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दीदी मुझे माफ़ कर दो

दीदी मुझे माफ़ कर दो

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टोनी ने क्लास से बाहर निकलते ही एक निश्चय किया और उसकी मुट्ठियां गुस्से में कस उठीं। आज तक किसी टीचर ने टोनी को कभी कुछ नहीं कहा। सभी जानते थे कि टोनी इस शहर के जिलाधीश बाजपेयी जी का लड़का है। फिर आज गणित टीचर की कैसे हिम्मत पड़ी। लगता है, इन्हें टोनी का परिचय नहीं मालूम। इनको कोई न कोई सबक देना ही होगा। टोनी ने मन ही मन सोचा। वह तेजी से स्कूल की कैंटीन की तरफ बढ़ चला। उसके कानों में अब भी गणित की नयी टीचर मिस नलिनी के शब्द रह रह कर गूंज रहे थे ‘‘टोनी ! गेट आउट फ्राम द क्लास।” आखिर उसने ऐसी कौन सी गलती कर दी थी, जो मिस नलिनी ने उसे क्लास से बाहर भगा दिया ? केवल अजय की पीठ में पीछे से पिन ही तो चुभोई थी उसने। इससे आखिर कौन सा पहाड़ टूट पड़ा था, अजय के ऊपर ?

     कैंटीन में जाते ही टोनी ने अपना गुस्सा बूढ़े रघु पर उतारा। उसने रघु को बिना बात के ही डांटना शुरू कर दिया। रघु बेचारा जल्दी से टोनी के लिए चाय समोसे लेने चला गया। वह जानता था कि अगर उसने डांटने का कारण पूछा, तो टोनी उसकी हड्डी पसली तो तोड़ ही देगा, साथ ही कैंटीन की मेज-कुर्सी भी तोड़ देगा। अभी दस-बारह दिनों पहले कैंटीन के मालिक ने प्रिंसिपल से टोनी की शिकायत कर दी थी। उसके दूसरे ही दिन टोनी ने हंगामा खड़ा कर दिया था। कैंटीन पहुंचते ही सामान तोड़ना शुरू कर दिया था। उसके बाद से कैंटीन के मालिक ने फिर कभी टोनी के सामने बोलने की हिम्मत नहीं की।

      टोनी समोसे खाकर, चाय सिप करता हुआ, अपने दिमाग में मिस नलिनी को परेशान करने की योजना बनाने लगा। उसी समय इंटरवल की घंटी बजी और स्कूल के लड़के शोर मचाते हुए मैदान की तरफ दौड़ पड़े। टोनी भी कैंटीन से उठकर जाने की बात सोच रहा था, तभी उसे सामने से गोल्डी और राघव आते दिखायी पड़े। टोनी उन्हें देख कर एक पेड़ के नीचे रुक गया।

‘‘क्या बात है, टोनी ? तेरे थोबड़े पर बारह क्यों बज रहे हैं ?” राघव ने टोनी के पास पहुंच कर कहा।

‘‘कुछ नहीं यार...ये नयी टीचर... लगता है, मुझे कुछ करना होगा।” उत्तर देते हुए टोनी की निगाहें क्लास रूम से निकल रही मिस नलिनी को घूर रहीं थीं।

‘‘अच्छा, तो तेरी भी खिंचाई हो गयी....अभी नयी आयी हैं न। खैर चल। इन्हें भी देख लिया जायेगा।” गोल्डी टोनी का हाथ पकड़ कर गेट की तरफ बढ़ता हुआ बोला।

अगले दिन क्लास रूम में जैसे ही मिस नलिनी कुर्सी पर बैठीं वह एक झटके के साथ जमीन पर गिर पड़ीं। उनके हाथ से कलम अलग गिरी, किताबें अलग। इसके साथ ही पूरा क्लास रूम लड़कों के ठहाकों से गूंज उठा। लेकिन जैसे ही मिस नलिनी उठ कर खड़ी हुई और उनकी तेज निगाहें लड़कों की तरफ पड़ी, सभी की हंसी चुप्पी में बदल गयी, केवल टोनी, राघव और गोल्डी को छोड़कर। वे तीनों अब भी हंसे जा रहे थे। एक लड़के ने आगे बढ़ कर टीचर जी का चश्मा और पेन उठा कर मेज पर रख दिया।

          ‘‘ये टूटी कुर्सी यहां किसने रखी थी ?” मिस नलिनी ने पूछा, साथ ही उनकी नजरें घूमती हुई टोनी और गोल्डी के चेहरे पर रूक गयीं। मिस नलिनी से निगाहें मिलतें ही उन तीनों की हँसी भी रूक गयी।

‘‘टोनी ..... ”

‘‘हां, मैंने ही टूटी कुर्सी यहां रखी थी।” मिस नलिनी के आगे कुछ बोलने से पहले ही टोनी अपनी जगह पर खड़ा होकर बोला और अपना बैग लेकर एक झटके के साथ क्लास के बाहर चला गया। टोनी को रोकने के लिए उठा हुआ मिस नलिनी का हाथ उठा ही रह गया। उनकी आंखें बाहर जाते हुए टोनी को दूर तक देखती रहीं। पूरी क्लास के लड़के स्तब्ध से हुए बैठे रहे। मिस नलिनी ने मेज से अपनी कलम, पर्स और रजिस्टर उठाया और थके हुए स्वरों में लड़कों से बोली, ‘‘आज मैं क्लास नहीं लूंगी।” इसके बाद बोझिल कदमों से स्टाफ रूम की ओर चली गयीं।

इस घटना को एक महीना बीत गया। इस बीच स्कूल में सब कुछ सामान्य ही रहा।

          हां, उस दिन के बाद से टोनी ने गणित की क्लास में आना बन्द कर दिया। एक दिन स्कूल के सभी लड़कों को प्रिंसिपल की तरफ से सूचना दी गयी कि उन्हें अगले रविवार को शहर के बाहर वाले झरने पर पिकनिक मनाने जाना है।लड़के यह सूचना पाकर खुशी से झूम उठे। अभी तक के स्कूल के इतिहास में पिकनिक पर लड़कों को ले जाने का यह पहला कार्यक्रम बना था। इसके लिए प्रिंसिपल को तैयार किया था मिस नलिनी ने। क्योंकि खुद अपने विद्यार्थी जीवन में वे एक सफल स्काउट रह चुकी थीं। स्काउट कैंपों और प्रतियोगिताओं में प्राप्त हुए मैडल्स आज भी उनके पास सुरक्षित थे।उनका विश्वास था कि विद्यार्थियों के लिए प्राकृतिक एवं दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करना उतना ही आवश्यक है, जितना कि क्लास में पढ़ना।

   रविवार को स्कूल के सभी बच्चे दो बसों में बैठ कर सबेरे नौ बजे तक झरने के किनारे पहुंच गये। बच्चों के साथ स्कूल के सभी अध्यापक भी आये थे। टोनी अपने साथ उस दिन अपने छोटे भाई मोनू को भी ले गया था। मिस नलिनी ने बस रूकने के पहले ही सभी बच्चों को समझा दिया था कि कोई लड़का झरने के पानी में नहायेगा नहीं और न ही शैतानी करेगा। एक बजे तक सब लड़के बस के पास खाना खाने आ जायेंगे। इसके बाद बस का दरवाजा खुलते ही सारे लड़के इधर-उधर बिखर गये और मस्ती करने लगे।

     टोनी एक पेड़ के नीचे राघव और गोल्डी के साथ खड़ा बातें कर रहा था। तभी उन्हें एक लड़के की चीख सुनाई पड़ी और साथ ही कईं लड़कों की ‘‘बचाओ बचाओ.. ” की आवाजें। टोनी और राघव एक साथ आवाज की दिशा में भागे। थोड़ा आगे बढ़ते ही दोनों के सामने जो दृश्य आया, उसे देख वे स्तब्ध रह गये। टोनी का छोटा भाई मोनू झरने के किनारे गहरे पानी में डुबकियां लगा रहा था। पानी का बहाव काफी तेज था और एक क्षण की देर होने पर मोनू झरने की तेज लहरों में समा जाता।

 वहां लड़कों की भीड़ में आस-पास के और भी कई लोग आकर खड़े हो गये थे, पर किसी की हिम्मत पानी की तेज धारा में कूदने की नहीं पड़ रही थी। अचानक टोनी भीड़ में से निकल कर तेजी से झरने की तरफ बढ़ा और मिस नलिनी के रोकते-रोकते भी पानी में कूद पड़ा। उसने तैर कर मोनू की तरफ बढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसे लग रहा था कि पानी की तेज धार के साथ वो खुद भी मोनू की तरह झरने की गहराई की ओर जा रहा है। अचानक उसका सिर एक पत्थर से टकराया और बेहोश होते होते भी उसने देखा कि मिस नलिनी भी पानी में कूद पड़ी हैं।

  होश में आने पर टोनी ने खुद को अस्पताल के बिस्तर पर पड़ा पाया। उसके डैडी, मम्मी, मोनू, राघव, गोल्डी सब उसे घेरे खड़े थे। उसका हाथ अपने सिर पर गया, वहां पट्टियां बंधी थीं।

‘‘अब कैसी तबियत है टोनी ? ”

टोनी की निगाहें बोलने वाले की तरफ़ उठ गयीं। अरे, मिस नलिनी यहां ? मिस नलिनी उसके बगल में आकर बैठ गयीं।लेकिन टोनी की हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि वह उनकी तरफ देख सके। उसका मन नलिनी टीचर के प्रति किये गये अपने व्यवहार को याद करके ग्लानि से भर उठा। एक तरफ नलिनी टीचर है, जिन्होंने उसे बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की और दूसरी तरफ वह खुद। वह खुद आज तक नलिनी टीचर के प्रति, क्या व्यवहार करता रहा ? अगर आज टीचर जी न होतीं तो उसका..... ?

‘‘क्या हुआ टोनी ? ” कहते हुए मिस नलिनी धीरे-धीरे उसके सिर पर हाथ फेरने लगीं। अब टोनी अपने को और नहीं रोक सका।

‘‘मुझे माफ़ कर दो दीदी! ” कहते हुए टोनी की हिचकियां बंध गयीं। मिस नलिनी धीरे-धीरे टोनी के सिर को सहला रही थीं और गोल्डी, राघव, मम्मी, डैडी सब इस बदले हुए टोनी को देख रहे थे।

                

              


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