वह कौन थी ?
वह कौन थी ?
आज मन सचमुच बहुत उदास था। एक तो इस साल सारे बैंक एग्ज़ाम्स मे असफल हुआ था ऊपर से सारे फैमिली मेंबर्स ने असफल होने की वजह से बुरी तरह से डाँटा था। इसी उदासी के साथ मैं अपने होमटाउन बाह से आगरा जाने के लिए बस मे चढ़ा। भीषण गर्मी, ऊपर से बस मे हद से ज़्यादा भीड़ !
सच मे बहुत परेशान हो गया।
मुझे बैठने को सीट नहीं मिली।
बस 25 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी थी। अर्नोट्टा बस स्टॉप पर कुछ सवारियाँ बस से नीचे उतर गयी। इस तरह से मुझे बैठने को सीट मिल गई थी।
आगे फतेहाबाद बस स्टैंड आया।
एक औरत अपनी बेटी के साथ बस मे चढ़ी, उसने चारों ओर देखा लेकिन उसे सीट नही मिली। वह मेरे पास आर्इ और बोली -"बेटा थोड़ा खिसक जाओ, मुझे बैठना है।"
महिला बहुत परेशान दिख रही थी। मैं अपनी सीट से खड़ा हो गया और महिला को अपनी सीट दे दी। क़रीब आधे घंटे का समय बीत चुका था और आगरा का बिजलीघर बस स्टैंड नज़दीक ही था। बस मे भीड़ कम हो चुकी थी और मैं आराम से एक सीट पर बैठकर अपनी रीज़निंग की बुक से एक पज़ल लगाने मे मशगूल हो चुका था ।
अचानक से उस लेडी की लड़की मेरे पास आर्इ और बोली,
"थैंक यू।"
इससे पहले कि मैं कुछ बोलता, उसने फिर पूछ लिया,
"आप एग्ज़ाम देने जा रहे हो ?अगर एग्ज़ाम है तो बेस्ट ऑफ लक !"
मैने कहा,
"थैंक यू सो मच फॉर योर वेल विशेज़ बट रीसेंट्ली आइ हैव नॉट एनी एग्ज़ाम।"
उसने फिर कहा कि अगर कोई एग्ज़ाम नही भी है तो अगली बार जब भी कोई एग्ज़ाम देने जाओगे उसके लिए एडवांस मे गुड लक !
मैने भी उस से पूछा कि आप आईआईटी या सिविल सर्विस ?
तो उसने कहा कि ना आईआईटी ना सिविल सर्विस ओन्ली सीए इज़ माय टारगेट।
मैने भी उसे गुड लक बोला और इसके बाद वह अपनी माँ के साथ चली गई।
मैं बिजलीघर बस स्टैंड से भगवान टॉकीज़ जाने वाली ऑटो मे बैठ चुका था और सोच रहा था उस अनजानी लड़की के बारे मे "अगर वास्तव मे तुम्हारी विश काम कर गई और मैं बैंक पीओ बन गया और मुझे आपको फिर से थैंक यू बोलना पड़े तो कैसे...?"