जॉब इंटरव्यू
जॉब इंटरव्यू
समीर, तुम हमारी कम्पनी में नौकरी क्यों करना चाहते हो ?
सर, मैंने गूगल पर कम्पनी के बारे में पढ़ा है। इसने लगातार अपनी पूँजी में बढ़ोतरी की है। बाज़ार में इस कम्पनी की अच्छी प्रतिष्ठा है। यहाँ पर मुझे अपना भविष्य उज्जवल और सुरक्षित नज़र आता है। साथ ही एक और बड़ा कारण है। मैं भीड़ में खोना नहीं चाहता। मैं हमेशा से ऐसी कम्पनी में काम करना चाहता था जहाँ मैं अपनी पहचान बना सकूं। उस लिहाज से मेरे लिये यह कम्पनी अच्छा विकल्प है।
अपनी कमजोरी के बारे में कुछ बताओ !
मेरी कमजोरी ये है कि मैं समय सीमा को लेकर काम में खो जाता हूँ, मुझे वक़्त और साथ वालों का होश ही नहीं रहता। कुछ साथी मेरी इस आदत से नाराज़ हो सकते हैं।
तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है, क्या कर रहे हैं ?
हम लोग दिल्ली के ही रहने वाले हैं। परिवार के नाम पर घर में मम्मी, पापा और मैं हूँ। पापा रेलवे में चीफ मैकेनिकल इंजिनियर थे। दो साल पहले रिटायर हो चुके हैं। मम्मी स्कूल में प्रिंसिपल थी। तीन महीने पहले वो भी रिटायर हो गयी।
समीर, मुझे ये कहते हुए ख़ुशी हो रही है कि हम तुमको ये जॉब ऑफर कर रहे हैं। क्या तुम एक सप्ताह में यहाँ ज्वाइन कर सकते हो ?
सर, जॉब ऑफर के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, लेकिन ऑफर स्वीकार करने से पहले मैं आपको ये बताना चाहता हूँ, मैं यहाँ से नहीं, मुंबई के ऑफिस से काम करना चाहूँगा।
समीर, तुम तो दिल्ली के रहने वाले हो, फिर तुम अपनी पोस्टिंग मुंबई में क्यों चाहते हो ?
सर, माफ़ी चाहता हूँ, लेकिन वजह बेहद निजी है।
तुम्हारी निजी ज़िन्दगी में झाँकने का मेरा कोई इरादा नहीं है। लेकिन ये मेरी मजबूरी है। तुम्हारी सिफारिश मुंबई के लिये करने को मुझे कोई ठोस कारण बताना होगा। कुछ ख़ास कारणों में ही अपवाद हो सकते हैं।
सर, कारण बेहद निजी है। दिल्ली में रहकर मैं ये नौकरी नहीं कर पाऊँगा।
समीर, अब हम जो भी बात करेंगे, उसका इंटरव्यू से कोई लेना-देना नहीं है। मैं तुम्हारी मदद करना चाहता हूँ। लेकिन वो तभी मुमकिन है जब तुम अपनी बात खुले मन से मुझे बताओ। तुम्हारी दुविधा जाने बिना मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा।
सर, एक महीने पहले, मुझे मेरे मम्मी पापा ने बताया कि वो दोनों मेरे बायोलोजिकल माँ-बाप नहीं है। उन दोनों को कोई अपना बच्चा नहीं हुआ था। वो मुझे कलकत्ता के किसी अनाथालय से गोद लेकर आये थे। उस वक़्त मैं तीन महीने का था।
क्या तुम्हें अपने बायोलोजिकल माँ-बाप की कोई जानकारी है ?
जी हाँ, वो एक ईसाई जोड़ा था, लेकिन अब उनकी कोई खबर नहीं। कुछ दिन पहले, हम सब उनको ढूँढने कलकत्ता गए थे, लेकिन अब वहां कोई अनाथालय नहीं है। आस-पास कोई भी कुछ नहीं बता पाया।
तुम्हें लगता है कि उन्हें ढूँढने का और कोई तरीका बाकी है !
मैं नहीं जानता। मैं पूर्णतया विचलित हूँ।
अब आगे क्या करने का इरादा है ?
मैं नहीं जानता। हाँ, इतना जरूर है, अब माँ-बाप के साथ रहना मुश्किल है। मैं जब भी उनके सामने जाता हूँ तो खुद से ग्लानि महसूस होती है। मेरे मुंबई जाने की भी यही वजह है।
समीर, पहले माँ-बाप ने तुम्हें पैदा कर छोड़ दिया और दूसरे ने २५ साल तक तुम्हारा पालन-पोषण किया। सोचकर देखो, क्या पहले की वजह से दूसरे से दूर होना सही है ? क्या तुम्हें अपने माँ बाप से कोई शिकायत है ?
नहीं, बिल्कुल भी नहीं।
क्या तुम्हारी परवरिश में उन्होंने कभी कोई कमी रखी ?
बिल्कुल नहीं।
क्या उनके प्यार में कभी कोई कमी थी ?
जी नहीं।
अगर वो चाहते तो तुम्हारे असली माँ-बाप की जानकारी तुमसे हमेशा के लिए छिपा सकते थे, फिर भी तुम्हें बताई। तुम्हारे साथ कलकत्ता भी गये और तलाशने में पूरा सहयोग किया।
जी हाँ।
क्या तुम्हें तुम्हारे जीवन की सच्चाई बताना उनका अपराध है ? जब तक तुम्हें उनकी जरूरत थी तब तो तुम उनके साथ रहे। आज उनको अपनी वृद्ध अवस्था में तुम्हारी जरूरत है तो तुम दूर जाना चाहते हो ! सोचकर देखो ! जल्दी में लिये गये निर्णय गलत हो सकते हैं। तुम्हारे पास कल तक का वक़्त है। कल इसी वक़्त मुझे बता देना, तुम दिल्ली में ही रहना चाहते हो या मुंबई जाना है।
अगले दिन ...
सर, मुझे दिल्ली में ही रहना है। मैं एक सप्ताह में ज्वाइन करने के लिए तैयार हूँ। और हाँ सर, आपको अनेकोनेक धन्यवाद।।