Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

26. "स्मार्ट सिटी"

26. "स्मार्ट सिटी"

3 mins
440


राम नाम सत्य है, सत्य बोल गत है


"यार कमलेश, ये विजय बाबू को अचानक क्या हो गया? अभी परसों ही तो मिले थे ऑफिस से आते हुए, बिल्कुल भले चंगे दिख रहे थे और आज सवेरे पता चला की शांत हो गए, सुनकर विश्वास ही नहीं हुआ"


"अरे यार कैलाश क्या बताऊँ, सुन कर मुझे भी धक्का लगा। मुझे तो कल शाम ही पता लग गया था जब एम्बुलेंस आई तो सारा मोहल्ला इकट्ठा हो गया। सारी रात हम सब चिंता में बैठे रहे। अब आगे क्या होगा? बच्चे भी अभी नादान है और भाभी भी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं। अब घर परिवार कैसे चलेगा, तू जानता ही है प्राइवेट फर्म में अकाउंट्स का काम करते थे विजय बाबू, तो वहाँ से भी क्या मिलना जाना? बहुत बड़ी मुसीबत हो गई भाई"


"भाई कैलाश, लेकिन हुआ क्या ये तो बता?"


"हुआ यूँ कि विजय बाबू रोज की तरह ऑफिस को निकले, ऑफिस भी तो तीस किलोमीटर दूर है। तो क्या हुआ कि बाइक चलाते चलाते चक्कर आ गया और सड़क पे गिर पड़े। बहुत देर तक तड़पते रहे, मदद को पुकारते रहे, लेकिन कोई रुका नहीं। पानी पानी की गुहार लगाते रहे लेकिन "स्मार्ट सिटी" बनाने के चक्कर में सड़कें चौड़ी करनी थी। तो सारी प्याऊ पहले ही हटा दी थी और सड़क किनारे पेड़ों को भी काट दिया गया था। ऐसे में न छाया मिली, न पानी और बेहोश हो गए। काफी देर बाद किसी ने पुलिस को खबर करी तो पुलिस वाले अस्पताल लेकर गए। तब तक ये खत्म हो चुके थे, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक हाई ब्लडप्रेशर के कारण अटैक आया और टाइम पे मदद न मिलने के कारण डैथ हो गई"


"तरक्की और विकास की ये कैसी आंधी चली है जिसमें मनुष्य का जीना भी दूभर हो गया है। इंसान का सांस लेना भी दूभर हो गया है। कंक्रीट के जंगल उगते गए और वास्तविक जंगल कटते गए। जिसका परिणाम देखो पूरी धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है। पीने के पानी की किल्लत होती जा रही है। पशु पक्षी मानव सब पीड़ा का सामना कर रहे हैं। हम लोग समझते क्यों नहीं कि पेड़ है तो जीवन है अन्यथा समूल नष्ट हो जाएगा। हम सब को मिलकर ये प्रण लेना होगा कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं ताकि इस समूची धरती को विनाश से बचाया जा सके"


शमशान के रास्ते में अभी भी स्मार्ट सिटी के बोर्ड चमक रहे थे। दुःखी मन से दोनों मित्र बातें करते हुए चले जा रहे थे।


शमशान आ गया था। प्रकृति के विनाश ने एक निर्दोष मनुष्य का जीवन समाप्त कर दिया। विजय बाबू की देह अग्नि को समर्पित कर दी गई थी, लेकिन वहां उपस्थित सभी लोगों ने अश्रुपूरित विदाई के साथ एक संकल्प भी लिया कि अब अधिक से अधिक वृक्ष लगाएंगे ताकि भविष्य में और किसी विजय बाबू का असमय निधन ना हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy