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बवाल 'एक झंझावत कथा' पार्ट-4

बवाल 'एक झंझावत कथा' पार्ट-4

32 mins
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इतना कह कर पत्रकार तो खामोश हो गये पर गौरी अपने आँसुओं को रोक न सकी। मन हल्का करने के लिये गौरी किचिन में गयी और दो कप कॉफी बना लाईं। दोनों कॉफी पीने लगे। कुछ देर दोनों चुप बैठे रहे फिर एकाएक गौरी ने कहा आप आराम करिये रात बहुत हो चुकी है। पत्रकार बोले कि अब नींद कहाँ आप आराम कीजिये जाकर।

गौरी ने कहा, ”वो जो अघोरी आपको धमकाता था कुछ पता किया कौन था ? ”पत्रकार बोले, ”वो कोई नेता था नाम भी पता किया पर याद नहीं आ रहा और मेरा मोबाईल कहाँ गिर गया मुझे याद तक नहीं। मैंने ईरा मैडम के नाम पर कुछ पाखंडियों को उनको देवीमाँ का अवतार बनाकर , उनकी किताबें और फोटों से पैसे कमाते देख मैं पागल सा हो गया था। इसीलिये श्मशान निकल गया जहां जाकर ही मुझे कुछ शान्ती मिली पर सुकून नहीं क्योंकि….सुकून तो ईरा जी थीं जो ना जाने कहाँ गुम गयीं। उनको ढूँढ़ने में मैं इतनी बार मरा हूँ कि मौत भी मुझे छोड़ जाती है मरा समझ कर। यह बात सुन गौरी मन ही मन बोलीं कि ये पत्रकार ईरा मैडम को बहुत चाहते हैं अब जब सबकुछ मेरे सामने स्पष्ट है तो क्या पूछँ। प्रेम सचमुच बहुत महान है।

भगवान इनको इनके प्यार से जल्द से जल्द मिला दे। सुबह के तीन बज चुके थे। हमने कहा, ”मैंने उनकी लास्ट वीडियो देखा जब कुछ लड़कियों ने उनको गोद में उठाया उनमें से पता चला है एक लड़की जिसका नाम मधूलिका उर्फ “रेड वियर” है जो बहुत बड़ी कोकीन तस्कर और हाई प्रोफाईल कॉल गर्ल है जिसकी एक घण्टे की कीमत एक लाख रूपये है जो बेपनाह खूबसूरत है। वो उस दिन चेहरे को सांवला करने वाला मेकअप किये थी। मैंने सब पता कर लिया है और पूरी तैयारी भी। अब आप थोड़ा आराम करो और मैं भी चलती हूँ। 

गौरी अपने रूम में पहुंचती है कि उसका फोन बजा गौरी ने फोन उठाया कि आवाज आई “पाँच हज़ार भेज कल”। गौरी ने कहा, ठीक है। और चुपचाप अपने बिस्तर पर जाकर फूट फुट कर रो पड़ीऔर बोली कि एक सपने की ख्वाहिश में मैं खुद एक सपना बन कर रह गयी हूं। यह कैसी दोहरी जिंदगी दी है भगवान तूने कि दुनिया के लिये अधिकारी और खुद में शून्य।

दूसरे दिन इंस्पेक्टर सावन ने दो हाईप्रोफाईल लड़कों को कोकीन के साथ धर दबोचा जिसने “रेड वियर” कोकीन की रानी का नाम लिया फिर क्या था रेड वियर लड़की के ठिकानों पर झापामारी शुरू हुई। दो घण्टे बाद इंस्पेक्टर सावन के पास कॉल आयी पागल हो गया है क्या रेड वियर को भूल जा और अपनी कीमत बोल जल्दी। बस.. फिर क्या था पता चलाया गया कि किसका नम्बर है और आया कहाँ से है नतीजा धर दबोचा जाकर उस रेड वियर के हितैषी विधायक जशवीरमीणा को। फिर थाने में बिठा कर उनसे कहा गया देख विधायक, रेड वियर को बुला कैसे भी और कहीं भी, कुछ भी करके किसी भी होटल में जल्दी कर वरना मेरी मार तुम सह नहीं पाओगे, सोच लो फिर मार के डर से जशवीरमीणा ने अपने फोन से कई कॉल किये। फिर पूछने के बाद बोला, ” मुझे कुछ भी पता नहीं है।’ यह सुनते ही इंस्पेक्टर सावन ने गुस्से में भरकर उसे एक जबरदस्त थप्पड़ जड़ दिया और थप्पड़ पड़ते ही विधायक कुर्सी से ज़मीन पर गिर पड़ा और उसका जबड़ा उसके हाथ में आ गया। यह देख! विधायक कुछ बोल पाता कि इंस्पेक्टर सावन ने कहा,मैंने पहले ही बोला था कि मेरी मार सह नहीं पाओगे।

सावन ने कहा, ”चल अब जल्दी अपने दिमाग में एसिड घोल, गंदगीं मिटा और जल्दी सोच ?” इंस्पेक्टर सावन की आग उगलतीं आँखों को देख मार के डर से विधायक जशवीर मीणा फिर से इधर-उधर कॉल करने में जुट गया। काफी मशक्कत के बाद पता चला कि वो लड़की इस समय दिल्ली के पाँच सितारा होटल में किसी बड़े मॉडल के साथ डेट पर है। बस फिर क्या था इंस्पेक्टर सावन अपने एक दोस्त को जो दिल्ली पुलिस में था। उससे बात की तो पता चला कि अब वो लड़की ”रैड वियर” कोकीन की रानी नही ”रेड वाइन” के नाम से फेमस है फिर इंस्पेक्टर सावन के उस दोस्त की मदद से हम लोग उस होटल में पहुँचे। वहाँ दिल्ली पुलिस की एक टीम ने रेड वाइन को उसी होटल के रूम न. 111 में धर दबोचा और फिर हमने रेड वाइन से पूछा कि तुमने डी.एम ईरा सिंघल को कहाँ रखा है ? जो कुछ पता हो जल्दी बोलो ? रेड वाइन ने कहा, “कसम कोकीन की, मैं कुछ नहीं जानती।” तो दिल्ली पुलिस ने कहा, “तुझे अपने इस चेहरे पर बहुत नाज़ है ना ज़रा सोच ! अगर बिगड़ गया तो क्या होगा सोच ले फिर।

वो घबराते हुये बोली, ”मुझे कोकीन दो जल्दी वरना मैं बेहोश हो जाऊंगी।” यह सुनकर वहाँ खड़े सभी लोग हँस पड़े और यह देख हैरान रह गये कि रेड वाइन तो सचमुच बिना कोकीन के बेहोश हो गयी है। मैंने उसे हिला-डुला कर देखा ! फिर हम लोग उसे तुरन्त अस्पताल ले गये। वहाँ रेड वाईन का चैकअप करने के बाद डॉ.आनंद बोले कि आप लोग जाओ। इनको अब सुबह तक ही होश आयेगा।

दिल्ली पुलिस के लोग वहाँ से जा चुके थे लेकिन डी.एम गौरी और इंस्पेक्टर सावन उसी अस्पताल में बैठे रहे। कुछ देर बाद डॉक्टर ने आकर कहा, “मरीज को होश आ गया है” यह बात सुनकर गौरी और सावन फौरन रूम में पहुँचे और बोले, ”देख लड़की, एक बात का सच-सच जवाब दे ? वह बोली, ”क्या ”? तो सावन ने कहा, ”देखो ! हमको सब पता है कि पाँच साल पहले अपना भाषण खत्म करके मंच से जब ईरा मैडम उतरीं तो कुछ लड़कियों ने उन्हें गोद में उठा लिया था। उसमें एक तुम भी थीं। हमारे पास तेरे खिलाफ पक्के सबूत हैं। लड़की तू सारी उम्र जेल काटेगी। इसलिए अब सच-सच बता दो कि ईरा मैडम कहाँ गयीं ? नहीं तो सोच लो ! तुमको कठोर से कठोर सज़ा तो बाद में होगी उससे पहले तो यहीं मैं तुझे महिला पुलिस से अच्छी तरह से तुड़वाऊंगा ! बोल ? यह सुनकर वह कांपते हुये बोली, ” इसके लिए एक सांसद ने मुझे पैसे दिये थे जिसका नाम है “उदयवीर रस्तोगी”। हम लोगों ने भीड़ का फायदा उठाते हुए मैडम को, मात्रा से अधिक कोकीन सुंघा कर बेहोश कर दिया था फिर ज़मीन पर गिरा लिया और तुरन्त उनको एक पुरानी साड़ी में लपेट कर भीड़ से होते हुये एक गाड़ी में लिटा दिया था। ये सब काम बहुत फुर्ती और सफाई से किया गया था। फिर, बाद में उस गाड़ी में उनको कौन कहाँ ले गया। इसका मुझे कुछ भी पता नहीं। तभी, सावन की लाल आँखें देखकर बोली, ”कोकीन की कसम”।

मैम आई वॉन्ट कोकीन प्लीज। वह चिल्ला ही रही थी कि रूम में आकर डॉक्टर ने कहा, ”इसको कोकीन देनी ही पड़ेगी वरना यह मर जायेगी। यह बहुत बुरी लत है जिसे पूरी तरह मिटाना एक बहुत कठिन प्रक्रिया होगी। गौरी ने रेड वाईन से कहा, ”क्या तुम यही लाईफ जीना चाहती हो बोलो” ? यह सुनकर वह बोली, ”मेरी छोड़िये मैम ! एक ख़ास बात है जो आपको बताना चाहती हूँ शायद आपके काम आ जाये कि इस मंत्री रस्तोगी की एक ही कमज़ोरी है वो है खूबसूरत लड़की। गौरी ने कहा, मैं तुमको अपने घर रखने को तैयार हूँ पर तुम ये सब गलत काम छोड़ दो, कहते हुये उसे गले से लगा लेतीं हैं। यह देखकर वह भरी आँखों से कहती है, ”मैम इतना प्यार न दो, मुझे ऐसे वाले प्यार की ज़रा भी आदत नहीं है। आज तक मुझे लूटा ही गया है पर पहली बार आपने मुझे बहुत कुछ दे दिया।

ज़िंदगी रही तो मैं इस कर्ज़ को भी चुका दूँगी। मैं रेड वाइन, खुद का भी कर्ज़ नहीं रखती। वह बाहर खिड़की की तरफ देखते हुये बातें कर ही रही थी कि तभी एकाएक उसने गौरी को ज़ोरदार धक्का दिया, गौरी कुछ समझ पाती कि तभी एक गोली रेड वाइन के माथे में लगी और वह वहीं ढेर हो गई। यह देखकर गौरी रेड वाइन के सर पर हाथ रखी और रो पड़ी। इस हादस के कुछ मिनट बाद दिल्ली पुलिस अस्पताल में रेड वाइन को पकड़ने के लिये जैसे ही रूम की तरफ आती है कि तभी पीछे से गोली की आवाज सुन वह उसी दिशा में उल्टे पैर दौड़ जाते हैं। सावन भी गोली मारने वाले के पीछे भागता है पर उसको पकड़ नहीं इंस्पेक्टर सावन और डी.एम गौरी सिंघल दोनों जिला भिमारी लौट रहे होते हैं तभी गौरी के पास कॉल आती है, ”पैसा भेज समझी” वह फोन बन्द करके रख लेती है और सावन से कहती है कि उन दो लड़कों को छोड़ देना जो कोकीन नहीं सेलखड़ी पॉउडर के साथ पकड़े गये थे।

वो मेरे फेसबुक फ्रेंण्ड हैं। यह सब एक गेम था। यह सुन सावन हैरान निगाहों से देखता हुआ कहता है मैम ! गेम ? ओह ! वाह, आपने क्या गजब गेम बनाया ? ओके मैम, मैं उन्हें छोड़ दूँगा। आप उसकी फिक्र न करें। गौरी ने कहा, ” धन्यवाद सावन।” यह सुनकर सावन ने कहा कि प्लीज़ आप धन्यवाद न बोलो प्लीज़, सैल्यूट आपको जो देश में आप जैसी ईमानदार डी.एम. हैं। गौरी बात काटते हुये बोली, ”अभी बहुत काम बाकी है सावन।” तभी सावन तपाक से बोला,” हाँ, मैम साले उस कमीने सांसद उदयवीर रस्तोगी को भी पकड़ना है और उसकी कमज़ोरी है खूबसूरत लड़की। गौरी कहती है, ” हम उसकी इसी कमज़ोरी का फायदा उठायेंगें।” आप बस पता लगाइये कि वो मिलेगा कहाँ। इंस्पेक्टर सावन ने कहा, ”मैम,आपकी आँखे लाल हो रहीं है मुझे लगता आपको हल्का बुख़ार है। “गौरी ने हाँ में सिर हिलाया फिर कुछ बोलना चाहतीं थीं पर चुप रह गयीं। सावन ने गौरी की तरफ देखा और जगत से बोला, ”सुनो, गाड़ी किनारे लगाओ ! वो सामने दिख रहे मेडिकल स्टोर से मैडम के लिये बुख़ार की दो टेबलेट ले आओ जल्दी।

यह सुन जगत कुछ बोल पाता कि सावन ने कहा, ”हाँ, मैम को हल्का बुख़ार है।” यह बात सुनते ही जगत ने तुरन्त गाड़ी किनारे लगाई और तेजी से दौड़ता हुआ मेडिकल वाले के पास जाकर बोला, ”जल्दी से दो बुख़ार की टेबलेट दे दो, मैडम को हल्का बुख़ार है।” इधर सावन ने कहा, ” मैम आप कुछ कहना चाहती हो मुझसे, मुझे ऐसा लगा ?” गौरी ने कहा, ”सावन ! मैं कब से नोटिस कर रही हूँ कि बिना गाली के तुम बात ही नहीं करते, आख़िर बोल-चाल में गालियाँ क्यों ?” सावन हँसते हुये बोला, ” मैम यह गाली भी किसी हथियार से कम नहीं, दिखती नहीं है पर असर कमाल का करती है, एक घूँसे और दो गाली में साला मुजरिम सब बक देता है।”गौरी ने कहा, ”अभी यहाँ कौन मुजरिम है जो ”साला” शब्द बोला। देखो ! यह बहुत बुरी बात है। कृपया मेरे सामने गाली का प्रयोग न करें। यह सुन सावन हँस पड़ता है कहता है ओके मैम। फिर, दोनों गाड़ी से देखते हैं कि यह जगत इतनी देर से मेडिकल स्टोर पर खड़ा कर क्या इधर मेडिकल वाले ने अपनी कुर्सी से उठ कर पान थूँकते हुये कहा एक रूपये वाली टेबलेट दूँ या दो रूपये वाली या पाँच रूपये वाली।

यह सुनकर जगत गुस्से से बोला, ”इस तरह बेचते हो दवा”? मुझे असली दो जो असर करे। वह बोला,” असली के लिये कम से कम दस मिनट रूको। इतना सुनकर जगत उसके पास पहुंच कर उसका कॉलर पकड़ कर बोला, ” देख ! मेरे पास दस सेकेण्ड भी नहीं है बात करता है। बस फिर क्या था दोनों के बीच गालीगलौज और मारपीट शुरू हो गयी और इस मारमीट ने वहाँ एक नये बवाल को जन्म दे दिया। यह सब देख गाड़ी में बैठी गौरी बोली, ”सावन तुम गाड़ी देखो ! मैं वहाँ जाती हूँ। मुझे लगता है आज जगत आपकी नहीं सुनेगा। सावन ने कहा, ”आप बैठो मैम, मैं सालों को डोज़ देकर आता हूँ।” गौरी कहती है, ” तुम पहले अपनी गाली पर कंट्रोल करो और यहीं बैठो।” गौरी मन ही मन सोचती है यह सावन यहीं रहे तो ज़्यादा अच्छा वरना कोई न कोई आज ज़्यादा पिट जायेगा। गौरी गाड़ी से उतर कर मेडिकल की ओर जाती है। गाड़ी में बैठा सावन अपने मोबाइल से टाईम देखने की कोशिश करता कि उसका फोन बैटरी लो दिखा रहा होता है। उसकी नज़र सामने रखे गौरी मैडम के मोबाइल पर पड़ती है। वह जैसे ही उस फोन की तरफ हाथ बढ़ाता है कि तभी उसका हाथ रूक जाता है और वह सोचता है नहीं ! किसी का फोन छूना गलत बात है।

वह यह सोच ही रहा होता है कि तभी गौरी के मोबाइल पर किसी की बार-बार आती कॉल को देख सावन सोचता है ऐसा तो नहीं कि कोई इस केस से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण जानकारी देना चाह रहा हो। अब जो होगा देखा जायेगा। मैं कॉल रिसीव कर ही लेता हूँ बाद में मैम को सॉरी बोल दूंगा पर यदि कोई जानकारी हाथ से निकल गयी तो मैम को क्या मुँह दिखाऊँगा ?” यह सब सोचते हुये वह कॉल रिसीव कर लेता है और मोबाइल को जैसे ही कान से लगाता है कि ”सामने से कोई कहता है, दस हज़ार भेज जल्दी समझी।” और बस कॉल डिस्कनेक्ट कर देता है। यह सुन इंस्पेक्टर सावन दंग रह जाता है। वह तुरंत मैम के मोबाइल के जल्दी- जल्दी सभी मैसेज, सभी रिकॉडिंग चैक करता है तो सबकुछ देख सुन कर वह हैरान रह जाता है और गुस्से से भर उठता है तुरन्त वो सभी नम्बर और सभी फोटो दिमाग में सेव कर लेता है। फिर वह उस मोबाइल को यथास्थान पर रख कर कुछ सोचने लगता।

इधर मेडिकल स्टोर पर खड़ा जगत दुकानदार से कह रहा होता है कि देख उधर ! अब जल्दी टेबलेट दे दो। वो देखो ! डी.एम की कार। यह दवा उनके ही लिये चाहिये। सामने डी.एम को अपनी ओर आते देख दुकानदार दो टेबलेट जगत की तरफ बढ़ा देता है। जगत टेबलेट जेब में रख कर और पैसे काऊंटर पर रखकर एक जोरदार थप्पड़ उस दुकानदार के गाल पर जड़ते हुये कहता है कि सुन ! अगर आज के बाद नकली दवा बेची तो जेल नहीं सीधा ऊपर ही जाओगे। वह दुकानदार अपने पीछे खड़ीं गौरी मैडम के पैरों पर गिर पड़ा कि मेरे ख़िलाफ़ कोई एक्शन न लेना प्लीज। यह सुनकर गौरी ने पूछा, ”कब से बेच रहे हो यह नकली दवाएं”? यह सुन वह डरते हुये बोला कि दस सालों से मैम पर पूरी गल्ती मेरी नहीं है। कुछ कम्पनियों के एमआर यह सब काम करते हैं।

केवल मेरे मेडिकल स्टोर पर ही नहीं देश के हज़ारों मेडिकल स्टोर पर नकली दवाएं असली दवाओं के दामों पर धड़ल्ले से बेचीं जा रही हैं। गौरी ने कहा, ” क्या तुम जानते हो कि तुम्हारे लालच के कारण कितने ही बेगुनाह लोग मौत की नींद सो चुके होगें”। वह कुछ बोल पाता कि पीछे खड़े इंस्पेक्टर सावन ने उसका एक हाथ से गला दबाते हुये और दूसरे हाथ से थप्पड़ों की जोरदार बरसात करते हुये कहा, ”बोल कैसा लग रहा है तुझे ? यह देख गौरी ने सावन से कहा कि मत मारो इसे, यह कानून का मुजरिम है और इसकी सही जगह जेल है”। एक तरफ जगत ने उसे मजबूती से पकड़े रखा दूसरी तरफ़ सावन ने, वहाँ के नजदीकी थाने में कॉल किया। कुछ ही देर में वहाँ पुलिस आयी और उस हैवान मेडिकल स्टोर वाले को पकड़ कर ले गयी। यह सब देख रही वहाँ उपस्थित लोगों की भीड़ ने कहा, ”यह सचमुच बहुत अच्छा हुआ।” गौरी ने उस भीड़ से कहा कि आप लोग भी सजग रहा करो कभी भी कुछ भी संदिग्ध एक्टिविटी दिखे या कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखे तो तुरंत रिपोर्ट लिखवाओ यह चुप्पी तोड़ो अब।

आपकी चुप्पी ही तो आपकी मूल परेशानी है। यह सब कहते हुये गौरी अपनी कार में जा बैठीं। भीड़ को फोटो और वीडियो बनातेे देख ! जगत ने कार आगे जाकर रोक दी और पानी की बोतल गौरी की तरफ बढ़ाते हुये कहा, ”मैम प्लीज़ दवा खा लो तो सावन ने कहा, ”लीजिये मैम प्लीज़।” गौरी दवा खाकर आँख बन्द करके सीट से टिक गयी और उनकी बन्द आँखों से टपकते आँसू को देख सावन मन ही मन कसम लेता हैं कि मैडम आपको आँसू देने वाले उन ज़हरीले नागों का मैंने 24घंटे के अंदर फन न कुचल दिया तो इंस्पेक्टर सावन सूर्यवंशी मेरा नाम नहीं। तभी वह देखता है कि जगत बार – बार मैम को देख रहा है तो सावन ने कहा, ”जगत, गाड़ी बढ़ाओ। मैम को हल्का जुखाम-बुख़ार है बस इसलिये येे आँसू आ रहे हैं। तुम आराम से गाड़ी चलाओ। जगत का मन गाड़ी चलाने में ज़रा भी नहीं लग रहा था पर उसे सभी को सुरक्षित पहुंचाना था। यह सोच वह पूरी सजगता से गाड़ी चलाने लगा। कुछ देर बाद सावन कहता है कि जगत गाड़ी रोको और तुम भी थोड़ा सुस्ता लो। मैं सामने होटल से कुछ खाने को ले आता हूँ। जगत कहता है सर ! मैं ले आता हूँ। तो, सावन कहता है, ”तुम कोई सर्वेन्ट हो क्या कि हर काम तुम्हीं से करवाऊँ ? यह सुनकर गौरी ने कहा, ”जगत ! सावन बिल्कुल ठीक कह रहे हैं”। तुम बहुत देर से ड्राइव कर रहे हो, प्लीज़ थोड़ा आराम कर लो।” जगत बोला, ”आप लोग बहुत अच्छे हो।” यह सुन सावन हँसा अरे ! कुछ कमियां मुझ में भी है यार।” गौरी हँस पड़ी तो सावन अपना एक कान पकड़ कर बोला, ” सुधार करेंगें मैम ! पक्का और वह हँसता हुआ होटल की तरफ जगत और गौरी दोनों गाड़ी से उतर कर टहलने लगे। वह टहल ही रहे थे कि सामने कुछ भीड़ दिखी।

जगत और गौरी ने पास जाकर देखा ! तो वहाँ एक नेता पाँच गरीबों को एक पतला सा कम्बल देते हुये अपने गुर्गों से फोटो खिंचवा रहा था। फोटो खिंचवाने के बाद कहता है, ”सालों ! कल के पेपर में मेरी बड़ी सी फोटो आनी चाहिये कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सौ कम्बल गरीबों में बांटे। यह सुन उसके गुर्गे मुँह ताकते हुये बोले, ”सौ कम्बल ! सौ गरीब ?” वह नेता मूछों पर ताव देता हुआ बोला, ” अरे ! ससुरों, पीछे मलिन बस्ती में दो – चार ठो पेटी देशी ठर्रा पहुंचा दे जाकर फिर तो ससुरे बोलेगें कि साहब ! सौ नहीं पाँच सौ कम्बल मिले। यह सुन गुर्गे बोले, ” मान गये आपको।” नेता ने कहा, ”ये सब छोड़ और चल यहाँ से आज ठंडी बहुत है। वैसे तुम ससुरों ने मेरा ठंड का प्रबंध तो कर दिया है न ?” यह सुन सब गंदी हँसी हँसते हुये बोले, ”बखूबी किया है मालिक।” यह भी कोई पूछने की बात है। इतना कहकर वह सब गाड़ी में बैठ कर हवा हो गये।

यह सब देख जगत बोला, ” मैम आपने मुझे बोलने क्यों नहीं दिया “? मैं यहीं पटक-पटक के इस नेता की जान ले लेता। यह सुन वापस लौटते हुये गौरी ने कहा जगत ! मैं बवाल नहीं शांति चाहती हूँ। यह सब एक दिन में नहीं सुधरने वाला। जगत बोला, ‘ इस नेता के ऊपर कम से कम सौ मुकदमे दर्ज होगें। ताज्जुब है यह दागी लोग नेता बन जाते हैं वो भी हम ही लोगों की वजह से। मै एक बात समझ नहीं पाती कि अगर ग़रीब का छज्जा भी बड़ा हो गया तो कानून उस ग़रीब को तब तक जीने नहीं देता जब तक वह अपना छज्जा गिरा न दे पर इन भ्रष्ट नेताओं की दिन दूनी रात चौगनी बढ़तीं प्रॅापर्टी पर किसी का भी ध्यान नहीं जाता ?

क्या देश में अमीरों के लिये अलग कानून है ग़रीबों के लिए अलग समझ नहीं आता। मान लो यह नेता जेल भी जाता है तब भी इसे स्पेशल सेल में रखा जायेगा जहां उसे हर सुख उपलब्ध होगा। सरकार इन नेताओं से उनके पाँच साल में किये सामाजिक कार्यों का वीडियो सबूत क्यों नहीं लेती। जगत कहता जनता को तो वोट के बदले इन नेताओं से स्टाम्प पर लिखित लेना चाहिए कि वह बिजली, पानी, तालाब, सड़कें, सुरक्षा और रोज़गार देगें वरना पद छोड़ देगें और जेल जायेगें। गौरी ने कहा, ”जगत तुम्हारी बात काफी हद तक जायज़ है पर कुछ नेता ईमानदार भी हैं जिनकी देखादेखी यह नेता भी कम्बल बांट रहा था। दोनों गाड़ी के पास पहुंचे तो सावन बोला, ”सब खाना ठंडा हो गया। देख रहा हूँ टेबलेट का असर काफी अच्छा हुआ है? मेरा मतलब यह असली वाली दवा थी। यह सुन सब हँस पड़े और अंदर बैठ सब खाना खाने लगे। खाने के साथ-साथ जगत ने नेता के कम्बल बांटने का पूरा माजरा सुनाया तो सावन हँस पड़ा कि यह नेता लोग की काली खोपड़ी ने हम सब की खोपड़ी खाली करके रखी है देखो! मैम मेरे सिर से सारे बाल उड़ चुके हैं। यह सुन जगत बोला, ” फिर भी आप बहुत स्मार्ट लगते हैं सर अब अगर बाल भी होते तो ज़माने को आग न लग जाती ?” बस फिर क्या था यह बात सुनते ही सब ठहाका मार कर हँस पड़े फिर जगत ने गाड़ी स्टार्ट कर दी।

कुछ देर बाद सावन बोला, ” मैम ! इतनी ठंड में उस होटल पर छोटे-छोटे बच्चे बर्तन धो रहे थे। मैंने सख्ती से पूछताछ की तो उसने उन बच्चों के फोटो पहचान पत्र दिखा दिये कि वह सब बच्चे उसके हैं पर क्या कोई पिता अपने बच्चों से इस तरह बेरहमी से काम करवा सकता है। यह सब सुन गौरीने कहा कि देश के हर महकमें में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते यह सब बहुत आसानी से बन जाते हैं। यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा जाल है। जिसे ठीक करने में बहुत समय लगेगा सावन।यही सब बातें करते-करते सुबह तीन बजे सब जिला भिमारी में दाखिल होकर अपने-अपने घरों को लौट जातें हैं। इधर, गौरी अपने रूम में जाकर लेट जाती है सावन अपने घर चला जाता है और जगत अपने रूम में। सब के सब अपने -अपने रूम में लेटे हुये खामोशी से कुछ सोचते हुये सो गये।

दिन निकला तो सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त हो गये। इंस्पेक्टर सावन ने सभी नम्बर नयी सिम से मिलाकर चैक किये और बैठे – बैठे, कुछ स्कैच बनाकर तैयार किये और उन स्कैच को देखते हुआ बोला मैडम इन रावण और कंसों का मैं क्या हाल करूंगा वो तो मैं भी नहीं जानता पर इतना तय है कि उन्हें तैंतीस करोड़ देवी-देवता एक साथ याद आयेगें। सावन ने महिला पुलिस कृष्णा पिल्लई को फोन किया जो काफ़ी खतरनाक महिला इंस्पेक्टर के नाम से फेमस थीं फिर पूरी बात उनको समझा दी गयी। 

इधर नेट से गौरी अपने मिशन की ज़्यादा से ज़्यादा जानकारियां जुटाने में कामयाब हो जाती हैं और अपनी एक महिला दोस्त जो बहुत फेमस मेकअप ऐक्सपर्ट है से जाकर मिलती है। लम्बें समय बाद गौरी को सामने देख वह खुशी से उछल पड़ती है। वह गौरी से गले लग कहती है मैं बता नही सकती कि मैं तुम्हें यहां देखकर कितना खुश हूं। गौरी कहती है शैलीन मेरी दोस्त मुझे तुमसे बहुत जरूरी काम है। यह बात सुन शैलीन कहती है, ”तू बोल गौरी तेरे लिए जान भी हाज़िर है और मैं भी”।यह सुन गौरी कहती है तू नहीं सुधरेगी ? सीरियसली सुनो! तुम मुझे इतना सुन्दर बना दो कि जो भी मुझे देखे बस देखता ही रह जाये। यह सुनकर शैलीन कहती है यार बातें छुपाने की तेरी भी आदत गयी नहीं। चल मत बता पर बता देगी तो मैं तेरा साथ दूँगी यार। गौरी कहती है साथ ही तो नहीं चाहिये तेरा और न ही तेरी जैसी प्यारी किसी और लड़की का। शैलीन कहती है, यार ! तू भी न।

कुछ ही देर में वह गौरी का मेकअप करना शुरू करती है और कुछ ही देर में गौरी के नैन नक्श को बेहद खूबसूरती से उभार कर कहती है यार मेकअप तो खुद तेरा गुलाम है। तू तो वैसे भी बहुत खूबसूरत है।

गौरी कॉल गर्ल के वीडियो देखने लगती है। यह देख चौंकते हुये शैलीन कहती है, ”ओ ! गौरी किताबी कीड़े तू ये सब कब से देखने लगी”? गौरी हँसते हुये कहती है ज़्यादा न सोच शैलीन। मैं एक हॉट कॉल गर्ल दिखूँ, तुम मेरा ऐसा मेकअप कर दो। मैं बेहद हॉट कॉल गर्ल दिखना चाहती हूँ। यह सुन शैलीन का मुँह खुला का खुला रह जाता है और वह मैकअप कम्प्लीट करने के बाद कहती है यार ! तू यह सब करेगी ये तो मैने लाईफ में नही सोचा था। गौरी उसे कुछ समझाती कि शैलीन उसका कॉल गर्ल रूप देख वहीं बेहोश हो जाती है। गौरी ने उसे हिलाया पर वह टस से मस न हुई कि तभी गौरी की नज़र सामने दीवार पर टगें शैलीन के बुर्के पर गयी। बस फिर क्या था गौरी ने जल्दी से बुर्का पहना और बाहर निकल गयी। बाहर सड़क पर आकर लोकल ऑटो में जैसे ही बैठतीं है कि सामने से ड्राईवर जगत ने मैडम की चप्पल पहचान उन्हें रोक लिया। मैडम जैसे ही नकाब उठातीं है तो जगत के होश उड़ जाते हैं और वह उन्हें देखता ही रह जाता है। कुछ सोचकर मैडम कहती हैं तुम अभी मेरे साथ चलो। गौरी फिर से शैलीन के पास पहुंचती है। शैलीन सामने खड़ी पानी पी रही होती है तभी सामने अपने बुर्के में गौरी को देख !

उसके मुँह का पानी बाहर आ जाता है फिर वह रूमाल से मुँह पोछते हुये कहती है कि यह तुम्हारे साथ कौन है गौरी ? जगत कहता है मैं इनका ड्राईवर हूँ। यह सुनकर उसके हाथ से गिलास छूट जाता है। वह सोचती है अरे ! यह डी. एम- वो ड्राईवर इसे और कोई नहीं मिला। गौरी कहती है शैलीन मेरी बात ध्यान से सुनो ! ये मेरा दलाल दिखे इसका ऐसा मेकअप कर दो। वो कहती तू कॉल गर्ल और ये तेरा दलाल ! यार तू होश में तो है ? चल तुझे पास के झाड़ी वाले बाबा से झड़वा दूँ। तो, गौरी कहती है मैं ठीक हूँ। तू बस जल्दी कर दोस्त। ये सब एक केस के सिलसिले में करना पड़ रहा हैं। फिर, शैलीन जगत का भी मेकअप कर देती है और सब मिलकर नेट वीडियो की मदद से ऐक्टिंग करने को बिल्कुल तैयार हो जाते हैं। कुछ ही देर में वह दोनों वहाँ से दूर निकल जातें हैं।

पूरा प्लान सुनने के बाद जगत कहता है कि मैम यह काम बहुत रिस्की है अगर आपको कुछ हो गया तो ? नहीं मैम, कुछ और सोचो न प्लीज़। जगत को परेशान देख गौरी उसे समझाती है कि ज़िंदगी में किसी न किसी मोड़ पर रिस्क लेना ही पड़ता है और याद रखो वही मोड़ ही हमारी तकदीर व तस्वीर बदल देता है बस हिम्मत जुटाने भर की देर है।

जगत तुम मुझ पर भरोसा रखो। यह प्लान एक रामबाण है। यह सुन जगत बोलता है कि मैम मुझसे नहीं होगा बस तो, मैडम तुरन्त उस पत्रकार को कॉल कर उन्हें भी उसी जगह बुला लेती हैं और जगत के दलाल टाईप कपड़े हेयर कट और बगल में एक बैग दबाये मुँह में पान भरे गेटअप में पत्रकार एकदम दलाल दिखने लगते हैं। पत्रकार कहता हैं कि मेरा वादा है गौरी जी मैं आपको कुछ होने नहीं दूँगा और जगत तुम अपनी गाड़ी और मेरे कुछ लोगों के साथ साये की तरह मैडम के पीछे रहना। जगत कहता है ठीक है। फिर मैडम नेट से लिया गया एक बड़े दलाल का नम्बर पत्रकार को देती हैं पर वो नम्बर बन्द आता है तो गौरी सावन को कॉल करके कहती हैं कि रेड वाइन लड़की के फोन को तुमने ध्यान से देखा था ? क्या किसी दलाल का नम्बर था उसमें ? सावन कहता है सांसद रस्तोगी का नम्बर था जो मैं अभी आपको व्हाट्स अप करता हूँ। मैडम वो नम्बर पत्रकार को दे देती हैं। अब पत्रकार दलाल अंदाज में कोडवर्ड में बात करते हैं हैलो ! सर ”हॉट कॉफी” चाहिये हो तो मिलो फिर। इतना कहकर तुरंत फोन काट देते हैं। तभी तुरन्त उधर से कॉल बैक आती है तो गौरी कहती है सर पूछिये कि कहाँ आऊँ ? पत्रकार जी पूछते हैं साहब आपकी खिदमत में ” हॉट कॉफी” कहाँ लाऊँ ।

वो सांसद एक पता मैसैज करता है जिसे देखकर पत्रकार कहता है सर रोकड़ा कितना होगा ? वो बोलता है पहले देखूँगा कि कॉफी के बदले तू चाय तो नहीं दे रहा। अब जल्दी से आ जा बस। मैडम और पत्रकार दोनों एक पुरानी टूटी बिल्डिंग में पहुंचते हैं तो सांसद की चील जैसी गंदी नज़रें मानो बुर्के में पार हो रही थीं। वह चिड़चिड़ा कर बोलता है अरे ! पहले इसका बुर्का हटा जल्दी ? मैडम जैसै ही चेहरे से अपने नाकाब उठातीं है तो उस सांसद रस्तोगी का मुँह खुला का खुला रह जाता है और जब पूरा बुर्का उतार देतीं हैं तो रस्तोगी ऊपर से नीचे तक उनको महीन ब्लू साड़ी में उनके जिस्म की खूबसूरती देख पागल हो जाता है और तुरन्त पास में रखी अटैची का सारा पैसा और अपने गले की चैन भी उतार कर पत्रकार को सौंप देता है। फिर गौरी को देखकर अपने होठों पर जीभ घुमाते हुये बोलता है ”माँ कसम आज तो ईमान भी हाज़िर है।” गौरी होठों को दबाकर तिरछी नज़रों से कहती है कि ईमान नहीं कुछ और चाहिये जी। यह सुनकर वो खुशी से गदगद हो उठता है और उस सांसद के दो – तीन गुर्गे उस रस्तोगी का इशारा पाकर पत्रकार से कहते हैं अब तुम जाओ, तुम्हारा काम खत्म हुआ ?

यह सुन कर पत्रकार वहाँ से चला आता है और दूर खड़ी जगत की गाड़ी में आकर बैठ जाता हैं जिसमें कुछ विश्वासी लोगों की पूरी टीम मौजूद होती है। गौरी सांसद से कहतीं हैं कि ये जगह ठीक नहीं कोई अच्छी जगह चलो। वह फौरन गौरी का हाथ चूँमते हुये कहता है बोलो जानेमन कहाँ चलना है ? यह सुन कर गौरी सोचने पर मजबूर हो जाती है कि कभी- कभी इंसान को अच्छा काम करने के लिये कितना गलत काम भी करना पड़ जाता है और सच की खोज में कभी – कभी कितना कुछ खोना भी पड़ जाता है।

गौरी अपनी सोच में खोयी थी कि सांसद गौरी की कमर पर हाथ रखते हुये बोला, ” मेरी जान मैं तो तुम्हें देखते ही लट्टू हो गया था। यह सुन गौरी बोली,”अच्छा।” तो चलो गाड़ी में केवल मैं और तुम.. नो ड्राईवर। वो बोला हाँ मेरी जान। मैं समझ गया पर चलो पहले किसी मॉल में चलकर तुम्हें आईस्क्रीम खिला दूँ। गौरी ने कहा,पहले ड्राइवर को हटाओ। सांसद ने तुरन्त ड्राइवर को गाड़ी से उतरने को कहा। ड्राइवर के उतरते ही रस्तोगी ने गौरी का हाथ अपने सीने पर लगाकर खुद गाड़ी ड्राइव करते हुये बोला,”डार्लिंग आज जो चाहे मांग लो, ये ईमान तुम पर कुर्बान” पर माँ कसम अब इंतजार नहीं हो रहा। बोलो तो मॉल में ही अपन मीटिंग करें। गौरी की हालत अंदर ही अंदर बहुत खराब हो रही थी कि वो क्या है, और कर क्या रही है ? गै़र मर्द उसे इस तरह छू रहा है पर.. यह सब मेरे ही प्लान का हिस्सा है और मुझे अपना पार्ट पूरी संजीदगी से निभाना ही होगा जोकि मैं पूरी ईमानदारी से निभाऊँगीं। गौरी के हुस्न की महक उसे मदहोश किये जा रही थी एकाएक रस्तोगी ने गाड़ी रोक कर गौरी के गले को चूमता हुआ उसे अपनी बाहों में कस लेता है और कहता है सब तुम्हारे इस सुन्दर चेहरे और कोमल वदन का दोष है, कंट्रोल ही नहीं होता यार ! गौरी कहती है रूको ! पहले मुझे तुमसे कुछ मांगना है। यह सुन रस्तोगी कहता है जो चाहे मांगो डियर। गौरी कहती है,”मेरी एक जानी दुश्मन है जिसका नाम है ”डी.एम ईरा सिंघल” जिससे मुझे अपना पुराना हिसाब चुकाना है पर वह न जाने कहाँ छिप के बैठी है। मेरी जिद्द है कि मैं उसे अपने हाँथों से मारूँ। वो सांसद जोर से हँसा और बोला, ” बस इतनी सी बात.. तुम मुझे किस करो तो मैं बताऊँ। गौरी उसके तरफ बढ़ी तो उसने गौरी को अपनी बाँहों में भर लिया। यह देख गौरी ने कहा,”पहले उसके बारे में बताओ”। मैं तो तुम्हारे साथ ही हूँ और रात अभी बाकी है।”

कहते हैं इंतजार का फल बहुत मीठा होता है”। सांसद ने कहा, ”जान में नर हूँ मेरी बैचेनी समझो”। अब एक पल का भी इंतजार नहीं हो रहा मानो चार दिन से भूखे जानवर के सामने करारा भुना मांस पड़ा है। यह सुन गौरी ने उस सांसद के कान में वीडियो से सुना हुआ डॉयलॉग मार दिया कि हाँ, “वो तो रात का बिस्तर ही बतायेगा कि तुम नर हो या नपुंसक।” यह सुनकर सांसद बोला,”बेफिक्र रहो। तुम्हारी बोलती बन्द न कर दी तो मैं मर्द नहीं” और फिर गौरी के हाथ को चूमते हुये बोला, ”चलो तुम भी क्या याद रखोगी लेडीज़ फर्स्ट कहो तुम। गौरी कहती है सुनो ! वह जो बवाली डी.एम है। उसको शहर से बाहर एक खंडहर के गुप्त तलघर में रखा गया है।

गौरी ने पूछा कि उसकी रखवाली में वहां कितने लोग हैं ? यह सुन वह जोर से हँसा कितने क्या बस एक ही है वह अकेला। जेल से भागा हुआ कैदी है जिस से ज़िन्दगी ही नहीं मौत भी पनाह मांगती है। उसका एक हाथ जिस पर पड़ जाये समझो वो आदमी वहीं खत्म। वो इतने बड़े खंडहर में अकेले ही रहता है। वो बहुत खूँखार है। उसका नाम “पायरिया धानी” यानि जिंदा मौत है। गौरी ने कहा,”तुम झूठ बोलते हो यार इतना भी मत फेंको। यह सुनकर उसने गाड़ी को दूसरी ओर मोड़त हुये कहा, “पहले तुमको तुम्हारे दुश्मन से मिला दूँ फिर तुम्हारी इन दुश्मन निगाहों से निपटेगें लव यू जानेमन।

इधर रस्तोगी की गाड़ी तेजी से भाग रही थी और पीछे जगत की गाड़ी उनका पीछा कर रही थी । गौरी ने कहा,कोई मस्त गाना सुनाओ। सांसद बोला,”तेरा नाम क्या है मेरी धड़कन ? गौरी ने कहा, ”तुमने तो बोल भी दिया ‘धड़कन’ नाम है मेरा। सांसद गौरी को देखकर बोला बिल्कुल सही नाम रखा रखने वाले ने। गौरी बोली सामने देख के चलाओ यार। वो बोला,”तुम बालाओं के नखरे कसम से मौत से ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं। मैं तो कसम से मरा बैठा हूँ आज। गौरी गाड़ी में लगे शीशे में देखती हुई सोच रही है कि क्या मैं सचमुच सुन्दर लग रहीं हूँ और ये मेरी सुन्दरता में पागल हो रही है पर…’उनको’ कुछ क्यों नहीं होता, जिसे कभी मैने इतना चाहा था।

यह सोच ही रही थी कि इंस्पेक्टर सावन का मैसैज आया कि मैंने उन सबको गिरफ्तार कर लिया है जिसने आपकी ज़िंदगी नर्क बना रखी थी। ये देखो ! स्कैच ? गौरी,उन सब स्कैच को देख चौंक गयी। तभी सावन की कॉल आयी कि बोलो मैम ! मैंने ठीक किया न ? गौरी ने आसुँओं को गले में ही पीते हुए कहा,” हाँ, ठीक किया”। तभी सांसद ने कहा, ”यार नो कॉल प्लीज़” गौरी ने कहा, ”ओके” गौरी ने कहा,”और कितनी दूर है”? वो बोला बस आ ही गया मेरी धड़कन। थोड़ी देर बाद ही गाड़ी एकदम सुनसान जगह पर रूकी जहां मरघट जैसा सन्नाटा छाया हुआ था जहाँ दूर – दूर तक कुछ नहीं था। वो दोनों उस खंड्हर में अंदर पहुँचे तो ढ़ेरों चमगादड़ों को लटका देख वो अंदर तक काँप गयी तभी ढ़ेर सारे कबूतर उसके सिर के ऊपर से उड़ गये तो सांसद ने गौरी को कस के पकड़ लिया और बोला डरो मत जानेमन चलो अंदर। वो दोनों अंदर पहुंचे तो एक बड़ा सा आदमी पेट के बल लेटा हुआ था। कदमों की आहट सुन ! वो भारी आवाज़ में बोला कि किसकी मौत लिखी है आज। सांसद ने कहा,”धानी बाबू देख ! तुझ से कौन मिलने आया है ? वह उठ कर कुछ बोलता कि गौरी को देख दंग रह गया और बोला,”पूजा तुम”? गौरी ने चौंक कर कहा,”गुड्डू तुम। यह देख सांसद बोला यह अच्छा हुआ तुम लोग एक दूसरे को जानते हो। इसी बात पर मैं गाड़ी से दारू उठाकर लाता हूँ पार्टी होगी आज। तुम दोनों यहीं बेैठो।

सांसद के जाने के बाद गौरी ने कहा, ”मैं जब गाँव शहबाजपुर जाती थी तब तुम पढ़ने में कितने होशियार थे। मेरी सभी सब्जेक्ट प्रॅाब्लम मिनटों में सॉल्व कर दिया करते थे। तुमको याद है ना। वो चंदेल चाचा के बाग में हमने तुमने खूब अमरूद तोड़े हैं। तुम्हारे दांत में पायरिया था तो तुमको सब पायरिया बोलने लगे थे हैं ना। फिर पता चला कि तुम्हारी पकड़ हो गयी और अचानक तुम्हारी बहन धानी भी कहीं गायब हो गयी। फिर ना तुम मिले ना मौसी। यह सब सुन वह बोला,”माँ तो सालों पहले ही गुज़र गयी पूजा। रही बात मेरी तो मैं बदनसीब उनको अंतिम बार भी न मिल सका।

गौरी की सवालिया निगाहों को देख वह बोला कि अब क्या बताऊँ। बहुत लम्बी कहानी है। सारी पढ़ाई-लिखाई तो बहुत पीछे छूट गयी पर हाँ स्कूल मैडम की एक बात आज भी याद हैं कि दूरी सदैव धनात्मक होती है। उस बात का मतलब आज समझ आया कि वाकयी दूरी धनात्मक हुई देखो ! गौरी इतनी दूरियों के बावजूद तुम मुझे मिलने आ गयी। यह सुनकर गौरी ने कुछ सोचा और गुड्डू के पास जाकर बोली, ”यह सांसद बहुत गलत इंसान है आज इसने मुझे गलत तरीके से कई बार छुआ …वो अपनी बात पूरी भी न कह सकी कि गुड्डू ने सामने से आते हुये उस सांसद के गले में ऐसा मुक्का मारा कि वह वहीं खत्म हो गया और पायरिया ने बिना देर लगाए उसकी लाश पीछे कुऐं में जाकर फेंक दी। गौरी यह मंजर देख अंदर तक कांप गयी।

वो बोला,”पूजा तुम यहाँ कैसे ? एक बात बोलूँ ? तुम बड़ी होकर बड़ी सुन्दर हो गयी हो सचमुच। गौरी, गुड्डू का यह भयावह रूप देख सहम गयी। तब, गुड्डू ने कहा, ” पूजा तुमने इतना मेकअप क्यों कर रखा है ? तुझ पर मेकअप सूट नही करता पूजा। हाँ चलो मेकअप कोई बात नहीं पर तूने अपनी चोंच इतनी लाल क्यों कर रखी है।

गौरी ने कहा चोंच ? गुड्डू ने गौरी के लाल लिपस्टिक लगे होंठों की तरफ इशारा किया। यह सुन गौरी हँस पड़ी। देख ! गुड्डू तेरे लड़कियों के होंठ को चोंच बोलने की आदत गयी नहीं। वैसे तूने इतनी गज़ब की बॉडी क्यों बना रखी है ? यह सुन वह भी हँस पड़ा और बोला बॉडी छोड़ और ये बता कि तू इस कमीने सांसद के साथ.. मैं कुछ समझा नहीं..। गौरी कहती है कि मैं इसी का सहारा लेकर यहाँ तक पहुँची हूँ क्योंकि जिसको तुमने कैद कर रखा है मुझे उनसे मिलना है प्लीज़ मुझे दिखाओ वो कहाँ हैं ? पायरिया कहता है ये जो कालीन बिछा है इसके नीचे वो कैद हैं और नीचे जाने के लिए एक कोड है उसको डालो तब यह जाल खुलेगा तब ही तुम अंदर जा सकोगी। गौरी कहती है,कोड दो गुड्डू ? पायरिया कहता है, ”मैं अगर जिंदा हूँ तो मंत्री जी के कारण, मैंने उनका नमक खाया है और मैं उनसे गद्दारी नहीं करूँगा। अब चाहें वो गलत हो या सहीं वही मेरे भगवान है।

गौरी ने कहा,”देशद्रोही भगवान कैसे हो सकता है गुड्डू ? गुड्डू ने कहा,”पूजा छोड़ न ये सब.. बता कैसी है तू ? चलो बचपन की यादें ताजा करते हैं। गौरी धीरे से सावन और पत्रकार जी को मैसैज करती है कि ईरा जी मिल गयीं जल्दी आओ और वह शहर के तीसरे बड़े भूतिया खंड्हर के अंदर कैद हैं, जल्दी पहुंचों। गौरी कुछ सोचती हैं और फिर गुड्डू से कहती है कि वॉव ! ये पिस्टल। चलो मुझे भी चलाना सिखाओ ? वो हंसता है यहाँ कोई आम और अमरूद नहीं बल्कि मेरा सर है दोस्त। वह भी हँस पड़ती है उसे हँसता देख पायरिया उसके रूप सौन्दर्य को देखता ही रह जाता है। फिर गौरी पिस्टल उठाकर इधर – उधर गोली चलाने लगती है और उसे समझाती हुई कहती है देख ! गुड्डू तू यह सब गलत काम छोड़ दे।

गुड्डू कहता है मुझ अनाथ का अपना है कौन जिसके लिये कुछ छोडूँ। वह कहती है ऐसे मत बोलो मैं हूँ न तेरी दोस्त पूजा। वह कहता है चल झूठी तेरा तो पति और बालक होगें बोल। यह सुन वह चुप हो जाती है और कहती है पति है बालक नहीं। यह बात सुन और गौरी का उदास चेहरा देख गुड्डू को यह समझते जरा भी देर नहीं लगती कि जरूर इसके पति व इसके बीच कोई अनबन होगी या बच्चा न होने की पीड़ा। गौरी कहती है यह सब छोड न गुड्डू तू बता मेरे साथ रहेगा मैं तेरे लिए जिम खुलवा दूंगी तुम सबकी बॉडी बनवाना खूब कमाना। वह हँस कर बोला अभी तक सौ से ज्यादा मर्डर कर चुका हूं और भी तमाम बड़े अपराध मेरी दुनिया और तुम्हारी दुनिया का अब मेल सम्भव नहीं।

वह बोली तुम आत्मसमर्पण कर दो गुड्डू मैं नहीं चाहती तुम पुलिस की गोली के शिकार हो। वह कहता है गोली से कौन डरता है मैं तो मीठी बोली से डरता हूँ कि कहीं मेरे यह खूनी हाथ खून करने से रूक न जाएं। वह कहती है किस अपराध के सबसे ज्यादा खून किये तुमने। वह कहता है बलात्कारियों के। देश के गद्दारों के माफियाओं के मानव अंग तस्करों के जो मुझे गलत लगा वह नहीं बचा हाँ कुछ सही लोग भी मुझे बिना बताये मेरे नाम से मरवाये गये। गौरी उसका हाथ पकड़ कर कहती है गुड्डू अब तक तुमने अपने मन की, की है बस लास्ट बार अपनी दोस्त की भी सुनो। तुम ईमानदारी से मुझे कोड बता दो गुड्डू प्लीज़ कहते हुये आँखों में आँसू आ जाते हैं। गुड्डू अपनी दोस्त के आँसू देख कहता है जानना चाहोगी कोड क्या है। वह हाँ में सिर हिलाती है।

गुड्डू कहता है कोड है ”पूजा” वह कहती है कोड बताओ प्लीज़। वह कहता है तेरा नाम ही कोड है ”पूजा”। पूजा गुड्डू का शुक्रिया अदा करके कहती है कि नीचे फेमस डी.एम. ईरा सिंघल जी पाँच वर्ष से कैद हैं। मैं उन्हीं को छुड़ाने आयी थी। यह सुन वह बोला, ” मुझे तो बताया गया था नीचे कोई नरभक्षी औरत है। गौरी कहती है क्या ? गुड्डू कहता है हाँ पर तू मुझे पूरी बात बता पूजा। गौरी यानि पूजा गुड्डू को ईरा जी की पूरी कहानी सुनाती हैं। 

क्रमशः


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