Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सोच कमला की

सोच कमला की

2 mins
471


श्यामला अपने पीछे तीन बच्चों को छोड़ गयी थी जिसमें सुयश मात्र आठ माह दूधमुहाँ नवजात भी था...पत्नी के विछोह से रघुवीर बुझे बुझे से रहने लगे...अपने बच्चों को देखते तो मन हाहाकार कर उठता...हाय विधाता ! तुझको इस बच्चे पर भी दया न आयी। चाहकर भी रो नहीं सकते थे। रघुवीर की बूढ़ी माँ ही बच्चों को सम्भालने का प्रयास करती पर उनसे बढ़ती उम्र में घर का सारा काम हो न पाता।

किसी तरह दिन कट रहे थे...रघुवीर तो जैसे हँसना बोलना सब भूल चुका था...अभी उम्र ही क्या थी रघुवीर की ३३ वर्ष। एक दिन रघुवीर के ससुर जी घर आये और उन्होंने सब हाल चाल जान लेने के बाद रघुवीर की माँ से बोले- "समधिन, हम सोच रहे थे कि आप रघुवीर का दूसरा ब्याह कर दीजिए जिससे बच्चों को माँ मिल जायेगी और रघुवीर को जीवन साथी...।"

यह सुनकर रघुवीर की माँ लम्बी साँस लेते हुए बोली - :नातेदार ! बात तो ठीक कहते हो पर कौन-सी लड़की दुहाजू ब्याह करने को तैयार होगी और अगर कोई तैयार हो भी गयी तो क्या पता वह बच्चों का ध्यान सही रखेगी भी या नहीं ?"

"अरे कैसे नहीं मानेगी, जिसको इन मासूम बच्चों से प्यार होगा वह जरूर मानेंगी पालेगी पोषेगी !"

"और एक ऐसी लड़की मेरी नज़र में है भी...।"

रघुवीर की माँ ने आश्चर्यजनक नजरों से देखते हुए पूछा, "ऐसा कौन है भला !"

"अरे वह इन बच्चों को बहुत चाहती है, और आगे भी बहुत लाड़ प्यार करेगी...वो है न हमारी दूसरी बिटिया...।"

"कौन ? कमला।"

"हाँ, हाँ। रघुवीर की साली...।"

ये बात जब कमला को पता चली तो वह शादी के लिये तैयार तो हो गयी पर वह पहले रघुवीर से कुछ पूछना चाहती थी...। उसकी कुछ शर्तें थीं जो वह केवल रघुवीर को बताना चाह रही थी...।

रघुवीर से कमला ने कहा - जीजा जी ! मैं आपसे ब्याह तो करूँगी पर मेरी कुछ शर्तें हैं जो आपको माननी ही होगी तभी मैं।

रघुवीर ने बड़े धैर्य से पूछा - क्या शर्त है ?

शादी से पहले ही आपको मेरी नसबंदी करवानी होगी, क्योंकि मैं चाहती हूँ कि मैं इन बच्चों पर पूरा ममत्व, स्नेह, प्यार-दुलार लुटा पाऊँ, (वह अपना सिर नीचे किये अपनी अँगुलियों को मींजते हुए लगातार बोलती जा रही थी) क्योंकि मेरे स्वयं के माँ बनने की स्थिति में हो सकता है मैं ऐसा न कर पाऊँ तो मैं चाहती हूँ कि।

कमला जब बोलते बोलते रूकी और रघुवीर की तरफ देखा तब तक रघुवीर की आँखें झरनों की तरह प्रवाहमान हो चुकी थीं और हाथ जोडे़ फड़क उठे...कमला ! तुम धन्य हो ! तुम्हारी जय हो !


Rate this content
Log in

More hindi story from बृजेश भार्गव

Similar hindi story from Drama