अनिश्चित
अनिश्चित
जिंदगी हम सब बहुत उत्साह से जीते हैं
परन्तु मौत को इतनी नजदीक से देख कर लगता है
इस क्षणभंगुर के पीछे हम इतने लालायित क्युँ
जो तय तो है पर ठिकाना पता नहीं
वह कब अपने आगोश में हम सब को ले लेगा
इस अनिश्चित काल के लिए हम इतना निश्चिंत