल की आवाज़ हो
प्यार का अंदाज़ हो और
एक टूटा सा ख्वाब हो
उसे शायरी कहते हैं।